खबर का असर: मंत्री धर्मवीर प्रजापति की ‘सकारात्मक सोच’ में फंस गये ‘मोर्डिया’, पांचों होमगार्डों के साथ हुआ इंसाफ

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मंत्री धर्मवीर प्रजापति का इंसाफ: मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने शराब कांड में फंसे बेगुनाह सभी होमगार्डों को किया बहाल

ड्यूटी स्थल पर शराब पीते दिखाकर पांच होमगार्डों को जेसीपी,एलओ पीयूष मोर्डिया ने कराया सस्पेंड़

पुलिस के इंस्पेक्टर ने दल-बल के साथ सभी होमगार्डों की मेडिकल जांच,रिपोर्ट निकली निगेटिव

द संडे व्यूज़ ने सिलसिलेवार पीयूष मोर्डिया के ‘एक्शन’ पर दिया ‘रिएक्शन’, फिर पुलिस विभाग की हुयी किरकिरी

पांचों होमगार्ड मिले मंत्री धर्मवीर प्रजापति से,मंत्री सच जानने के बाद दिया आश्वासन,आंच नहीं आने देंगे…

मंत्री धर्मवीर प्रजापति,डीजी बी.के.मौर्या ने पांचों जवान को बहाल कर बढ़ाया होमगार्ड विभाग का मान

पांचों जवान का परिवार खुश,सभी दे रहें मंत्री और डीजी को दुआएं

 

 संजय पुरबिया
लखनऊ‘सच’ लिखने‘ और ‘सच बोलने’ का दम रखने वाले द संडे व्यूज़ की खबर को गंभीरता से लेते हुये होमगार्ड राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने  पुलिस द्वारा फंसाये गये पांचों होमगार्ड राम निवास,अनूप सिंह,कोमल,अभिषेक त्रिपाठी एवं सर्वेश अवस्थी को बहाल करा दिया। 21 फरवरी को जिला कमांडेंट दिनेश ढिंगरा ने पत्र जारी किया जिसमें लिखा है कि डीजी के निर्देश पर पांचों निलंबित होमगार्डों को बहाल किया जाता है। सभी होमगार्डों पर जेसीपी,एलओ पीयूष मोर्डिया ने डालीगंज स्थित कन्वेंशन सेंटर के निकट शाहमीना रोड के ट्रैफिक बूथ में शराब पीते हुये पकड़ा था। मोर्डिया ने सभी जवानों को डालीगंज इंस्पेक्टर के साथ मेडिकल कराया तो जांच ‘निगेटिव’ आयी क्योंकि होमगार्डों ने शराब नहीं पी थी और उन्हें पुलिस ने षडय़ंत्र के तहत फंसाया था। मेडिकल रिपोर्ट एवं साक्ष्यों के साथ जवान’ द संडे व्यूज़’ कार्यालय पहुंचे। इस पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति एवं डीजी,होमगार्ड को अवगत कराया गया। जांच रिपोट निगेटिव आने पर मंत्री भी चौंक गये। मंत्री जी का जवाब था कि ‘जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है इसका मतलब उनलोगों ने शराब पीया ही नहीं है’…। उन्होंने जवानों को आश्वस्त भी किया कि ‘यदि तुम लोग सही हो तो मैं तुम्हारे साथ हूृ’…। मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने साबित कर दिया कि वे सत्य के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। कल पांचों होमगार्ड बहाल कर दिये गये और सभी मंत्री धर्मवीर प्रजापति एवं डीजी,होमगार्ड बी.के.मौर्या को ‘बधाई’ दे रहे हैं। जवानों का कहना है ‘मंत्री जी ने विभाग का मान बढ़ाने का काम किया है।

वहीं मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि वे सत्य के साथ हैं। हमारे जवान बेकसूर थे, जांच में पुष्टि हुयी और मैंने तुरंत बहाल करने का निर्देश दिया। सभी जवान ईमानदारी से अपना कर्तव्य करें ताकि विभाग का नाम लोग गर्व से लें।’ बात जो भी हो,पांचों होमगार्र्डों को तो इंसाफ मिल गया लेकिन क्या पुलिस विभाग के एक बड़े अफसर को इस तरह से किसी बेगुनाह को फंसाना सही है ? बड़ा सवाल है…। सोचने की बात है जब कोई बेगुनाह फंसता है तो उसके साथ-साथ उनके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी आंच आने-दिखने लगती है क्योंकि इंसान का नजरिया बदलने में वक्त नहीं लगता…। पांचों जवानों के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा क्योकि सभी बेगुनाह थें…।

