आचार संहिता का मजाक :हवलदार प्रशिक्षक ने ‘प्राइवेट व्हाटसअप’ पर भेजा विधान सभा प्रत्याशी का फोटो,नहीं है ‘ऑफिशियल ग्रुप’, कैसे करुं कार्रवाई ?

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सवाल: डीआईजी को मालूम है कि अंजन भगत जिस विधान सभा प्रत्याशी भारतीय शक्ति चेतना पार्टी प्रत्याशी का प्रचार कर रहा है वो कौन है ?

सवाल: विधान सभा प्रत्याशी भूपेद्र्र प्रताप सिंह पूर्व में होमगार्ड विभाग का ‘पीसी’ पद पर तैनात था। क्या इसीलिये रामनगर के मंडलीय कमांडेंट जी. सी. कटियार और डीआईजी विवेक सिंह अंजन भगत पर नहीं कर रहे हैं कार्रवाई?

सवाल: अंजन भगत ने जिस ग्रुप पर विधान सभा प्रत्याशी का प्रचार किया,उस ग्रुप पर डीआईजी,मंडल,कमांडेट,इंस्पेक्टर,बीओ जुड़े हैं। फिर कैसे माना जाये निजी ग्रुप ?

सवाल: अंजन भगत ने उत्तर प्रदेश होमगार्ड ऑफिस ‘यूपीएचजी ऑफिस’ ग्रुप पर किया राजनैतिक दल का प्रचार,क्या करेगा चुनाव आयोग ?

      संजय पुरबिया

लखनऊ। द संडे व्यूज़ ने केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान,लखनऊ में तैनात डीआईजी विवेक सिंह से पूछा कि क्या हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत का किसी व्यक्ति विशेष का चुनाव प्रचार व्हाटसअप पर करना उचित है ? इस पर डीआईजी ने कहा की अगर मेरे मोहल्ले में कोई चुनाव लड़ेगा और मैं उसका प्रचार करुंगा, तो क्या आप इसे गलत मानेंगे ? जहां तक अंजन भगत की बात है तो उसने विभागीय ग्रुप में फोटो नहीं भेजा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वो बार-बार प्रचार करने के लिये मैसेज डाले, तब गलत होगा। अंजन ने सिर्फ एक बार फोटो भेजा है…। डीआईजी की कुर्सी पर बैठने वाले विवेक सिंह जब इस तरह का गैर जिम्मेदाराना तरीके से बयान देंगे तो निचले स्तर के कर्मचारी तो शासन और आचार संहिता की धज्जियां उड़ायेंगे ही…।

द संडे व्यूूज़ ने डीआईजी विवेक सिंह के कार्यालय में जाकर कल सिर्फ यही सवाल किया कि वाराणसी के रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने उस व्हाटसअप ग्रुप पर एक राजनैतिक पार्टी का फोटो डाला,जो विधान सभा चुनाव में प्रत्याशी है ? हवलदार प्रशिक्षक सरकारी मुलाजिम होकर ऐसा किया है,उसके खिलाफ आपने क्या कार्रवायी की ? डीआईजी ने कहा कि आपके चैनल से मालूम चला कि अंजन भगत ने विभाग से ही रिटायर्ड पेड पीसी भूपेन्द्र प्रताप  का पोस्टर निजी व्हाटसअप पर डाला है। इसमें कार्रवाई नहीं कर सकता। यदि विभागीय व्हाटसअप होता तो जरूर कार्रवाई करता…। डीआईजी साहेेब आपको बता दूं कि वो व्हाटसअप अंजन भगत का निजी व्हाटसअप नहीं है,क्योंकि उस ग्रुप का नाम यूपीएचजी ऑफिस लिखा है। यानि उत्तर प्रदेश होमगार्ड ऑफिस । जिसमें मुख्यालय पर तैनात डीआईजी से लेकर तमाम मंडलीय कमांडेंट,कमांडेंट,इंस्पेक्टर,ब्लॉक आर्गनाइजर व हवलदार प्रशिक्षक जुड़े हैं। इस ग्रुप में सिर्फ विभागीय अधिकारी व कर्मचारी हैं ना कि बाहरी व्यक्ति…फिर कैसे निजी व्हाटसअप ग्रुप है ? द संडे व्यूज़ ने फिर सवाल दागा कि अंजन भगत ने ऐसा कर आचार संहिता का उल्लंघन किया या नहीं ? डीआईजी ने जवाब दिया कि यदि मेरे मोहल्ले में कोई प्रत्याशी आये और मैं उसका प्रचार करने लगूं तो आप उसकी भी खबर बना देंगे…। डीआईजी साहेब,द संडे व्यूज़ तो यही कहेगा कि आप सरकारी नियमावली या तो जानते नहीं या आप जानबूझ कर आचार संहिता का मखौल बना रहे हैं। बता दूं कि कोई सरकारी कर्मचारी जब तक नौकरी में है, किसी राजनैतिक दल का प्रचार कर ही नहीं सकता…।

