क्या यूपी में सबसे पेंचदार सीट है कैण्ट विधानसभा? मेयर, दिनेश शर्मा, अपर्णा यादव,नीरज सिंह, मयंक जोशी का नाम चर्चा में

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सत्ता के गलियारों में मची धूूम : कद्दावरों की मांग हमें चाहिये कैण्ट विधान सभा सीट !

क्या यूपी में सबसे पेंचदार सीट है कैण्ट विधानसभा? मेयर, दिनेश शर्मा, अपर्णा यादव,नीरज सिंह, मयंक जोशी का नाम चर्चा में

अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होते ही कैण्ट विधानसभा सीट के प्रबल दावेदारों में उछला नाम

 

   संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव जैसे-जैसे अपने तय समय के करीब पहुंच रहा है राजनीतिक गलियारों में माहौल खासा गरमाहट लाता जा रहा है। जिस तरह मौसम ठंड का रिकार्ड तोडऩे को बेताब है,उसी तरह विधान सभा में पहुंचने का ख्वाब पाले सत्ता के धुरंधर राजनेताओं के ‘लाल’ और ‘बहुओं’ की पुरजोर कोशिश से भाजपा पार्टी कार्यालय का माहौल गरमा गया है। ‘चाहत’ सभी की एक है। लखनऊ कैण्ट विधान सभा की सीट उनकी ही झोली में ही गिरे। कहावत है ना कि ‘एक अनार सौ बीमार’…। आखिर कैण्ट विधान सभा सीट से टिकट पाने के लिये सभी इतने बेताब क्यों हैं ? सत्ता के गलियारों में बैठने वाले खबरनवीसों की मानें तो लखनऊ कैण्ट विधान सभा सीट कभी कांग्रेस के मुफीद था लेकिन अब इसे भाजपा की सीट मानी जाती है। कैण्ट विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिये यूपी के उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा जो कभी लखनऊ के मेयर भी थे, का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। शर्मा जी, जब लखनऊ के मेयर बने थे,उस दौरान उन्हें कैण्ट इलाके में सबसे अधिक बढ़त मिली थी। विधान सभा चुनाव में भाजपा ने टिकट फाईनल करना पार्टी के लिये आसान नहीं दिख रहा। इनके अलावा टिकट की दावेदारी में सबसे अधिक चर्चा में उनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने छोटे बेटे नीरज सिंह, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया की बहू, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव, प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी का नाम चल रहा है। सभी टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि इन नामों पर चर्चा सत्ता के गलियारों में तो है लेकिन भाजपा की तरह से अभी तक किसी नाम पर कोई मुहर नहीं लगी है। अब कौन होगा ‘किस्मत वाला’ या ‘वाली’,ये तो चंद दिनों में मालूम चल जायेगा। चौंकाने वाली बात तो यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहां से चुनाव लड़ेंगे, इस बात को लेकर सूबे में जितना गहमा-गहमी था उससे कहीं अधिक बवंडर कैण्ट विधान सभा सीट से कौन प्रत्याशी बनेगा,किसके सिर पर टिकट का सेहरा बंधेगा,वगैर-वगैरह चर्चा है। अपर्णा यादव आज भाजपा में शामिल हो गयी हैं तो कैण्ट विधान सभा से टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।


लखनऊ कैंट विधानसभा सीट सबसे सुरक्षित होने के चलते भाजपा के बड़े- बड़े कद्दावर नेता यहां से अपनी किस्मत आजमाना चाह रहे हैं। इसी सीट पर उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और कभी लखनऊ के मेयर रहे डॉ. दिनेश शर्मा का नाम भी बहुत जोर शोर से चल रहा है। इसी तरह, सपा सुप्रिमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को भाजपा में लाये जाने की बातें खूब की जा रही है।यदि ऐसा होता है तो भाजपा एक तीर से दो निशाला लगा सकती है। यादव परिवार का सबसे करीबी सदस्य  भाजपा में आता है तो जहां चुनावी माहौल बनेगा वहीं उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी परिवार का बिखराव दिखाकर बाजी अपने पक्ष में करने में कामयाब हो सकती है। दिल्ली में आज सुबह अपर्णा यादव ने भाजपा में शामिल हो गयी हैं, इसलिये कैण्ट विधानसभा सीट की सबसे प्रबल दावेदार में इनका नाम उछल गया है। देखते हैं भाजपा उन्हें पार्टी के ‘पद’ देती है या कैण्ट विधान सभा सीट का ‘टिकट’…।

सत्ता के गलियारों की बातों पर गौर करें तो देश के रक्षा मंत्री और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के छोटे बेटे नीरज सिंह को भी कैंट से चुनाव लड़ाये जाने की हवा बह रही है। आधिकारिक तौर पर इस परिवार ने इस सीट पर कोई दावेदारी नहीं की है और भाजपा की ओर से भी इस पर कोई बयान नहीं आया है। बावजूद इसके भाजपा के कार्यकर्ता राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह को कैंट विधानसभा से चुनाव लडऩे की पैरवी में जुटे हुये हैं। अब भला, लखनऊ की इसी कैंट विधानसभा से प्रयागराज की सांसद और उत्तर प्रदेश में पूर्व कैबिनेट मंत्री रही डॉ. रीता बहुगुणा जोशी कैसे शांत बैठती। वे अपने बेटे मयंक जोशी का राजनीतिक कैरियर बनाना चाहती हैं। मयंक भी सामाजिक कार्यों में बढ़-चढक़र हिस्सा लेते दिखायी देते हैं। सत्ता के गलियारों में चर्चा तो इस बात की भी है कि रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के राजनीतिक कैरियर को आगे बढ़ाने के लिये कुछ भी कर सकती हैं। वे जानती हैं कि उनके बेटे के लिये कैण्ट विधान सभा सीट ज्यादा महफूज है। सभी जानते हैं कि रीता बहुगुणा जोशी इसी कैंट विधानसभा से विधायक भी रह चुकी हैं।

जब सभी अपने-अपने वंश का करियर सेटेल करने में लगे हैं तो मेयर संयुक्ता भाटिया क्यों पीछे रहेंगी। वैसे भी संघ में इनका खासा प्रभाव रहा है। इस बात की भी चर्चा है कि मेयर संयुक्ता भाटिया भी अपने परिवार के लिये टिकट मांग रही है। संयुक्ता भाटिया अपनी बहू के लिये इस विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिये पैरवी कर रही हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह का नाम भी इसी कैंट विधानसभा से चर्चा मेंचल रहा है। वैसे भी महेन्द्र सिंह आलमबाग के रहने वाले हैं और उनका यहां के लोगों से सीधा जुड़ाव है।

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