शर्मनाक: प्रमोटी मंडल जी.सी. कटियार ने ‘डीजी’ के बाद ‘चुनाव आयोग’ को भी किया ‘गुमराह’, प्रचार कर रहे हवलदार प्रशिक्षक को’कठोर चेतावनी’ देकर बचाया…

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शर्मनाक: क्या प्रधानमंत्री को मोदी मियां कहने वाले हवलदार प्रशिक्षक को बचाने वाले वाले मंडल जी.सी.कटियार को वर्दी पहनने का हक है ?

     संजय पुरबिया

लखनऊ। आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने विपक्ष नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग होमगार्ड विभाग के अफसर हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे रामनगर में होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने खुलेआम अपने यूपीएचजी ऑफिस ग्रुप में भारतीय चेतना शक्ति पार्टी के विधान सभा प्रत्याशी का पोस्टर डालकर प्रचार कर रहा है। इसका खुलासा द संडे व्यूज़ ने किया और मामला चुनाव आयोग में गया। बनारस के नोडल अधिकारी,आचार संहिता ने रामनगर ट्रेनिंग सेंटर के प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट जी.सी. कटियार से जवाब-तलब किया। चौंकाने वाली बात है कि कटियार और हवलदार प्रशिक्षक दोनों ने नोडल अधिकारी को गोलमोल जवाब देकर गुमराह करने में कामयाब हो गये हैं। अंजन भगत ने जो लिखा है उसमें बयां किया है कि ट्रेनिंग सेंटर में अपने मोबाइल को मेज पर रखकर टायलेट गया था,उसी दौरान किसी ने उसके व्हाटसअप यूपीएचजी ऑफिस पर पोस्टर डालक र डिलीट कर दिया। क्या बात है, ट्रेनिंग सेंटर में कौन उनका दुश्मन है जो चंद मिनट में यूपीएचजी ऑफिस ग्रुप में पोस्टर डालता है और डिलीट भी कर देता है ? अब प्रमोटी मंडलीय कमंाडेंट जी.सी.कटियार की जुर्रत देखिये, इन्होंने चुनाव आयोग के नोडल अधिकारी को जवाब भेजा है कि अंजन भगत को कठोर चेतावनी देते हैं और भविष्य में मोबाइल घर में चार्ज करके आये,इसकी हिदायत देते हैं…। कटियार जी,डी.जी. विजय कुमार और मुख्यालय के अफसरों को तो लंबे समय से ट्रेनिंग सेंटर पर चल रहे सभी जांचों में बेवकूफ बनाते रहें, अब आदर्श चुनाव आयोग को भी गुमराह कर दिये ? कटियार जी, डायरेक्ट और प्रमोटी अफसरों में यही फर्क होता है…।

आपको बता दें कि आचार संहिता लागू होने के बाद यदि कोई सरकारी कर्मचारी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो सजा कठोर चेतावनी नहीं बल्कि भारतीय दंड संहिता की धारा 76 के तहत दी जाती है। नियमावली पढ़ लें। वैसे भी आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 10 जनवरी को जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा था कि इसके अनुपालन के लिये सभी विभाग,संस्थान,निगम और विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिया गया है कि नियम का उल्लंघन करने पर छह माह की कैद और दो हजार जुर्माना या दोनों लगेगा…। कटियार जी,आपने तो अपने गुर्गे को बचाकर आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया ? इसके लिये तो कायदे से आप भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने और जिला निर्वाचन अधिकारी और अपने वरिष्ठ  अधिकारियों को पूरी तरह से गुमराह करने का काम किया है ? कौशल राज शर्मा की बातों को मानें तो जितना दोषी हवलदार प्रशिक्षक अंंजन भगत है,उतना ही दोषी प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार भी हैं ? सवाल यह है कि आखिर प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने और यूपीएचजी,ऑफिस ग्रुप में राजनैतिक पार्टी का प्रचार कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले हवलदार प्रशिक्षक और कठोर चेतावनी देकर चुनाव आयेाग को गुमराह करने वाले प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार की बातें डीजी विजय कुमार और डीआईजी रंजीत सिंह को भी है लेकिन इनलोगों ने अभी तक इनलोगों ने सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की ?