डीआईजी  विवेक सिंह जी अब द संडे व्यूज़ आपको देने जा रहा है आचरण नियमावली का ज्ञान,क्या होता है -आचरण नियमावली : नियम 5 में स्पष्ट कहा गया है कि कोई सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल का या किसी ऐसी संस्था का जो किसी राजनीतिक दल में हिस्सा लेती है,सदस्य नहीं बनेगा और ना ही उससे संबंध रखेगा। इतना ही नहीं, ना ही वो किसी ऐसे आंदोलन या संस्था में हिस्सा लेगा,उसकी सहायतार्थ चंदा देगा या किसी अन्य रीति से उसकी मदद करेगा,जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति विद्रोही हो या उसके प्रति विद्रोही कार्यवाहियां करने की प्रवृत्ति पैदा करती हो।

उदाहरण के तौर पर राज्य में ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ तीन राजनैतिक दल हैं-  ‘क’ वह दल है जिसके हाथ में सत्ता है और जिसने उस समय की सरकार बनायी है। ‘ख’ एक सरकारी कर्मचारी है। इस उपनियम का प्रतिबंध ख पर सभी दलों के संबंध में लागू होता है,जिसमें क दल भी,जिसके हाथ में सत्ता है।  नियमावली में यह भी लिखा है कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी का कर्तव्य होगा कि वह अपने परिवार के किसी सदस्य को,किसी ऐसे आंदोलन या क्रिया में,जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति विद्रोही है,किसी अन्य रीति से रोकने में असफल रहे तो वह इस आशय की रिपोर्ट सरकार के पास भेज देगा।

जहां तक अंजन भगत पर कार्रवाई की है तो उस पर सबसे पहले तो ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात मंडलीय कमांडेंट जी.एस.कटियार को करना चाहिये उसके बाद आपको…। अब वो कटियार का निजी काम करता है इसलिये कार्रवाई तो दूर वो मीडिया पर ही भड़ास निकालेंगे क्योंकि उस पर मुख्यालय के तथाकथित अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है। देखना है चुनाव आयोग इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है…। द संडे व्यूज़ यही सवाल चुनाव आयोग के अधिकारियों से भी करेगा…।


बता दें कि बता दें कि  द संडे व्यूज ने 11 जनवरी को डीआईजी के सामने हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत कर रहा है आचार संहिता का उल्लंघन शीर्षक से खबर प्रकाशित की। जिसमें  रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने आज यानि 9 जनवरी 2022 की शाम 7 बजकर 15 मिनट पर व्हाटसअप ग्रुप पर भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का पोस्टर पोस्ट करता है। पोस्टर में विधान सभा 175 लखनऊ सदर के प्रत्याशी भूपेन्द्र प्रताप सिंह हांथ जोडक़र खड़े हैं। अंजन भगत इस पोस्ट को उस व्हाटसअप ग्रुप में डालते हैं जिसमें खुद उसके विभाग के डीआईजी रंजीत सिंह सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी जुड़े हैं। क्या एक सरकारी कर्मचारी को अपने व्हाटसअप ग्रुप में किसी प्रत्याशी का प्रचार करना चाहिये? क्या ये आचार संहिता के उल्लंघन करने के दायरे में नहीं आता ? क्या अंजन भगत को विभागीय अधिकारियों ने ये अधिकार दिया है कि वो अपने पद पर रहते हुये सार्वजनिक तौर पर सरकारी व्हाटसअप ग्रुप में किसी प्रत्याशी का प्रचार कर सकता है ? वो भी ऐसे ग्रुप पर जिसमें उसके वरिष्ठ अधिकारी जुड़े हों ?

यदि हां तो इसका जवाब तो चुनाव आयोग को लेना ही चाहिये…। नहीं तो फिर वरिष्ठ अधिकारियों के जुड़े होने के बावजूद एक हवलदार प्रशिक्षक ने आचार संहिता के खिलाफ जाने की जुर्रत कैसे की ? बड़ा सवाल है और देखना है कि होमगार्ड मुख्यालय पर बैठे डीजी,डीआईजी इस पर क्या करते हैं…।

आखिर अंजन भगत ने क्यों यूपीएचजी आफिस ग्रुप पर राजनैतिक दल का पोस्टर डाला ? उसकी मंशा क्या थी ? यदि इतना खुलासा करने के बाद भी विभाग कार्रवाई ना करे तो इस बात को संज्ञान चुनाव आयोग को लेना चाहिये। चौंकाने वाली बात तो यह है कि रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर बैठे मंडलीय कमांडेंट इस पर कार्रवाई करने के बजाय ताव खा रहे हैं और बकबका रहे हैं कि मीडिया में जितना छपवाओ अंजन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। सीधी बात करें तो मंडल चुनाव आयोग और योगी सरकार को चुनौती दे रहे हैं।नीचे ग्रुप में जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम हैं-

 

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