(आरटीआई) के तहत जानकारी देने में देरी करना पड़ा भारी, डीएम ने 14 अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण

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आयुक्त ने पत्र भेजकर कार्रवाई करने को कहा मामलों में तीन साल तक की देरी संवाददाता, लखनऊ। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत देरी से जानकारी देना कई पदाधिकारियों को मंहगा पड़ा। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने अपर समाहर्ता और काराधीक्षक समेत 14 पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। ये कार्रवाई राज्य सूचना आयुक्त के निर्देश पर की गई है। बताया गया कि राज्य सूचना आयोग के विभिन्न वादों में अपीलार्थी को विलंब से सूचना उपलब्ध कराई गई। कई मामले में तो तीन-तीन साल की देरी की गई। डीएम ने इस पर नाराजगी जताई।उन्होंने आवेदक को अपेक्षित सूचना अविलंब उपलब्ध कराते हुए स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। राज्य मुख्य सूचना पिछले दिनों वाद की सुनवाई आयोग में की गई थी। इस दौरान अभिलेख के अवलोकन के दौरान पाया गया कि अपीलार्थी को किसी प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई, जबकि नियमानुसार अगर जानकारी देने लायक है तो एक माह के अंदर अनिवार्य रूप से देना है। अगर सूचना सांस्थिक होने के कारण अदेय है तो अपीलार्थी को इस बिंदु से अवगत कराते हुए सूचित करने का प्रविधान है। वाद की सुनवाई के दौरान पता लगा कि संबंधित पदाधिकारी के स्तर से अपीलार्थी को जानकारी नहीं दी गई।तीन वर्ष से अधिक तक मामले को लंबित रखा गया। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ने इसी आधार पर संबंधित पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीएम ने लोक सूचना पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता और काराधीक्षक के अलावा अपर समाहर्ता, आपदा, कोषागार पदाधिकारी, जिला स्थापना उप समाहर्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी, डीटीओ, नोडल पदाधिकारी, आम जनता से साक्षात्कार कार्यक्रम और जिला नजारात उप समाहर्ता समेत अन्य से स्पष्टीकरण मांगा है।

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