ता दें कि 9 जनवरी को शीर्षक डीजी साहेब,व्हाटसअप ग्रुप पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मोदी मियां कहने वाले हवलदार प्रशिक्षक पर मेहरबानी क्यों ? खबर प्रकाशित किया था।  क्या राज्य कर्मचारियों को ये अधिकार मिला है कि वे अपने निजी व्हाटसअप ग्रुप पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मोदी मियां जैसे शब्दों का इस्तेमाल करे? क्या सरकार में बैठे ब्यूरोक्रेटस ने शासनादेश जारी किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग में तैनात कर्मचारी सरकार के खिलाफ धड़ल्ले से आग उगले? यदि नहीं, तो फिर होमगार्ड विभाग के कर्मचारी किस नियमावली के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मोदी मियां बोल रहे हैं? किस हैसियत से कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ बेखौफ होकर अपने-अपने व्हाटसअप ग्रुप, विभागीय ग्रुप पर धड़ल्ले से सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं? चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक डीजी विजय कुमार ने प्रधानमंत्री के खिलाफ निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल करने वाले हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की? इससे साफ जाहिर हो रहा है कि ऐसे कर्मचारियों पर विभाग के वरिष्ठï अधिकारियों का पूरा शह है, तभी तो इनमें आचरण नियमावली,सरकार और चुनाव आयोग का खौफ नहीं है। द संडे व्यूज़ देशहित में सवाल कर रहा है कि आखिर रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन कुमार भगत ने जब अपने निजी और विभागीय ग्रुप पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भारत सरकार के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया तो विभाग के डीजी विजय कुमार और डीआईजी, सीटीआई विवेक सिंह ने उसके खिलाफ अभी तक क्यों नहीं कार्रवाई की? क्या डीजी की शह पर इस विभाग के कर्मचारी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं ? यदि ऐसा है तो विभाग में एक लाख 18 हजार होमगार्डों के अलावा वैतनिक कर्मचारियों की बड़ी संख्या है, जो सरकार बनाने और गिराने का दम रखते हैं…। सोचने की बात यह है कि आचार संहिता ने तो मामले को गंभीरता से लेते हुये ट्रेनिंग सेंटर के मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार से जवाब-तलब किया है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं भेजा गया है।

मुख्यालय के अधिकारियों को गुमराह करने में माहिर कटियार क्या जवाब देते हैं, इस पर द संडे व्यूज़ की नजर है। चौंकाने वाली बात यह है कि आखिर होमगार्ड मुख्यालय पर बैठे जाबांज अधिकारी चुप्पी क्यों साध रखे है? कहीं मुख्यालय से कोई अधिकारी ऐंटी गवर्नमेंट कैंप तो नहीं चला रहा है…। चुनाव सिर पर है और मामले को गंभीरता से लेते हुये राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को इस पर कार्रवाई करना चाहिये क्योंकि यदि अधिकारी अपने मंसूबे में कामयाब हो गये तो सरकार को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा…। शर्मनाक बात तो यह है कि एक हवलदार प्रशिक्षक अंजन कुमार भगत ने अपने निजी व्हाटसअप ग्रुप में प्रधानमंत्री के खिलाफ मोदी मियां जैसे घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया और इसकी जानकारी डीजी से लेकर मुख्यालय पर बैठे सभी अधिकारियों को हुयी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ कार्रवाई ना करने से गलत संदेश राज्य कर्मचारियों में जाने की संभावना है। सीधी बात करें तो यही हाल रहा तो प्रदेश के सभी राज्य कर्मचारी अपने प्रधानमंत्री के खिलाफ आग उगलने लगेंगे…। बात जो भी हो,डीजी और डीआईजी की खामोशी से साफ जाहिर है कि शायद इनलोगों के मुताबिक हवलदार प्रशिक्षक सही है…

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