बता दें कि 7 जनवरी को शीर्षक ‘पीयूष मोर्डिया साहेब, आपने कहा ट्रैफि क बूथ में पांच होमगार्ड शराब पी रहे हैं, लेकिन उनकी मेडिकल रिपोर्ट तो निगेटिव आयी ? द संडे व्यूज़ की तहकीकात में कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं जो ये साबित कर रहा है कि पांचों जवानों को पुलिस ने एक सोची समझी रणनीति के तहत फं साने का कुचक्ररचा, जिसमें ये फं स गये…। सवाल यह है कि आखिर पीयूष मोर्डिया के पास किसका फ ोन आया, जिसने बताया कि पुलिस बूथ में जवान शराब पी रहे हैं ? क्योंकि फ ोन करने वाले ने ये भी बताया कि वे राहगीरों से नशे में धुत्त होकर अवैध वसूली भी कर रहे हैं? क्या किसी राहगीर ने अवैध वसूली करने की शिकायत मोर्डिया साहेब से की ? दूसरा सवाल कि यदि पांचो होमगार्ड पुलिस बूथ में बैठकर शराब पी रहे थे तो सभी की मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव कैसे आ गयी ? क्या ये मान लिया जाये कि बलरामपुर हॉस्पिटल में मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाला डॉक्टर अनाड़ी है ?

मेडिकल रिपोर्ट के बाद जब पांचों होमगार्ड को थाने ले जाया गया तो उन्हें फ ार्म 34 भरवा कर छोड़ क्यों दिया गया ? आखिर पुलिस ने पांचों शराबी होमगार्डों को जेल क्यों नहीं भेजा? मोर्डिया साहेब सवाल तो बहुतेरे हैं…। द संडे व्यूज़ जानना चाहेगा कि आपकी पुलिस ने डालीगंज चौराहे पर ड्यूटी कर रहे अभिषेक त्रिपाठी को सरकारी टाटा सूमो नंबर 4690 में लादकर उसी पुलिस बूथ में क्यों ले गयी ? आपने पुलिसकर्मियों से क्यों नहीं पूछा कि अभिषेक त्रिपाठी को क्यों पकड़ कर लाये हो? मोर्डिया साहेब क्या आपने सीसीटीवी की फु टेज को देखने की कोशिश की कि कितने बजे पुलिस ने डालीगंज चौराहे से होमगार्ड अभिषेक त्रिपाठी को उठाया था ? आपके क्षेत्र में चोरी की वारदात होती है तो सबसे पहले आपलोग सीसीटीवी की फुटेज खंगालते हैं फि र इस मामलें में पीछे क्यों रह गये ? क्या आपने ये देखने की जहमत उठायी कि आपके जांबाज पुलिसकर्मियों ने जिस शराब के बोतल को सीलबंद किया है, उसमें शराब की बूंद भी है या नहीं? खैर, छापेमारी जेसीपी पीयूष मोर्डिया ने की थी इसलिये मामले की गंभीरता को देखते हुये होमगार्ड विभाग के कमांडेंट अतुल सिंह ने पांचों होमगार्ड को निलंबित कर दिया है।जांच जारी है…।

वहीं, षडय़ंत्र के तहत फं साये गये जवानों ने अपने अभिभावक यानि होमगार्ड, कारागार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगायी है। दूसरी तरफ , मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने इस प्रकरण पर कहा कि वे सच का साथ देंगे…। यदि मेरे जवान दोषी हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और निर्दोष हैं तो उन्हें कुछ नहीं होगा।

