
इंडिया एक्सप्रेस न्यूज़ का कहर: होमगार्ड विभाग में वर्दी का लुटेरा कृपाशंकर पांडेय गिरफ्तार

सत्ता और पैसे में मदांध में अंधे प्रमोटी कमांडेंट को पुलिस ने सलाखों के पीछे भेजा
कमांडेंट साहेब,हराम की कमाई में हिस्सा सब लेते हैं लेकिन जब फंसते हैं तो कोई नहीं देता साथ
शेखर यादव
लखनऊ। होमगार्ड विभाग का सबसे चर्चित और भष्ट प्रमोटी कमांडेंट आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे पहुंच ही गया। लखनऊ का चार्ज लेेने के बाद उस पर पूर्व मंत्री अनिल राजभर ने हाथ क्या रखा वो बेअंदाज हो गया। उसने जवानों को ड्यूटी देने और हटाने के नाम पर अपना खेल शुरू किया। जिसे चाहा डयूटी से हटाया और जिसे चाहा गरियाकर भगाया। इतना ही नहीं,फर्जी मस्टर रोल बनाकर कामर्शियल प्रतिष्ठान ,सरकारी विभागों सहित सभी जगह पर जवानों की तैनाती ज्यादा दिखाता और कम की तैनाती कर,करोड़ापति बन गया। अपने खिलाफ कोई कार्रवाई ना होते देख इसने पूर्व मंत्री की सुरक्षा में तैनात होमगार्डों की संख्या में भी फर्जीवाड़ा करने लगा।
द संडे व्यूज़ में खबरें छपती रही लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही गलतफहमी पूर्व मंत्री अनिल राजभर को हुई और इस प्रमोटी कृपाशंकर को भी…। फिर क्या था। अनिल राजभर पर सरकार की निगाहें थी, इसलिए वो निपट गए। अनिल राजभर को मुख्यमंत्री ने विकलांग विभाग देकर एक तरह से विकलांग ही कर दिया और इस प्रमोटी कमांडेंट को सलाखों के पीछे ढकेल दिया। सही कहा गया है कि जब रावण का अहंकार टूट गया तो ये तो प्रमोटी कमांडेंट ही है।
आखिर में एक सवाल तो दागना बनता है कि अब तेरा क्या होगा कृपाशंकर… कौन करेगा तुम पर कृपा…।
क्योंकि दो नंबर की कमाई लेने में सभी को मजा आता है लेकिन जब दगती है ना तो सारे आका गायब हो जाते हैं। अब आप समाज और अपने सगे-संबंधियों को बताओ कि आप कितना भ्रष्ट हो और रिश्वतखोरी के मामले में गोमतीनगर पुलिस धकियाते हुए आपको सलाखों के पीछे ढकेल दिया। अब आपके पास क्या बचा ? समाज से लेकर विभाग के अफसरों यहां तक की अदने से चपरासी तक की नजरों में आप रिश्वतखोर, महा भ्रस्टाचार ,जेल जाने वाले प्रमोटी कमांडेंट बन गए हो। क्या जेल से बाहर आने के बाद आप पर से ये तगमा हट पाएगा ? शायद नहीं क्योंकि आपने भ्रस्टाचार की पराकाष्ठा पार कर दी है और विभाग की साख को बट्टा लगाने का काम किया है।
आज पैसों की हवस की वजह से आप जेल की कोठरी में उन कैदियों के साथ हो जो या तो जेबकतरा होगा या पेशेवर अपराधी…। वहां पर आपमें और उन कैदियों में कोई फर्क नहीं है क्योंकि जेल की सिखचों के पीछे सभी सिर्फ अपराधी ही होते हैं…। आपने ने होमगार्ड विभाग की छवि पूरी तरह से धूमिल कर दिया है। शायद अब अफसर और कर्मचारियों को अपनी पहचान बताने में भी शर्मशार होना पड़ेगा क्योंकि सभी की जुबां पर आप द्वारा किया गया बदनामी का धब्बा है।