मंत्री धर्मवीर प्रजापति को मिला ‘पारिजात’ का आशीर्वाद

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      अक्षत श्री.

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 70 कि. मी. दूर बाराबंकी अपने अंदर पौराणिक काल का इतिहास समेटे हुये है।यहां आने के लिये सात समुंदर पार के लोग बेचैन रहते हैं। सभी की मान्यता रहती है कि वे किसी तरह बाराबंकी पहुंचे और वहां लगभग 5000 साल पुराने पारिजात के वृक्ष का दर्शन कर ईश्वर का आशिर्वाद प्राप्त करें। पारिजात बहुत ही प्राचीन एवं अद्भुत वृक्ष है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह लगभग 5000 साल पुराना पारिजात का वृक्ष है। कहा जाता है कि श्री कृष्ण अपनी पत्नी रुकमिणी के लिये पारिजात वृक्ष को भगवान इन्द्र के बागीचे नंदनवन से चुराकर लाये थे।वृक्ष लाते समय कृष्ण का सभी देवी-देवताओं से युद्घ हुआ। अंतत: कृष्ण युद्ध जीत गये और पारिजात वृक्ष धरती पर आ गया। एक मान्यता यह भी है कि अर्जुन इसको स्वर्ग से लाये थे और माता कुंती इसके फ ूल से भगवान शिव की पूजा किया करती थीं। ये सच है कि पारिजात के दर्शन करने के लिये लोग दूर- दूर से आते हैं मगर बहुत ही विरले लोग ही पारिजात के फूल देख पाते हैं। ये इत्तेफ ाक नहीं,आंखों देखी सच्चाई है। वहां जिसने भी उस अ्दभूत दृश्य को देखा उसकी आंखें खुली की खुली रह गयी…। बात 8 मई 2022 की है। सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति अपने सरकारी दौरे पर बाराबंकी पहुंचे तो उनकी इच्छा हुयी, पारिजात वृक्ष का दर्शन करें । जैसे ही मंत्री जी ने पारिजात वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चन खत्म किया, उसी दरम्यान मंत्री धर्मवीर प्रजापति के ऊपर पारिजात के दो ताजे फूल गिरे। वहां मौजूद लोग जहां भौचक्का रह गये, बोल पड़े कि मंत्री जी के पास हैं दो विभाग और ईश्वर ने सौगात में दे दी दो फूल…।

8 मई 2022 को उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति अपने सरकारी दौरे पर बाराबंकी पहुंचे। चूंकि मंत्री जी आरएसएस से जुड़े हैं और संगठन के पुराने नेता हैं। बता दें कि धर्मवीर जी नेता नही वरन एक साधक हैं और धर्म- कर्म पर विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि आज वे जो भी हैं, अपने पूर्व जन्म के संचित कर्मों एवं ईश्वर के आशीर्वाद की वजह से हैं। उनका मानना है कि हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिये। इस धार्मिक सोच के व्यक्ति को जब पता चला की बाराबंकी जिले में एक प्राचीन पारिजात का वृक्ष है तो उनकी इच्छा हुयी की क्यों ना इस दिव्य वृक्ष कादर्शन एवं पूजन किया जाये। मंत्री धर्मवीर जब बाराबंकी में पारिजात के दर्शन के लिये पहुंचे तो उन्होंने विधिवत वृक्ष की पूजा की और अपने आराध्य भोलेनाथ की आराधना भी। इसे ईश्वर का चमत्कार कहा जाये या साक्षात भोलेनाथ का आशीर्वाद कि जैसे ही मंत्री जी की पूजा पूरी हुयी, उनके ऊपर एक-एक कर दो पारिजात के ताजे फू ल गिरे । वहां मौजूद लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ कि मंत्री जी को दुर्लभ फू लों की प्राप्ति हुयी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लोग बहुत अचंभित थे। एक महिला वहां प्रतिदिन पूजा-पाठ करने आती थी। इस आस से कि कभी कोई पारिजात का फू ल मिल जाये । एक साधू बाबा चित्रकूट से वहां पारिजात के फू ल के लिये आये थे, मगर उनको भी फू ल नही मिला। कुछ भी कहिये, ये दो फू ल नहीं, बल्कि आशीर्वाद स्वरूप मंत्री जी को दो विभाग मिले हैं । एक होमगार्ड और एक जेल विभाग…। दोनों विभाग अपने आप में अलग हट कर है। मंत्री जी का मानना है कि वे आज जो कुछ भी हैं, भगवान के आशीर्वाद से हैं, इसलिये ईमानदारी से जो कुछ भी हो सकेगा दोनों विभाग के लिये करते रहेंगे। द संडे व्यूज़ उम्मीद करता है जिस तरह से मंत्री जी ने पारिजात के फ ूल को सहेज कर रखा है, ठीक उसी तरह से वे दोनों विभागों को भी पूरी शिद्दत से संभालेंगे और गरीब, जरूरतमंद लोगों के लिये अच्छे से अच्छा काम करते रहेंगे।

 

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