बहराइच। बहराइच में रविवार को सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की साजिश के अहम सुराग हाथ लगे हैं। सोशल मीडिया पर कई अकाउंट्स के जरिये वीडियो और भड़काऊ बातें प्रचारित की जाने लगीं। इनमें जुलूस में शामिल लोगों को समुदाय विशेष के घरों में हमले का दोषी ठहराया गया।

यह मामला देखते-ही-देखते देश भर में सुर्खियों में आ गया। इसकी वजह से कई अन्य शहरों में भी माहौल बिगड़ने से रोकने के लिए प्रशासन को इंटरनेट सेवाएं बंद करने का एहतियाती कदम उठाना पड़ा। पुलिस सांप्रदायिक हिंसा के अलावा वारदात से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है, जिसमें सोशल मीडिया पर माहौल बिगाड़ने की साजिश भी शामिल है।मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बहराइच जाकर हालात पर नियंत्रण किया। इसकी वजह से सोमवार दोपहर के बाद किसी भी इलाके में कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई। हालात सामान्य होने पर एडीजी मंगलवार देर शाम राजधानी वापस आ गए। वह बुधवार को अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेंगे, जिसके तथ्यों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा।
पुलिसकर्मियों का करीबी था आरोपी सलमान
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रामगोपाल मिश्रा को गोली मारने वाला सलमान स्थानीय पुलिसकर्मियों का करीबी था। इलाके में उसकी छवि दबंग की थी। आशंका जताई जा रही है कि सलमान से करीबी होने की वजह से स्थानीय पुलिस जुलूस पर पथराव के दौरान मूकदर्शक बनी रही और उसने हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं की। यह भी सामने आया है कि जुलूस में डीजे पर पाकिस्तान के खिलाफ एक गाना बजाने का विरोध किया गया था। गाना बंद नहीं होने पर जुलूस पर पथराव होने लगा, जिसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।

बहराइच की महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार शाम को गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे दुर्गा प्रतिमा खंडित होने पर पूजा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल मिश्रा (24) को घर के अंदर घसीट ले गए और गोली मार दी। घटना का पूरे जिले में विरोध शुरू हो गया था। विसर्जन कमेटी के लोगों ने बहराइच-सीतापुर हाईवे पर चहलारी घाट पुल के पास जाम लगा प्रदर्शन शुरू कर दिया। बहराइच-लखनऊ हाईवे भी जाम कर दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार शाम महसी तहसील की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। महराजगंज कस्बे में पहुंचने पर कस्बा निवासी दूसरे सामुदाय के कुछ लोग मौके पर पहुंचे और गाली गलौज शुरू कर दी। प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने इसका विरोध किया तो छतों से पथराव शुरू कर दिया गया। इस पर समिति के सदस्य प्रदर्शन करने लगे तो दूसरे सामुदाय के हजारों लोगों की भीड़ मौके पर पहुंची और उपद्रव शुरू कर दिया। सूचना पर भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची।
पूजा समिति सदस्यों का आरोप है कि एसओ मौके पर मौजूद नहीं थे। प्रदर्शन शुरू हुआ तो पुलिस ने विसर्जन में शामिल लोगों पर ही लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई और दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल को उठा ले गए और उसकी हत्या कर दी।
बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में शामिल 52 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। बहराइच पुलिस ने इस प्रकरण में दो मुकदमे और दर्ज किए हैं। एसपी बहराइच वृंदा शुक्ला ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में उच्च अधिकारियों के साथ गश्त की जा रही है। वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित कर गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं।
बता दें कि हिंसा पर काबू पाने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश, गृह सचिव संजीव गुप्ता, एडीजी जोन गोरखपुर केएस प्रताप कुमार, मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण सुशील आदि अधिकारियों ने मौके पर जाकर एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए, जिससे हालात पर काबू पाया जा सका।
एडीजी अभिताभ यश ने बताया कि घटना में शामिल उपद्रवियों की धरपकड़ की जा रही है। उनकी हिस्ट्रीशीट खंगालने के लिए एक्स्ट्रा इंटेलिजेंस टीम लगाई गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों के साथ पूरे शहर में भी पुलिस बल लगातार गश्त कर रहा है। कुछ संदिग्धों पर विशेष टीम द्वारा नजर रखी जा रही है।












