भंडारगृहों को डब्ल्यू.डी.आर.एन में पंजीकरण कराकर उ.प्र.राज्य भंडारण निगम देश का नंबर-2 भंडारण निगम बना

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एम.डी. श्रीकांत गोस्वामी बनें हीरो,सुधांशु पाण्डेय ने श्रीकांत गोस्वामी को किया सम्मानित

इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री जे.पी.एस.राठौर को जाता है: श्रीकांत गोस्वामी


  संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लिये 31 अक्टूबर का दिन ‘खास’ रहा। सहकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जे.पी.एस. राठौर की कुशल रणनीति और उ.प्र.राज्य भंडारण निगम के एमडी श्रीकांत गोस्वामी की सशक्त टीम ने वो कर दिखाया जिसे पाने के लिये लंबे समय से यूपी ‘टकटकी’ लगाये निहार रहा था। नई दिल्ली में आयोजित डब्ल्यू.डी.आर.ए. के भव्य 12वें वार्षिक दिवस पर जैसे ही एनाउंसमेंट हुआ कि उ.प्र.राज्य भंडारण निगम को अधिकतम भंडारगृहों को डब्ल्यू.डी.आर.ए. में पंजीकरण कराने की श्रेणी अंतर्गत देश में सेकेण्ड पोजीशन मिला है। फिर क्या था…। वहां मौजूद उत्तर प्रदेश वाले खुशी से झूम उठे…। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्र सरकार के सचिव खाद्य, सार्वजनिक वितरण विभाग सुधांशु पाण्डेय की मौजूदगी में डब्ल्यू.डी.आर.ए. के संयुक्त सचिव धीरज साहू,चेयरमैन टी.के.मनोज कुमार ने उ. प्र. राज्य भंडारण निगम के एमडी ‘श्रीकांत गोस्वामी’ को सम्मानित किया।


‘द संडे व्यूज़’ से एक मुलाकात में सहकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जे.पी.एस.राठौर ने कहा था कि ‘यूपी के सहकारिता विभाग को गुजरात और महाराष्ट्र से भी बेहतर बना दूंगा’…। मुझे आज उनकी बात याद आती है क्योंकि ये उनकी ही देन है कि देश में यूपी का सहकारिता का अंग भंडारण निगम दूसरा स्थान पाने में कामयाब हुआ।

सम्मान पाने के बाद एमडी श्रीकांत गोस्वामी ने कहा कि इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री को जाता है,जिनके हौसलाअफजाई से अपनी टीम के साथ देश का दूसरा नंबर हासिल करने में कामयाब रहा। उन्होंने कहा कि मंत्री के निर्देश एवं दूरदर्शिता एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव बीएलमीणा के प्रभारी अनुश्रवण व प्रेरणा से ही राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान प्राप्त किया है।

डब्ल्यू.डी.आर.ए. का मुख्य लक्ष्य पूरे देश में पंजीकृत भंडारगृहों के नेटवर्क के माध्यम से कृषि उत्पादों सहित सभी वस्तुओं के लिये निगोशिएबिल भंडारगृह रसीद प्रणाली स्थापित करना होता है। निगोशिएबिल भंडारण रसीद को व्यापार के एक मुख्य साधन के रुप में विकसित करना तथा रसीद के विरुद्ध ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल एवं सुविधाजनक बनाना है। उपरोक्त के साथ-साथ प्राधिकरण का लक्ष्य एवं उददेश्य भंडारण क्षेत्र की वृद्धि किसानों के हितों को सुरक्षित करना,वस्तुओं के वैज्ञानिक भंडारण को बढ़ावा देना होता है।

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