होमगार्ड विभाग: तानाशाह कमांडेंट प्रीति शर्मा नही मान रही डीजी,डीआईजी का आदेश,दो माह से दबाये बैठी है इंस्पेक्टर की सैलरी

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होमगार्ड विभाग की तानाशाह कमांडेंट बनीं प्रीति शर्मा,दो माह से दबाये बैठी है इंस्पेक्टर की सैलरी

कमांडेंट प्रीति शर्मा का तर्र्क: इंस्पेक्टर आर.पी.सिंह ट्रेनिंग सेंटर में अतिरिक्त तैनात किये गये हैं

सवाल: प्रीति जी,वर्ष 2018 में आप ही ने अतिरिक्त तैनात ताज रसूल,सुधांशु खोलिया,दिनेश पाण्डेय की कैसे दे रही थीं सैलरी ?

सवाल:आखिर ताज रसूल,सुधांशु खोलिया,दिनेश पाण्डेय में एैसी क्या खासियत थी कि आप दिल खोल कर दे रही थी सैलरी ?

सवाल : मैडम,आखिर इंस्पेक्टर आर.पी.सिंह से काहें की है नाराजगी ?

सवाल: मोहतरमा,आर.पी.सिंह हैं सरकार के मुलाजिम,वेतन सरकार दे रही है ना कि आप अपने घर से ?

सवाल: सरकारी नियम को ध्वस्त करने वाली तानाशाह कमांडेंट के खिलाफ मुख्यालय क्यों नहीं कर रहा कार्रवाई ?

       शेखर यादव

इटावा। होमगार्ड विभाग,बरेली में पिछले पांच वर्ष से तैनात कमंाडेंट प्रीति शर्मा ने आखिरकार डीआईजी रंजीत सिंह के कहने के बाद भी अभी तक मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र में तैनात इंस्पेक्टर आर.पी.सिंह की सैलरी नहीं बनायी। विभाग में चर्चा है कि इस विभाग में प्रीति शर्मा जो चाहती है,अभी तक वही होता रहा है क्योंकि पूर्व डीजी सूर्य कुमार शुक्ला का इस पर कुछ इस तरह का वरदहस्त रहा कि इन्होंने जिसे चाहा,बरेली से साफ कर दिया। चर्चा इस बात की भी है कि क्या शासन के नियमों को भी अपने अहंकार में कमांडेंट ध्वस्त कर देगी ? क्योंकि मुख्यालय पर तैनात डीजी या डीआईजी को यदि कमांडेंट सैलरी देने का झांसा देती है तो इससे बड़ा अपराध हो ही नहीं सकता। बता दें कि इंस्पेक्टर देा माह पूर्व ट्रेनिंग सेंटर में झांसी से तबादला होकर यहां पर तैनात हुआ है। कमांडेंट प्रीति शर्मा का तर्क है कि मैं इंस्पेक्टर आर.पी.सिंह का को सैलरी नहीं बनाऊंगी क्योंकि वो यहां पर अतिरिक्त है ? मैडम, यदि इतना नियमावली का पाठ पढ़ा रही हैं तो ये बतायें कि (वर्ष 2018 में जब आपके पास मंडलीय कमांडेंट एवं जिला कमांडेंट) का पद था तब आपने बरेली में ही तीन इंस्पेक्टर क्रमश: ताज रसूल-वैतनिक निरीक्षक,सुधांशु खोलिया-वैतनिक निरीक्षक एवं दिनेश पाण्डेय-वैतनिक निरीक्षक के पद पर अतिरिक्त के रुप में मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र, बरेली में तैनात थे तो आप ही ने तीनों का वेतन लगातार सालों आहरित किया थाआखिर तीनों इंस्पेक्टर में ऐसा क्या जड़ा था जो आपने तीनों अतिरिक्त पर पूरी मेहरबानी दिखाती रहीं ? जब आपने तीनों अतिरिक्त का वेतन आहरित किया तो आर.पी.सिंह का वेतन देने में क्या परेशानी हो रही है मैडम ?

एक बात और मैडम जी,आर.पी.सिंह सरकार का मुलाजिम है ना कि आपका? सैलरी सरकार दे रही है ना कि आप अपने घर से ? बात जो भी हो,महिला कमांडेंट ने डीजी से लेकर डीआईजी के आदेश को नजरअंदाज कर यह साबित कर दिया कि पूर्व डीजी की मेहरबानी का भूत अभी तक इनके सिर से उतर नहीं पाया है। देखना है इंस्पेक्टर आर.पी.सिंह तीसरे माह भी सैलरी मिलती है या नहीं ?
बता दें कि द संडे व्यूज़ ने 6 सितंबर को शीर्षक ‘दो माह से कमांडेंट प्रीति शर्मा इंस्पेक्टर को नहीं दे रहीं सैलरी, मंत्री और डीजी से इंसाफ की गुहार लगायेगा इंस्पेक्टर आर.पी.सिंह’ में खुलासा किया था कि किस तरह से बरेली की कमांडेंट अनुभवहीन अधिकारियों की तरह तर्क देते हुये ट्रेनिंग सेंटर में तैनात वैतनिक इंस्पेक्टर आर.पी.सिंह का वेतन नहीं बना रही है। दो माह से बिना वेतन इंस्पेक्टर काम कर रहा है। खबर का सार ये है…

