डीजी,होमगार्ड के ड्राईवर की गुंडई: सार्वजनिक सड़क पर कब्जा कर बनवा लिया चार फुट प्लेटफार्म
ड्राइवर हेमंत कुमार सिंह ने सड़क पर लगवाया बिजली का खंभा,आगे के मकान वालों का रास्ता भी बंद कराया
हेमंत ने वरिष्ठ अधिवक्ता के नाम से करायी फर्जी शिकायत: कर्मचारियों को सफाई करने से रोकते हैं,वकील साहेब
गुस्से में अधिवक्ता: कृष्णानगर थाने में हेमंत के खिलाफ कर दी आइजीआरएस कंप्लेन
सब-इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह ने ड्राइवर के पक्ष में आइजीआरएस को भेजी गलत रिपोर्ट,मामले ने लिया गंभीर रुख
अधिवक्ता ने की सार्वजनिक सड़क कब्जा करने की शिकायत,ज्ञानेश्वर सिंह ने भेजी लो-वोल्टेज की रिपोर्ट
सत्येन्द्र नाथ श्रीवास्तव (अधिवक्ता)
लखनऊ। सैयां भये कोतवाल तो अब डर काहें का…। यह कहावत डीजी,होमगार्ड के ड्राईवर हेमंत कुमार सिंह पर सही बैठ रही है। हेमंत सिंह ने भोलाखेड़ा में अपना मकान बनाया उसके बाद अपने आवास के सामने सार्वजनिक सड़क पर कब् जा कर चार फुट ऊंचा प्लेटफार्म बनवा दिया । बिजली विभाग की मिलीभगत से हेमंत ने सार्वजनिक बिजली का खंभा और रोड लाइट भी लगवा दिया जिसकी वजह से आगे जाने का रास्ता बंद हो गया। यानि,आगे जिसका प्लाट है वो ना तो जा सकता है और ना ही भविष्य में अपना मकान बनवा सकता है। चलिये ये सब तो उसने खाकी का भौकाल दिखाकर कर लिया लेकिन उसने अपने रूतबे को और बढ़ाने के चक्कर में हाईकोर्ट के वरिष्ठï अधिवक्ता सत्येन्द्र नाथ श्रीवास्तव के खिलाफ कई फर्जी शिकायत नगर निगम में भेज दी। शिकायत की कि वरिष्ठï अधिवक्ता सत्येन्द्र नाथ श्रीवास्तव सार्वजनिक सड़क सफाई का काम करने पर नगर निगम कर्मचारियों को रोकते हैं? शिकायत की जानकारी मिलते ही नाराज अधिवक्ता सत्येन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने हेमंत के खिलाफ सार्वजनिक सड़क पर अतिक्रमण के संबंध में आइजीआरएस कंप्लेन कृष्णानगर थाने में कर दी। अब जांच सब इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह को मिली। सिंह साहेब हेमंत से भी बड़े वाले निकले…। श्री श्रीवास्तव ने शिकायत सार्वजनिक सड़क पर अतिक्रमण करने के बारे में की लेकिन ज्ञानेश्वर सिंह ने लो-वोल्टेज की फर्जी रिपोर्ट लगाकर आईजीआरएस को भेज दी। सब-इंस्पेक्टर को जांच सार्वजनिक अतिक्रमण का करना था लेकिन लो-वोल्टेज का फर्जी रिपोर्ट बनाकर यह साबित कर दिया कि वे खाकी का पक्ष लेंगे चाहें वो फ्राड ही क्यों ना हो…। ऐसा कर ज्ञानेश्वर सिंह ने डीजी,होमगार्ड के ड्राइवर को बचाने के लिये तत्कालीन डीजी श्रीराम अरूण के1997 में जारी आदेश को ही फर्जी करार दिया। बात जो भी हो,अब मामले ने गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है। वैसे भी कोर्ट से बड़ा कोई नहीं है लेकिन देखना है अतिक्रमण करने वाले हेमंत और फर्जी रिपेार्ट आइजीआरएस में भेजने वाले सब-इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं…
मोहल्ला भोला खेड़ा में हाल ही में अपना निजी आवास नंबर 555-ख बनाया है। अपने आवास के सामने 1064-4 सार्वजनिक सड़क पर कब्जा करके 4 फु ट ऊंचा प्लेटफ ार्म बना लिया और उस पर बिजली विभाग से सांठ-गांठ कर सार्वजनिक खंभा और रोड लाइट भी लगवा लिया। इसकी वजह से पड़ोस में जो प्लाट है,वहां जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। यानि, भाड़ में जाये पड़ोसी,हम तो खाकी वाले हैं,इसलिये पुलिस और सरकार तो मेरी जेब में है। जब पड़ोसी बनाने आयेगा तो उसे भी देख लेंगे…। भईया, तैनात तो होमगार्ड विभाग में है,वो भी डीजी का ड्राइवर,लेकिन खाकी पहनता है इसलितये भौकाल पुलिस विभाग का मारता है। मोहल्ले वालों को क्या मालूम की होमगार्डों की क्या बिसात होती है। खैर,पड़ोस में रहने वालों के बच्चे इस चबूतरे पर चढ नहीं सकते और ना ही सार्वजनिक रोड लाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं। मकान के सामने सार्वजनिक सड़क पर कब्जा करके कब्जा ड्राइवर हेेमंत सिंह को क्षेत्र में दबदबा भी बनाना था तो उन्होंने उसी मोहल्ले में रहने वाले हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव के खिलाफ कुछ फ र्जी शिकायत करा दी, ताकि मोहल्ले में उनका दबदबा बन जाये। हेमंत कुमार सिंह ने नगर निगम में शिकायत दी कि वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव सार्वजनिक सड़क पर सफ ाई का काम कराने से नगर निगम कर्मियों को रोकते हैं ?
