एलडीए उपाध्यक्ष को धृतराष्ट समझकर अफसरों ने गोमतीनगर में ही ‘आवासीय भूखण्ड’ को बनवा दिया ‘व्यावासायिक’

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गोमतीनगर विस्तार सेक्टर 5 में घोटाला : आवासीय भू-खण्डों पर खड़ी हो गयी दर्जनों कॅाम्प्लेक्स

सवाल: आवासीय भू-खण्ड पर कै से बना कॅाम्प्लेक्स ? 

सवाल: जब हो रहे थे अवैध निर्माण तब क्षेत्रीय अवर अभियंता क्यों खामोश थे ?

सवाल:संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने आवंटन रद्द करने की कार्रवाई क्यों नहीं की ?

सवाल: मानचित्र अनुभाग के अवर अभियंता ने नक्शा निरस्त क्यों नहीं किया ?

एलडीए उपाध्यक्ष के नाक के नीचे अफसरों ने गोमतीनगर में सैंकड़ों आवासीय भूखण्ड को बनाया व्यावसायिक

इस फ्राड में शामिल हैं – मानचित्र अनुभाग, संपत्ति विभाग के अवर अभियंता,सहायक अभियंता,अधिशाषी अभियंता और जोनल अधिकारी

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ। एलडीए के अफसरों पर ना तो सरकार का खौफ है और ना ही अपने उपाध्यक्ष का…तभी तो शहर की जान कही जाने वाली गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर 5 मेें आवासीय भू-खण्ड पर व्यावसायिक ईमारतें खड़ी करवा दिये हैं। गोमतीनगर विस्तार में सदर तहसील से लेकर शहीद पथ पर लगे हुये सर्विस रोड पर जितने भी निर्माण हुये हैं या हो रहे हैं, सब आवासीय नियमावली के विपरित है। बड़े-बड़े कॅाम्प्लेक्स, होटल सहित दर्जनों की संख्या में दुकानें सरकारी तंत्र को मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि आवंटियों ने नक्शा भू-खण्ड का पास कराया है और यहां पर मकान नहीं कामर्शियल कॉम्प्लेक्स, होटल सहित दुकानें बनवा कर रुपये कमा रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर एलडीए उपाध्यक्ष कार्यालय से चंद किलो मीटर की दूरी पर एलडीए के ही क्षेत्रीय अवर अभियंता, सहायक अभियंता,जोनल अधिकारी,न्या यालय विहित प्राधिकारी सहित भू-खण्ड आवंटन से लेकर मानचित्र विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर घोटाला किया और किसी को भनक तक नहीं लगी ? सवाल यह भी है कि जब आवासीय भू-खण्ड पर कामर्शियल काम्प्लेक्स, होटल और दुकानें बनायी जा रही थी तो संपत्ति विभाग के अधिकारी,मानचित्र विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की ? इससे जाहिर होता है कि करोड़ों के इस घोटाले में सभी अधिकारी शामिल हैं।

बता दें कि गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर 5 में सदर तहसील से लेकर शहीद पथ पर लगे हुये सर्विस रोड पर किलो मीटर तक आपको कॉम्प्लेक्स,होटल सहित प्लंबर की दुकानें दिख जायेंगी। आप सोच रहे होंगे कि ये जगह एलडीए से कामर्शियल एलॉट हुयी होगी लेकिन ऐसा नहीं है। सेक्टर 5 में आवंटियों को आवासीय भू-खण्ड आवंटित किया गया था लेकिन एलडीए के भ्रष्टï अफसरों से सांठ-गांठ कर आवंंटियों ने यहां पर काम्प्लेक्स,होटल खोलकर व्यावासायिक गतिविधियां चला रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो ये है कि भू-खण्डों का नक्शा पास पास होने के बाद भी बिना स्वीकृति लिये नियम विरुद्ध निर्माण कराये गये हैं। इस सेक्टर को बनाने में एलडीए के क्षेत्रीय अवर अभियंता,सहायक अभियंता, जोनल अधिकारी, न्यायालय विहित प्राधिकारी कार्यरत थे तो फिर आवंटन नियमावली के विपरित आवासीय भू-खण्डों में व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कैसे होने लगा ?

इसी तरह, आवंटन के संपत्ति अधिकारी द्वारा आवंटन नियमों का उल्लंघन आवंटियों द्वारा किये जाने पर संपत्ति से संबंधित संपत्ति अधिकारियों द्वारा अभी तक आवंटन रद्द करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों की संलिप्तता है। ठीक इसी तरह,मानचित्र अनुभाग के अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशाषी अभियंता द्वारा आवंटन नियमो के विपरित आवासीय से व्यावसायिक किये गये निर्माण का मानचित्र निरस्त करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी ?

सीधी बात करें तो सेक्टर 5 के आवंटन से लेकर निर्माण तक की कार्यवाही में उक्त सभी अधिकारी पूरी तरह से शामिल हैं और फिलवक्त तक के अवैध निर्माण में ये लोग करोड़पति तो बन ही गये होंगे। देखने की बात होगी कि उपाध्यक्ष,एलडीए की जानकारी में आने के बाद महाभ्रष्टï अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी या फिर…।

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