लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय-स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक,विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह की मेहनत पर पानी फेर रहें चंद डॉक्टर

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लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय में कमीशनखोरी कर गरीबों को लूट रहे हैं चंद डॉक्टर

लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय में है सिटी स्कैन मशीन,डॉक्टर गरीबों का केयर डायग्नोस्टिक जाने की दे रहें सलाह

रात्रिपाली में तैनात डॉ. खेल रहे हैं कमीशनखोरी का खेला

स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक,विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह की मेहनत पर पानी फेर रहें चंद डॉक्टर

नाक से खून निकलने पर गरीब सूरज को लेकर परिजन पहुंचे लोकबंधु,डॅाक्टर ने भेजा केयर डायग्नोस्टिक सेंटर

जांच होनी चाहिये कि रात्रिपाली में तैनात कितने डॅाक्टर मरीजों को गुमराह कर कर रहें मोटी कमाई

 संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था चौकस करने के लिये योगी सरकार युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। मंशा है कि बिना पैरवी किये सरकारी अस्पतालों में गरीब-मजलूमों को हर तरह की चिकित्सा सुविधा मिले। यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक आये दिन इन अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर खामियों को दूर करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। लेकिन क्या मंत्री बृजेश पाठक और क्षेत्रीय विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के निरीक्षण,उदघाटन के बाद भी अस्पतालों में गरीबों को सरकारी दाम पर सुविधायें मिल रही है ? सवाल इसलिये उठा रहा हूं क्योंकि राजधानी के आशियाना में बनें लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय में रात्रिपाली में तैनात डॉक्टर गरीबों की मदद के बजाय उन्हें लूट रहे हैं। कैसे ? बताता हूं…। ‘द संडे व्यूज’ के पास जो शिकायत आयी है उसके मुताबिक एक गरीब व्यक्ति रात लगभग 12 बजे अपने इलाज के लिये आशियाना स्थित लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय जाता है, तो वहां मौजूद डॉक्टर उसे तत्काल सीटी स्कै न कराने की सलाह देते हैं। वो व्यक्ति पूछता है कि सिटी स्कैन कहां होगा, डॉक्टर उसे बताते हैं कि अस्पताल से चंद कदम की दूरी पर कानपुर रोड पर बने केयर डायग्नोस्टिक सेंटर चले जाओ…। परिजन मरीज को लेकर केयर डायग्नोस्टिक सेंटर जाते हैं तो वहां जाकर 4200 रुपये अदा करने के बाद उसका सिटी स्कैन हो जाता है। सवाल यह है कि क्या लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय में सिटी स्कैन की मशीन नहीं लगी है? क्या अस्पताल में सिटी स्कैन नहीं होता? जहां तक मुझे मालूम है, खुद स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक और सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह अस्पताल में लग रहे सिटी स्कैन मशीन का उद्घाटन करने आये थे। जब यहां सिटी स्कैन की मशीन लग गयी है तो डॉक्टर साहेब ने उस गरीब को केयर डॉयग्नोस्टिक सेंटर में सिटी स्कैन कराने क्यों भेजा? इसकी जांच होनी चाहिये और गरीबों को लूटकर अपनी जेब भरने वाले,डॉक्टर के पेशे को शर्मसार करने और सरकार की बेहतरीन योजनाओं के साथ गंदा मजाक करने वाले ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिये।

22 दिसंबर की रात लगभग 12 बजे सूरज पाल,उम्र 45 वर्ष निवासी रिक्शा कालोनी,आशियाना के मुंह व नाक से खून निकल रहा था। परेशान परिजन सूरज को लेकर लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय पहुंचे। उस वक्त ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने सूरज के परिजनों से कहा कि तत्काल इनका सिटी स्कैन कराये,मामला गंभीर है…। परेशान परिजनों ने पूछा कि सिटी स्कैन कहां होता है,बता दें,मैं करा लूं…। डॉक्टर उन्हें केयर डायग्नोस्टिक सेंटर जाने की सलाह देकर सरकारी पर्चे पर ही अपना मोबाइल नंबर 6386929813 लिखकर देते हैं …। सूरज केयर डायग्नोस्टिक सेंटर जाता है और वहां पर उसका सिटी स्कैन हो जाता है। खास बात यह है कि यदि लोकबंधु चिकित्सालय में ही सूरज का सिटी स्कैन होता तो पैसा नहीं देना पड़ता लेकिन केयर में उसे 4200 रुपये देने पड़े…।

एक गरीब परिवार के लिये उस वक्त जिंदगी और मौत का ख्याल मंडरा रहा था,क्या रात्रिपाली में तैनात डॅाक्टर को उनकी भावनाओं को नहीं समझना चाहिये था ? उन्हें पैसे की इतनी हवस थी कि गरीब की मदद करने के बजाये उसे केयर डॅायग्नोस्टिक सेंटर भेज दिया? अब सवाल यह उठता है कि आखिर डॉक्टर ने सूरज को केयर डायग्नोस्टिक सेंटर क्यों भेजा? कहीं ऐसा तो नहीं कि केयर डायग्नोस्टिक सेंटर में सिटी स्कैन के लिये भेजने वाले मरीजों के एवज में उन्हें कमीशन मिलता है ? संभवत: कमीशन का ही खेल हो सकता है वर्ना गरीब सूरज का सिटी स्कैन वहीं पर हो सकता था। जांच होनी चाहिये ऐसे कितने डॉक्टर हैं जो कमीशन का गंदा खेल खेल कर गरीबों को लूटने का काम कर रहे हैं।

अफसोस इस बात का है कि सरोजनीनगर विधानसभा के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह संकल्पबद्ध हैं कि वे गरीबों के लिये हर वक्त,हर सुविधा देंगे। लोकबंधु चिकित्सालय में महंगे से महंगे उपकरण मंगाकर साबित भी कर दिया कि वे गरीबों के हितैषी हैं लेकिन उनके सपनों को यहां तैनात चंद डॅाक्टर ध्वस्त कर रहे हैं। हालांकि, अनपढ़ सूरज ने किसी तरह अपनी पीड़ा टाईप कराकर द संडे व्यूज़ तक भेजा है। सूरज ने बताया कि इसकी शिकायत हम जरूर करेंगे। साहेब, हमारे लिये 4200 रूपये बहुत बड़ी रकम है। एक महिने का खाना हमलोग खा लेते हैं। जब मशीन यहीं लगा है तो डाक्टर साहेब को हमको केयर में नहीं भेजना चाहिये था।

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