खबर का असर: सांसद बृजभूषण शरण सिंह पत्र पर फर्जी दस्तावेज लगाकर मान्यता पाने वाले कामरान के खिलाफ बैठ गयी जांच

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खबर का असर : सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पत्र पर फर्जी दस्तावेज से मान्यता पाने वाले कामरान के खिलाफ संजय प्रसाद ने दिये जांच के निर्देश

सांसद ने सीएम को पहला पत्र 25 सितंबर को लिखकर मो.कामरान द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर राज्य मुख्यालय,स्वतंत्र पत्रकार मान्यता पर उठाया था सवाल

कार्रवाई ना होने पर सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 6 नवंबर को दुबारा पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की

प्रमुख सचिव,मुख्यमंत्री संजय प्रसाद ने 9 नवंबर को दिये जांच के आदेश

द संडे व्यूज़ के खुलासे के बाद मचा हड़कम्प,फर्जी दस्तावेज लगाकर मान्यता पाने वालों के नीचे से हिली धरती


 संजय पुरबिया

लखनऊ। नवाबगंज,कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 25 सितंबर को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में ब्लैकमेलर पत्रकार मोहम्मद कामरान द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर राज्य मुख्यालय की मान्यता एवं स्वतंत्र पत्रकार की मान्यता लेने की जांच कर दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी। इस पर सांसद ने 6 नवंबर को दुबारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि मो. कामरान का राज्य मुख्यालय से पत्रकार, स्वतंत्र पत्रकार के रूप में प्राप्त मान्यता को तत्काल निरस्त किये जाने के साथ ही कामरान के खिलाफ विधिक कार्यवाही का आदेश देने की कृपा करें। पत्र को गंभीरता से लेते हुये प्रमुख सचिव,मुख्यमंत्री संजय प्रसाद ने प्रमुख सचिव,सूचना को 9 नवंबर को उक्त प्रकरण में जांच कराकर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही किये जाने का निर्देश जारी कर दिया है।

 

बता दें कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने गत 25 सितंबर 2022 को पत्रांक नवाबगंज,कैसरगंज-मु.म.,उ.प्र.शा.,उ.प्र.1295-2022 को मुख्य सचिव को पत्र लिखा कि पेशेवर ब्लैकमेलर मोहम्मद कामरान पुत्र उस्मान निवासी 18-495,इंदिरानगर,लखनऊ के खिलाफ कानपुर के बिठुर सहित हजरतगंज एवं वजीरगंज थाने में कई आपराधिक मुकदमें दर्ज है। बावजूद इसके कामरान को पूर्व की सरकारों में राज्य मुख्यालय एवं स्वतंत्र पत्रकार का मान्यता दे दिया। आपराधिक छवि वालों को किस आधार पर मान्यता दिया गया है और इसने जितने भी दस्तावेज लगाये हैं,फर्जी है। इसलिये इसकी मान्यता तत्काल रद्द कर इसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाये।

11 नवंबर तक मोहम्मद कामरान के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ना होने पर सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 6 नवंबर को दुबारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्रांक नवाबगंज,कैसरगंज-मु.म.,उ.प्र.शा.,उ.प्र.1325-2022 में लिखा है कि 25 सितंबर को लिखे पत्र का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें,जो पेशेवर ब्लैकमेलर मो. कामरान पुत्र मो. उस्मान निवासी इंदिरानगर,लखनऊ के अनैतिक कार्यों के संदर्भ में अवगत कराया गया कि मो.कामरान द्वारा फर्जी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर राज्य मुख्यालय की मान्यता तथा स्वतंत्र पत्रकार की मान्यता प्राप्त की गयी थी तथा फर्जी पूर्णकालिक श्रमजीवी पत्रकार का कार्य करते हुये विधि स्नातक 3 वर्ष का पाठ्यक्रम तथा पीएचडी 2 वर्षीय पाठ्यक्रम भी पूर्ण किया गया। मेरे द्वारा पूर्व प्रेषित पत्र में मोहम्मद कामरान के विरूद्ध विभिन्न थानों में गंभीर धाराओं में पंजीकृत मुकदमों से अवगत कराया गया था,परन्तु मोहम्मद कामरान अपनी पहुंच व अनैतिक कार्यों से अर्जित अकूत संपत्ति के बल पर उक्त शिकायत को ऐसा प्रतित होता है कि दबवा दिया है। आपसे पुन: आग्रह है कि मोहम्मद कामरान का राज्य मुख्यालय से पत्रकार,स्वतंत्र पत्रकार के रुप में प्राप्त मान्यता को तत्काल निरस्त किया जाये और साथ ही कामरान के विरुद्ध विधिक कार्यवाही का आदेश देने की कृपा करें।

मामले की गंभीरता को देखते हुये 9 नवंबर को प्रमुख सचिव,मुख्यमंत्री संजय प्रसाद ने प्रमुख सचिव,सूचना शिशिर सिंह को लिख दिया है कि प्रकरण की जांच कराकर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी है।
बता दें कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा सूचना विभाग में पूर्ववर्ती सरकारों में मोहम्मद कामरान को फर्जी तरीके से राज्य व स्वतंत्र पत्रकार की मान्यता देने का खुलासा द संडे व्यूज ने 6 नवंबर 2022 की अंक में किया है। खबर प्रकाशित होने के बाद सूचना विभाग सहित शासन-प्रशासन में हड़कम्प मच गया। पिछली सरकारों में अपने आकाओं की वजह से मान्यता पाने वाले फर्जी पत्रकारों की मानों जमीन हिल गयी है। सभी जुगत में लगे हैं कि कैसे अपने को बचाया जाये लेकिन ये भाजपा की सरकार है जनाबेआली…। अब सभी की निगाहें टिकी है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे मान्यता पाने वाले मो. कामरान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के जाबांज अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं…।

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