केन्द्रीय मंत्री का पुत्र आशीष मिश्रा लखीमपुर हिंसा का मुख्य आरोपित, पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल

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लखनऊ। लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में उपद्रव के बाद तीन अक्टूबर को हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत के मामले में सोमवार को चार्जशीट दाखिल की गई। लखीमपुर खीरी हिंसा के 88 दिन बाद दाखिल इस चार्जशीट में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपित बताया गया।उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले इस केस की जांच कर रही एसआइटी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, वह पूरे पांच हजार पन्नों की है। इसमें बताया गया है कि आशीष मिश्रा मोनू घटनास्थल पर मौजूद था। लखीमपुर हिंसा के मामले में सोमवार को 88 दिन पूरे होने पर आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। आरोप और विवेचना के दौरान दर्ज किए गए बयानों पर लोगों की नजरें टिकी थींलखीमपुर खीरी की हिंसा के मामले में पांच हजार पेज की चार्जशीट में पुलिस ने 17 आरोपितों के खिलाफ पत्र दाखिल किया है।
सीजेएम चिंताराम की कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में 17 लोगों को जिम्मेदार माना गया है। इनमें से मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू तथा 14 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। अन्य तीन की मौत हो गई है। इस केस में पुलिस 208 गवाह भी कोर्ट में पेश करेगी। विवेचक इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर ने सोमवार को चार्जशीट दाखिल की है। एसपीओ एसपी यादव ने आरोप पत्र दाखिल होने की पुष्टि की है। इस हिंसा में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत 14 आरोपित जेल में हैं। चार्जशीट में मोनू मिश्रा को मुख्य आरोपित माना गया है।
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के थाना तिकुनिया क्षेत्र में ङ्क्षहसा के दौरान एक पत्रकार समेत चार किसानों की हत्या वाहन से रौंदकर की गई थी। घटना के दूसरे दिन जिला बहराइच के कोतवाली नानपारा निवासी जगजीत की तहरीर पर थाना तिकुनिया में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना तिकुनिया में बलवा, हत्या, दुर्घटना व हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। सात अक्टूबर को खीरी हिंसा कांड से जुड़े आरोपित लवकुश राणा व आशीष पांडेय को एसआइटी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। दूसरे दिन जेल भेज दिया था। नौ अक्टूबर को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा अधिवक्ता के साथ एसआइटी के सामने बयान दर्ज कराने पुलिस लाइन पहुंचे थे। जहां 12 घंटे की पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया था।

 

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