काशी तमिल संगमम: आजादी के बाद देश की सांस्कृतिक एकता में जहर घोलने का प्रयास किया गया था-अमित शाह

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काशी।  आजादी के बाद एक समय ऐसा आया, जब देश की सांस्कृतिक एकता में जहर घोलने का प्रयास किया गया। लेकिन अब समय आ गया है एक भारत श्रेष्ठ भारत की रचना करने का और वो भारत की सांस्कृतिक एकता से ही हो सकता है। यह कहना है केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का। उत्तर-दक्षिण भारत के रिश्ते की प्रगाढ़ता के लिए खास आयोजन काशी-तमिल संगमम के समापन समारोह में गृहमंत्री शामिल हुए। बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में आयोजित भव्य समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि लंबे समय से हमारे देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ था।

प्रधानमंत्री ने काशी तमिल संगमम के माध्यम से सदियों बाद ये प्रयास किया है। ये प्रयास पूरे देश की भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने का सफल प्रयास सिद्ध होगा। गृहमंत्री ने कहा कि आज मैं एक संदेश देना चाहता हूं कि विश्वास और प्रेम में एक समानता यह है कि दोनों को जबरदस्ती हासिल नहीं किया जा सकता। काशी तमिल संगमम ने आजादी के अमृतकाल वर्ष में उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों के बीच विश्वास और प्रेम का नया माहौल खड़ा करने का काम किया है।गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गुलामी के एक लंबे काल खंड में हमारी संस्कृति और विरासत को मलिन करने का प्रयास किया गया है।  हमें आनंद है कि भारत की आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काम किया है। मैं इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।

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