शिकायत की जानकारी मिलते ही नाराज अधिवक्ता सत्येंद्र श्रीवास्तव ने हेमंत कुमार सिंह के द्वारा सार्वजनिक सड़क के अतिक्रमण के संबंध में एक आईजीआरएस कंप्लेन थाना कृष्णा नगर को भेज दी। आइजीआरएस कंप्लेन पर थाना कृष्णा नगर से सब- इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह मोबाईल नम्बर 9621274681 ने मौका मुआयना करके अतिक्रमणकर्ता के पक्ष में रिपोर्ट लगाते हुये लिखा कि अवर अभियंता ने मौके पर जांच की और वोल्टेज 190 पाया गया। हास्यास्पद बात यह थी कि वरिष्ठ अधिवक्ता ने सार्वजनिक सड़क के अतिक्रमण के संबंध में शिकायत की थी और ज्ञानेश्वर सिंह ने लो- वोल्टेज सप्लाई से संबंधित शिकायत की आख्या आईजीआरएस के साथ लगा कर अतिक्रमणकर्ता के पक्ष में आईजीआरएस को समाप्त कर दिया। यानि ज्ञानेश्वर सिंह ने फर्जी आख्या बनाकर मामले को रफा-दफा कर अधिकायिों को भी गुमराह करने के साथ ही विभाग की साख को खराब करने का काम किया है।
ज्ञानेश्वर सिंह जिन्हें इस विषय में जांच करने के लिये अधिकृत किया गया था वह अपनी विभागीय जीओ, जिसे तत्कालीन पुलिस महानिदेशक श्रीराम अरुण ने 26 अक्टूबर 1997 में जारी करते हुये कहा था कि सार्वजनिक मार्ग फुटपाथ,सार्वजनिक पार्क में यदि अतिक्रमण हो रहा है उसकी पूर्ण जिम्मेदारी थानाध्यक्ष की होती है। अतिक्रमण को हटाते हैं और यदि अतिक्रमण हो रहा है तो उसमें हस्तक्षेप करके निर्माण कार्य को रुकवाने और भौतिक रूप से हटाने के लिये स्थानीय निकाय आज के कर्मचारियों,अधिकारियों आदि से संपर्क करने का उत्तरदायित्व भी थानाध्यक्ष का ही होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता ने एक जागरूक शहरी का दायित्व निभाते हुये सार्वजनिक सड़क पर अतिक्रमण करने की शिकायत दी और थाना कृष्णानगर के सब-इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह ने अपने ही विभाग के पुलिस महानिदेशक के द्वारा जारी किये गये कार्यालय आदेश का इरादतन अवहेलना करते हुये अतिक्रमणकर्ता के पक्ष में ही शिकायत का निस्तारण कर दिया…। यानि, यहां यह कहावत पूरी तरीके से चरितार्थ हो रही है सैंया भये कोतवाल तो डर काहें का…।
लेकिन अब मामले ने गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है। कोर्ट से बड़ा कोई नहीं होता,ये तो अच्छी तरह से सभी जानते हैं देखना यह है कि फर्जी आख्या भेजने और खाकी द्वारा खाकी का फर्जी मामले में पक्ष लेकर ज्ञान बघारने वाले सब-इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह और डीजी विजय कुमार के भौकाली ड्राइवर के खिलाफ आगे कितना सख्त कार्रवाई होती है।