मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना : किसान होगा ‘खुशहाल’ तो देशवासियों के घरों में भरा होगा ‘अन्न’

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   संजय पुरबिया
  लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2022-23 में किसानों को ‘आर्थिक’ रूप से मजबूत करने एवं उनके दरवाजे तक ‘खेत-खलिहान’ संबंधित सारी सुविधायें मुहैया कराने का जो सपना देखा था,उसे लखनऊ मंडल की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब एवं जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने साकार करने का काम किया है। किसानों के हित में चाहें उन्हें अनुदान देने की बात हो,बायोपेस्टीसाइड देने की बात हो या फिर कीट-रोग नियंत्रण के उपकरण,सभी दिये गये। इसी तरह,जिलाधिकारी ने गोसाईगंज, हुसैनाबाद एवं बहरौली में अस्थाई गौवंश आश्रय आवंटित किये जिसमें प्रत्येक माह तीन से चार माह में गौशाला का निरीक्षण भी किया जाता है ताकि वहां रहने वाली गायों के  खान-पान में किसी तरह की लापरवाही तो नहीं बरती जा रही। इस काम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जिस तरह से प्रशासनिक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सपनों को पंख लगाया उसे देख कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में अन्नदाता खुश हैं और पैदावार भी बढ़कर होगी।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि विभिन्न संसाधनों  द्वारा कीट,रोग नियंत्रण योजना अंतर्गत किसानों को गत वर्ष में 438692 रु. अनुदान उपलब्ध कराया गया,जिसमें बायोपेस्टीसाइड एवं पेस्टीसाइड पर 259292 रु.,स्प्रेयर पंप पर 61200रु.61200 रु. एवं बखारी पर 118200 रु.अनुदान दिया गया है। इस वर्ष 2022-23 में 288970रु. अनुदान उपलब्ध कराया गया है जिसमें बायोपेस्टीसाइड एवं पेस्टीसाइड पर 110900,स्प्रेयर पंप पर 42000 रु. एवं बखारी पर 96000 रु. अनुदान दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजनाअंतर्गत बायोपेस्टिसाइड वितरण 295 हेक्टेयर का भौतिक लक्ष्य एवं 715  लाभार्थी,जिसमें 169 महिलायें एवं 276 अनुसूचित जाति-जनजाति को लाभान्वित किया गया है। इसी तरह वर्ष  2022-23 में योजनाअंतर्गत बायोपेस्टीसाइड वितरण 458 हेक्टेयर का भौतिक लक्ष्य एवं 1237 लाभार्थी जिसमें 183 महिलायें एवं 438 अनुसूचित जाति-जनजाति को लाभान्वित किया गया है।
कृषि अधिकारी ने यह भी बताया कि  किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये ट्राइकोडरर्मा हारजिएनम एवं ब्येवेरिया वैसियाना 75 प्रति. अनुदान पर उपलब्ध कराया गया तथा प्राप्त लक्ष्य का शत-प्रतिशत बीज शोधन एवं भूमि शोधन कराया गया। जनपद में कृषि रक्षा इकाईयों से गत वर्ष में बायोपेस्टीसाइड 2789 कि. ग्रा., 75 प्रति. अनुदान पर फफूंदीनाशक 793 ली.कीटनाशक 813 ली. खरपतवारनाशक 44 ली. 50 प्रति अनुदान पर किसानों को बांटा गया। वर्ष 2022-23 में बायोपेस्टीसाइड 2293 कि.ग्रा. 75 प्रति. अनुदान पर फफूंदीनाशक 128 ली. कीटनाशक 1686 ली. एवं खरपतवारनाशक 470 यूनिट 50 प्रति. अनुदान पर किसानों को बांटा गया। उन्होंने बताया कि सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली पीसीएसआरएस तहत गत वर्ष में 110 किसानों की फसल संबंधित समस्या का समय पर निस्तारण किया गया। वहीं वर्ष 2022-23 में 138 किसानों को फसल संबंधित समस्या का समय पर निस्तारण किया गया। इसके  अलावा समय -समय पर कृषक प्रशिक्षण का आयोजन कर उन्हें लाभान्वित किया गया है।
कीटनाशक प्रयोगशाला में पिछले वर्ष कीटनाशी गुणवत्ता के नियंत्रण के लिये 200 नमूनों के सापेक्ष  215 नमूने ग्रहीत कर जांच के लिये भेजा गया। जांच के बाद पाया गया कि खराब पाये जाने पर निर्माता एवं फर्म के खिलाफ कार्रवाई की गयी। वर्ष 2022-23 में कीटनाशी गुणवत्ता नियंत्रण के लिये 149 नमूनों के सापेक्ष 115 नमूने जांच के लिये भेजे गये और परीक्षण के बाद दोषी निर्माता एवं फर्म के खिलाफ विधिक कार्रवाई की गयी। इसी तरह यूपी एग्रो ऑनलाइन सिस्टम अंंतर्गत गत वर्ष 96 कीटनाशी लाइसेंस एवं फर्म 2022-23 में 129 कीटनाशी लाइसेंस बांटे गये हैं।
उन्होंने बताया कि डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फार इनपुट डीलर डीएईएसआई योजना में 39 कीटनाशीअनुज्ञप्ति धारकों को तकनीकी रुप से एक वर्ष तक शिक्षित कर उन्हें डिप्लोमा एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया गया। 2022- 23 में 40 कीटनाशी धारकों को प्रशिक्षित किया गया है। इसी तरह,जिलाधिकारी द्वारा  अस्थाई गौवंश आश्रय स्थलों के निरीक्षण के लिये गोसाईगंज में अस्थाई गौवंश आश्रय स्थल,हुसैनाबाद एवं बहरौली आवंटित किये गये हैं। प्रत्येक माह में तीन से चार बार समय-समय पर गौशालाओं का निरीक्षण किया जाता है।
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