होमगार्ड विभाग में बरेली की कमांडेंट प्रीति शर्मा ने मानों ठान लिया हो कि वो डीजी और डीआईजी के निर्देश को नहीं मानेंगी। यही वजह है कि झांसी से मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र बरेली में 2 जुलाई को तबादला किये गये वैतनिक निरीक्षक राम प्रकाश सिंह को अभी तक वेतन ना देने का घटिया कृत्य किया है। दो माह से निरीक्षक बिना वेतन अपना काम कर रहा है। इस बात की शिकायत जब राम प्रकाश सिंह ने मंडलीय कमंाडेंट से की तो उन्होंने कमांडेंट प्रीति शर्मा से बात की। इस पर उन्होंने तर्क दिया कि वित्त विभाग ने वेतन ना देने की बात कही है। इस पर मुख्यालय पर तैनात डीआईजी रंजीत सिंह ने कमांडेंट बरेली को पत्र लिखकर वेतन देने की बात कही लेकिन उन्होंने उनकी बात को भी अनसुनी कर दी। आखिर में डीजी,होमगार्ड विजय कुमार के यहां से भी वैतनिक निरीक्षक को वेतन देने की संस्तुति कर दी गयी है। बावजूइ इसके कमांडेंट प्रीति ने अभी तक निरीक्षक को वेतन देने के लिये कोषागार में डेटा फीड नहीं कराया है और न ही माह जुलाई,अगस्त का वेतन निकाला गया है। इसकी वजह से निरीक्षक राम प्रकाश सिंह का परिवार आर्थिक तंगी की दौर से गुजर रहा है। निरीक्षक का कहना है कि यदि कमांडेंट वेतन आहरित नहीं करेंगी तो मजबूरन मुझे इंसाफ के लिये डीजी,होमगार्ड और विभागीय मंत्री के पास अपनी फरियाद लेकर जाऊंगा।  सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब वैतनिक निरीक्षक का तबादला शासन व मुख्यालय ने नियमत: किया है तो फिर कमांडेंट प्रीति शर्मा को वेतन देने में क्या समस्या आ रही है ? क्या बरेली में कमांडेंट अपनी जेब से सभी वैतनिक अधिकारियों व कर्मचारियों को वेतन देती हैं ? यदि ऐसी बात है तो मुख्यमंत्री को उन्हें सम्मानित करना चाहिये बहरहाल,मामला गंभीर रुख अख्तियार करता जा रहा है। झांसी में तैनात वैतनिक निरीक्षक राम प्रकाश सिंह का तबादला मुख्यालय के आदेश संख्या-6166-कार्मिक-वैत.निरी.-116-2022 के तहत 30 जून को झांसी से मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र,बरेली किया गया। निरीक्षक श्री सिंह ने 2 जुलाई को कार्यालय मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र,बरेली में अपना योगदान जाकर दिया। बताया जाता है कि जिला कमांडेंट श्रीमती प्रीति शर्मा ही यहां की आहरण वितरण अधिकारी हैं,ने कोषागार में डेटा फीड नहीं कराया जिसकी वजह से निरीक्षक का माह जुलाई व अगस्त का वेतन नहीं निकाला जा रहा है। ये कमांडेंट प्रीति शर्मा की हठधर्मिता ही है जिसकी वजह से ईमानदारी से काम करने वाले वैतनिक निरीक्षक को दो माह से बिना वेतन का गुजारा करना पड़ रहा है।

 

कमांडेंट की तानाशाही के खिलाफ प्मंडलीय कमांडेंट एस.पी.सिंह ने इसकी शिकायत मुख्यालय पर तैनात डीआईजी रंजीत सिंह से की। डीआईजी ने कमांडेंट प्रीति शर्मा को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि वैतनिक निरीक्षक श्री सिंह का डेटा फीड कराते हुये वेतन आहरित किया जाये,परन्तु उसने नहीं माना। दुबारा 17 अगस्त को डीआईजी ने कमांडेंट,बरेली को पत्र लिखकर निर्देशित किया लेकिन प्रीति शर्मा ने पत्र को नजरअंदाज कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीजी ने भी वेतन आहरित करने के लिये पत्रावली पर संस्तुति प्रदान कर दिया है,उसके बाद भी मानों प्रीति शर्मा के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है।इस बारे में कमांडेंट श्रीमती प्रीति शर्मा से बात की गयी तेा उनका कहना है कि वित्त नियंत्रक ने वेतन निकालने से मना कर दिया है। मुझे डीआईजी का पत्र मिला था,जिसका जवाब मैंने लिखकर दे दिया हूं।

नोट—बरेली में पांच साल से जमी तानाशाह कमांडेंट प्रीति शर्मा के भ्रष्टाचार की गाथा का खुलासा करेगा द संडे व्यूज़। देखते रहिये एक महिला अधिकारी जब घूस लेने पर आमादा होती है तो किस तरह से भ्रष्टाचार की कहानियां जन्म लेती है। बरेली के जवानों ने जिस तरह से ‘द संडे व्यूज़’ के पास दस्तावेज भेजे हैं, उसका खुलासा होने के बाद आप सोचेंगे की वर्दी की आड़ में एक महिला अधिकारी किस तरह से निरीह जवानों को शोषण कर रही है…।

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