होमगार्ड विभाग में ‘हड़कम्प’, सूबे के अधिकारियों के बीच गया संदेश : ‘ईमानदारी’ से करो अपना काम …

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मीटिंग में मंत्री और अधिकारियों के सामने गलत तरीके से बात रखने पर सुनील कुमार के खिलाफ शासन ने बिठायी जांच

संजय पुरबिया

लखनऊ। योगी-2 सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में दो महत्वपूर्ण मंत्रालय ‘कारागार’ एवं ‘होमगार्ड‘ को एक बहुत ही सामान्य परिवार से आने वाले ‘सहज’ एवं ‘सरल स्वभाव’ के व्यक्ति धर्मवीर प्रजापति को जब दिया तो आलोचकों ने यह कहा कि ये दोनों विभाग किसी ‘अनुभवी‘ एवं ‘कद्दावर पूर्व मंत्री‘ को दिया जाना चाहिये था। दोनों  ‘वर्दीधारी विभाग’ हैं, साथ मे जेल तो अपने आप मे बदनाम विभाग रहा है। कुछ अधिकारी ये सोचते थे कि ‘मंत्री को जैसे चाहेंगे वैसे घुमा लेंगे लेकिन जिस दिन से धर्मवीर प्रजापति ने कार्यभार संभाला, उस दिन से लगतार बिना किसी ‘पूर्ण विराम’ या ‘कॉमा’ लगाये वो रोज नई-नई ‘इबारत’ लिख रहे हैं। देश के वो अकेले ऐसे मंत्री हैं जिनकी प्रधानमंत्री मोदी ने खुले मन से सराहना की। होमगार्ड विभाग की बात करें तो हाल ही में मंत्री ने गोरखपुर के कमांडेंट अरुण कुमार सिंह  ने फर्जी तरीके से होमगार्ड को अपंग दिखाकर भर्ती कर लिया। मंत्री के संज्ञान में बात आयी और हो गये निलंबित…। बाराबंकी जेल में एक साथ पांच अधिकारी और कर्मचारी निलंबित कर दिये गये…।  अब देखिये, होमगार्ड विभाग के ‘हीरक जयंती’ के दिन आयोजित बैठक में देवीपाटन के मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार और झांसी के डीआईजी रंजीत सिंह  मंत्री, डीजी, समस्त डीआईजी, मंडलीय कमांडेंट एवं कमांडेंट के सामने गलत तरीके से अपनी बात रखी,जो ‘अनुशासनहीनता’ के दायरे में आता हैमामले को गंभीरता से लेते हुये शासन ने जांच बिठा दी है। विभाग में हड़कम्प है और प्रदेश के सभी अधिकारियों की निगाहें शासन के रिपोर्ट पर टिकी है कि आखिर फैसला क्या आयेगा ? क्योंकि फैसला ही तय करेगा कि होमगार्ड विभाग में ‘अनुशासन’ चलेगा या ‘अनुशासनहीनता’ ?

 

भले ही मंत्री धर्मवीर प्रजापति ‘सहज स्वभाव‘ के हैं मगर उनका ‘अनुशासन‘ उच्च कोटि का है। जैसा अनुशासन वो खुद अपने जीवन मे पालन करते हैं ठीक वैसा ही अनुशासन का पालन वो अपने दोनों विभागों के अधिकारियों से कराना चाहते हैं । यही कारण है कि जब भी ‘अनुसाशनहीनताकी बात आती है तो धर्मवीर प्रजापति इसको बर्दाश्त नही करते। गोरखपुर जनपद में जब कमांडेंट अरुण सिंह ने नियम विरुद्ध होमगार्ड को फ र्जी तरीके से अपंग दिखा कर भर्तियां कर ली। जैसे ही मंत्री धर्मवीर के संज्ञान में आया तत्काल अरुण सिंह को निलंबित कर दिया। कमांडेंट अरुण सिंह के काले कारनामों का पर्दाफाश ‘द संडे व्यूज़’ आगे करेगा लेकिन मंत्री ने इन्हें निलंबित कर धमाकेदार संदेश देने में कामयाब रहें। इसी तरह, कुछ माह पूर्व बाराबंकी जेल के औचक निरीक्षण के दौरान बंदियों को पानी की तरह दाल खिलाने सहित अन्य अनियमितताओं में जेल विभाग के 5 अधिकारी एवं कर्मचारी एक साथ निलंबित कर दिये गये थे। अभी हाल में होमगार्ड विभाग का एक मामला सामने आया है, जिसमें झांसी रेंज के डीआईजी-होमगार्ड रंजीत सिंह और देवीपाटन मंडल के मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार के खिलाफ विभगीय कार्यवाही संस्तुति करते हुये उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही के आदेश शासन को दिये गये हैं ।
बताया जाता है कि होमगार्ड विभाग में हीरक जयंती के उपलक्ष्य में होने वाली बैठक रखी गयी जिसमें मंत्री धर्मवीर प्रजापति,डीजी बी.के.मौर्या,आईजी धर्मवीर सहित सभी मंडल के डीआईजी,कमांडेंट मौजूद थे। सुनील कुमार और रंजीत सिंह ने गलत तरीके से अपनी बात मंत्री के सामने रखी। हालांकि बात रखने के बाद मंत्री और डीजी का तेवर देख माफ ी मांग ली थी। परंतु मंत्री धर्मवीर प्रजापति को वर्दीधारी बल में अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नही…। क्योंकि यदि एक अधिकरी अनुसाशनहीनता करेगा तो बाकी के अधिकारी व कर्मचारी भी उसी परिपाटी पर चलने लगेंगे। ऐसे में सिर्फ होमगार्ड ही नहीं, जेल विभाग को भी संभालना मुश्किल हो जायेगा।
सवाल यह है कि शासन की आंखों के तारे ये अधिकारी मंत्री धर्मवीर प्रजापति के कोप से बच पायेंगे ? वो भी तब जब की एसीएस,डीआईजी और मुख्यालय के सैकड़ों अधिकारी इस अनुशासनहीनता के गवाह खुद हैं । इसलिये वर्दी को नसीहत है कि जब तक मंत्री धर्मवीर प्रजापति हैं तब तक खाकी अपनी हद में ही रहे तो अच्छा होगा…। वर्ना…।

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