
चोर जिस दीवार को तोड़ कर बैंक के अंदर दाखिल हुए,उसमें प्लास्टर तक नहीं था। ऐसे में चोरों को उस दीवार को तोड़ने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई होगी। जानकारों की मानें तो बैंक की दीवार की चुनाई भी अच्छे मसाले से नहीं की गई होगी। इस लिए चोरों को दीवार की ईंटे हटाने में कोई समस्या नहीं हुई। बैंक में चोरी की सूचना 112 पर रविवार सुबह ही दे दी गई थी। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और बैंककर्मियों ने काफी देर तक वारदात सार्वजनिक होने से रोके रखा। हालांकि काफी पुलिस और डॉग स्क्वाड मौके पर पहुंचने पर वारदात वायरल हो गई। पुलिस ने बैंक की डीबीआर को कब्जे में ले लिया है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि चोरो ने 42 लॉकर तोड़कर सामान चोरी कर लिए है। इसमें लॉकर नंबर 32,33,34,38,39,40,41, 44 से 79 तक के लॉकर शामिल है। पुलिस ने बैंक से ये लॉकर होल्डर के नाम के साथ साथ ही उनके पाते और फोन नंबर की जानकारी मांगी है सूत्रों की मानें तो गैंग में 8 से अधिक लोग शामिल हैं। इसमें से गैंग के 4 सदस्य अंदर गए थे। जबकि कुछ लोग बहार निगरानी कर रहे थे। पुलिस सड़क पर लगे कैमरों की भी जांच कर रही है। अंदेशा है कि चोर चोरी करने के बाद गली के रास्ते ही भागे थे।
डीसीपी ने बताया कि बैंक के स्ट्रॉन्ग रूम में एक वॉर्ड में 12 लाख रुपये रखे थे। पर, चोरों ने उस वॉर्ड को छुआ तक नहीं। विशेषज्ञों की मानें तो चोरों को पता था कि बैंक के 12 लाख रुपये चोरी करने पर वह फंस सकते हैं। उन रुपयों की सीरीज बैंक के पास होती है। इस सीरीज नंबर के रुपये खर्च करने पर चोरों को ट्रैक किया जा सकता था।
चोरों ने सिर्फ 42 लॉकरों को ही निशाना बनाया है। जबकि स्ट्रॉन्ग रूम में 90 लॉकर थे। यही नहीं चोरों ने ऊपर से पांच और नीचे की दो लाइन के लॉकरों को हाथ तक नहीं लगाया। जबकि उनके पास अन्य लॉकरों को काट कर चोरी करने का पूरा मौका था। पुलिस अधिकारियों को शक है कि चोरों को इस बात की पुख्ता जानकारी तो नहीं थी कि किन-किन लॉकर नंबरों में ज्यादा माल हो सकता है। पुलिस इस बात पर भी फोकस कर रही है कि कहीं बैंक से किसी ने मुखबिरी तो नहीं की है।