4 साल की मासूम से दरिंदगी करने वाले को फांसी के फंदे तक पहुंचानी वाली टीम को किया सम्मानित

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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की हुई थी पुष्टि

चार साल में मिला तीन मेडल

संवाददाता

गाजियाबाद । कोतवाली क्षेत्र में साढ़े चार साल की बच्ची को घर के बाहर से अगवा करके दुष्कर्म और हत्या करने वाले दरिंदे को फांसी की सजा दिलाने वाली पुलिस टीम को मंगलवार को लखनऊ में पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिह्न मिला। सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह को पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिह्न के साथ विशिष्ट प्रशस्ति पत्र भी मिला। इससे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ा है।

साहिबाबाद कोतवाली क्षेत्र के राजमिस्त्री की साढ़े चार साल की बेटी एक दिसंबर की दोपहर में घर के बाहर से लापता हुई थी। दूसरे दिन घर के पास ही उसका शव बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व अन्य साक्ष्यों के आधार पर सात दिसंबर को नंदग्राम के सोनू गुप्ता को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मजबूत साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पैरवी की।

46 दिन में अदालत ने सुनवाई पूरी करके सोनू को फांसी की सजा सुनाई। पुलिस टीम में शामिल तत्कालीन पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन डा. दीक्षा शर्मा (वर्तमान में पुलिस अधीक्षक हमीरपुर), सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह, साहिबाबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सचिन मलिक, निरीक्षक कृष्ण गोपाल शर्मा, महिला आरक्षी रीना सैनी को पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिह्न मिला।

स्वतंत्र कुमार सिंह को वर्ष-2018 में सिल्वर, 2020 में गोल्ड और 2021 में प्लेटिनियम मेडल मिला था। चार साल में यह तीनों मेडल पाने वाले वह उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे युवा अधिकारी बन गए हैं। इस वजह से उन्हें विशिष्ट प्रशस्ति पत्र मिला है। साहिबाबाद में बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म और हत्या मामले के अलावा विजय नगर में बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में उन्होंने दोषी को तीन माह में सजा दिलाई थी। पुलिस महानिदेशक प्रशंसा चिह्न उन्हें इन दोनों मामलों के लिए मिला है।

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