आटो चलाने वाले का बेटा रिंकू सिंह ने लखनऊ सुपर जाएंट्स के छुटाए पसीने

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फर्श से अर्श तक की कहानी
पिता घर-घर सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं
एक भाई ऑटो रिक्शा चलता है
लखनऊ। लखनऊ सुपर जाएंट्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच बुधवार रात खेले गए मुकाबले का रोमांचक अंदाज में अंत हुआ। इस मुकाबले को जीता तो केएल राहुल की टीम ने मगर सुर्खिया केकेआर के रिंकू सिंह बटोर गए। लखनऊ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए क्विंटन डी कॉक के शतक और कप्तान केएल राहुल के अर्धशतक की मदद से 211 रनों का लक्ष्य कोलकाता के सामने रखा था। इस स्कोर का पीछा करते हुए केकेआर 20 ओवर में 208 ही रन बना सकी। आखिरी कुछ ओवर्स में 2 बार की चैंपियन टीम कोलकाता के बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने लखनऊ सुपर जाएंट्स के खेमे में खलबली मचा दी थी। रिंकू 15 गेंदों पर 2 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 40 रनों की तूफानी पारी खेलकर आउट हुए। रिंकू को आखिरी ओवर में एविन लुईस ने शानदार कैच पकड़ पवेलियन का रास्ता दिखाया, अगर रिंकू आउट नहीं होते तो मुकाबले का नतीजा जरूर कोलकाता के पक्ष में होता।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आने वाले रिंकु सिंह की कहानी में काफी स्ट्रगल देखने को मिलता है। पिता घर-घर सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं वहीं एक भाई ऑटो रिक्शा चलता है तो दूसरा कोचिंग सेंटर में काम करता है। वह कुल 5 बहन-भाई है। रिंकू की पढ़ाई में ज्यादा रूचि नहीं थी जिस वजह से उन्होंने क्रिकेट को अपनी जिंगदी बना ली। 9वीं फेल रिंकू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 2012 से पहले जब वह क्रिकेट खेलते थे तो उनके पिता उन्हें मारा करते थे, मगर उस साल उन्होंने एक टूर्नामेंट में बाइक जीती जिसके बाद उनके पिता ने रिंकू को मारना बंद कर दिया। उस बाइक का इस्तेमाल रिंकू के पिता सिलेंडर डिलवर करने के लिए इस्तेमाल करते थे। रिंकू ने यह भी बताया कि एक बार उन्होंने अपने भाई को नौकरी के लिए कहा तो वह ऐसी जगह लेकर गया जहां साफ-सफाई और पोछा मारने का काम था, रिंकू वहां से लौट जाए और उन्होंने इसके बाद क्रिकेट खेलने में जी जान लगा दी।

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