
दिल्ली में लगभग हर चौथा व्यक्ति संक्रमित, 45-50 लाख लोगों तक पहुंच चुका है कोरोना

कोरोना संक्रमण से विस्फोट के मुहाने पर दिल्ली
लगभग हर चौथा व्यक्ति संक्रमित, 45-50 लाख लोगों तक पहुंच चुका है कोरोना
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की रिपोर्ट :23 प्रतिशत लोगों में पायी गयी एंटीबाडीज
रोमेश चतुर्वेदी
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार कोरोना को रोकने में सफल हुयी या नाकाम ? इस सवाल को केजरीवाल सरकार जो भी जवाब दे लेकिन सच ये है कि दिल्ली मौत के मुहाने पर खड़ी है। कोरोना के संक्रमण से दिल्लीवासी भयाक्रांत हैं,हर कोई एक-दूसरे को शक की निगाहों से देख रहे हैं। जिंदादिलों के शहर दिल्ली की हर गलियों में कोरोना पॉजीटिव पाये जा रहे हैं। जैसे ही एम्बुलेंस के सायरन की आवाजें लोगों के कानों में पड़ती है,सभी अपना काम-धाम छोड़ उस गली की ओर ताकते हैं,जिधर से एम्बुलेंस गुजरती है और किसी के घर के सामने रूकती है। सफेद लबादा पहनकर जब डॉक्टर की टीम एम्बुलेंस से नीचे उतरते हैं तो सभी एक अनजाने भय से डर जाते हैं। सीधी बात करें तो दिल्ली सरकार कोरोना से शहरियों को बचाने में पूरी तरह से नाकाम हो गयी है तभी तो नेशनल सेंटर फॅार डिजीज कंट्रोल और दिल्ली सरकार द्वारा कराये गये सेरो- सर्वेलन्स स्टडी में ये भयावह और चिंताजनक नतीजे आये हैं।
27 जून से 10 जुलाई तक पूरे दिल्ली में चले इस सर्वे में लगभग 23 प्रतिशत लोगों में इस संक्रमण के खिलाफ लड़ती एंटीबाडीज मिली हैं। मतलब साफ है कि संक्रमण अच्छी खासी आबादी तक अपनी पहुंच बना चुका है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक सुरजीत कुमार सिंह बताते हैं कि ज्यादातर लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं पर इस सर्वे से हम परिस्थितिओं का सही- सही अनुमान कर सकते हैं। दिल्ली के विभिन्न जिलों में 21387 लोगों पर ये सर्वे किया गया है। दिल्ली की अनुमानित 2 करोड़ की जनसंख्या के लिहाज से इस सैंपल साइज के हवाले से भी कई अनुमान लगाये जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सैंपलसाइज बढ़ा दिये जाये, तो नतीजे और चौकाने वाले होंगे। और अब सवाल बचे हुए 77 प्रतिशत जनसंख्या का भी है। उनमें इन संक्रमण को रोकने के लिये सरकार क्या उपाय करेगी। लॅाक डाउन खत्म होने के बाद काम-काज के लिये निकले लोग इस संक्रमण के आसानी से शिकार होंगे।अभी से चरमरा रही स्वास्थ व्यवस्था क्या संक्रमण के इस फैलाव को संभाल पायेगी ,यही एक बड़ा सवाल है।