हाईकोर्ट का का फरमान :एसीएस होम का आदेश रद, पुलिस इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी बनाया जाये

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प्रयागराज।इलाहाबाद  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एसीएस होम के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें इंस्पेक्टर के प्रमोशन को सीलबंद लिफाफे में करके डिप्टी एसपी नहीं बनाया गया था। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने इंस्पेक्टर उमेश प्रताप सिंह की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम को सुनकर दिया है।

फतेहगढ़ में तैनात याची की ओर से याचिका दाखिल कर एसीएस होम के 12 अगस्त 2021 के आदेश को चुनौती दी गई थी। मांग की गई थी कि इस आदेश को रद्द करके याची इंस्पेक्टर को 28 मई 1997 व नौ जनवरी 2018 के शासनादेशों के क्रम में उसे डिप्टी एसपी बनाया जाए और उसके सीलबंद लिफाफे को खुलवाया जाए।इंस्पेक्टर के प्रमोशन से जौनपुर में तैनाती के दौरान दर्ज 302 के मुकदमे में आरोप पत्र दाखिल होने के आधार पर इनकार किया गया था। याची के खिलाफ आईपीसी की धारा 217, 218, 20, एवं 120 बी के तहत चार्जशीट दाखिल हुई थी।

वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि आरोप पत्र के आधार पर क्रिमिनल केस की अगली कार्रवाई पर हाईकोर्ट से रोक लगी है। साथ ही केस लंबित होने के बावजूद वर्ष 2006 में याची को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर दरोगा से इंस्पेक्टर बनाया गया। याची का सर्विस रिकॉर्ड बेदाग है और कभी भी उसके खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की गई है।

यहां तक कि याची की एक याचिका में एडिशनल डायरेक्टर पुलिस ने सचिव गृह को अपना कमेंट भेजते हुए कहा है कि याची का रिकॉर्ड बेदाग है उसके खिलाफ कोई भी दंड नहीं है और  विगत 17 वर्षों से उसने अपने पद का कोई दुरुपयोग नहीं किया है। कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सरकारी वकील को सुनने के बाद नीरज कुमार पांडेय के केस में हाईकोर्ट के निर्णय को आधार बनाते हुए निर्देश दिया कि एसीएस होम का आदेश 12 अगस्त 2021 निरस्त किया जाता है। कोर्ट ने याची को डिप्टी एसपी पद पर समस्त लाभ सहित पदोन्नति देने का भी निर्देश दिया है।

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