बता दें कि 5 जनवरी को डालीगंज स्थित अपने कार्यालय में जेसीपी एलओ पीयूष मोर्डिया दोपहर में कामकाज देख रहे थे। उसी दरम्यान उनके सीयूजी नंबर पर किसी को कॉल आता है कि डालीगंज स्थित कन्वेंशन सेंटर के पास शाहमीना रोड के ट्रैफि क बूथ में बैैठकर होमगार्ड शराब पी रहे हैं और नशे में धुत्त होकर राहगीरों से अवैध वसूली भी कर रहे हैं। सूचना मिलते ही जेसीपी एलओ सादे कपड़ों में निजी वाहन से बूथ के पास पहुंचे। उन्होंने गाड़़ी कुछ दूरी पर छोड़कर मास्क लगाकर बूथ तक गये। वे बूथ में पहुंचे तो वहां पर शराब की दो बोतल, गिलास व नमकीन रखी थी। होमगार्ड के पांचों जवान रामनिवास, अनूप सिंह, कोमल, अभिषेक त्रिपाठी एवं सर्वेश अवस्थी नशे में पाये गये। जेसीपी के निर्देश पर चौक पुलिस मौके पर पहुंची और पांचों होमगार्ड को हिरासत में ले लिया। मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद होमगार्ड विभाग में हड़कम्प मच गया। पीयूष मोर्डिया की रिपोर्ट पर कमांडेंट अतुल सिंह ने तत्काल प्रभाव से पांचों होमगार्ड को निलंबित कर एक सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश जारी कर दिया है।

द संडे व्यूज़ को निलंबित जवानों ने बताया कि हमलोग बेगुनाह हैं। अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि लगभग दो माह पूर्व डालीगंज चौराहे पर वाहन चेकिंग कर रहे थे। उसी दौरान एक बाईक सवाल को बिना हेल्मेट रोका। उसने बताया कि उसके पिता पुलिस विभाग में हैं लेकिन मैंने उसका चालान कटवा दिया। उस समय उसके साथ दोनों की कहासुनी हो गयी थी। उसके बाद उसने देख लेने की धमकी दी और बात खत्म हो गयी। पूरी संभावना है कि उसी ने पुलिस वालों के साथ मिलकर हमलोगोंको फंसाया है क्योंकि गुरूवार को मैं डालीगंज में ड्यूटी पर था, उसी दौरान पुलिस की स्कॉर्ट नंबर 4690 में पुलिस वाले आये। ट्रैफि क सिपाही जमालुदद्ीन सिद्दीकी ने पुलिस वालों को बताया कि यही अभिषेक है, ये उसी ग्रुप का है…। ये भी शराब पीता है…। पुलिस वालों ने उसे गाड़ी में बिठा लिया। उस वक्त मौके पर टीएसआई संतोष कुमार भी मौजूद थे। पुलिस वालों ने मुझे डालीगंज चौराहे से 300 मीटर की दूरी पर बने ट्रैफि क बूथ पर ले गये, जहां पहले से ही सर्वेश अवस्थी, अनूप सिंह, कोमल कुमार एवं राम निवास पहले से ही बैठे थे। उन्होंने बताया कि वहां मौजूद पुलिस वालों ने एक खाली शीशी और पानी के खाली बोतल को रखकर फोटो खिंचा और उसे सीलबंद कर हम पांचों का उस पर हस्ताक्षर करा लिया।

अभिषेक ने यह भी बताया कि पुलिस वालों ने मुझे ड्यटी स्थल से जबरियन उठाकर लायी इसकी पुष्टि टीएसआई संतोष कुमार से की जा सकती है। हमलोगों को षडय़ंत्र के तहत फ ंसाया गया है। इसकी लिखित शिकायत अपने विभागीय मंत्री से की है। हमलोगों को मंत्री धर्मवीर प्रजापति से इंसाफ की पूरी उम्मीद है। इस मामले पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि वे सच का साथ देंगे। बल्कि मंत्री ने द संडे व्यूज से सवाल दागा कि यदि मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव है तो जवानों ने शराब नहीं पी है…। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस द्वारा करायी गयी मेडिकल रिपोर्ट ने साबित तो कर दिया कि पांचों जवान ट्रैफिक बूथ में शराब नहीं पी रहे थे लेकिन क्या इन्हें इनका विभाग इंसाफ देगा…

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