अपना चेहरा साफ कीजिए, आईने से मत झगड़िये
प्रदेश की जनता देगी जवाब-भूपेंद्र चौधरी
पतन की हद पार कर गई सपा-स्वतंत्र देव सिंह

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक डीएनए विवाद पर सोमवार को शायराना अंदाज में कूदे। इस पर अखिलेश ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि उर्दू की शायरी करके जो भाजपा के लोग अपने ही दल में जिसका अप्रत्यक्ष विरोध कर रहे हैं, उन्हें बुरा लग गया तो उन पर राजनीतिक बुलडोज़र चलते देर नहीं लगेगी। उनकी सियासी सेहत के लिए एक सलाह है कि उप (उप मुख्यमंत्री) रहें और चुप रहें।
अखिलेश सोशल मीडिया पर आगे लिखते हैं कि खाली बैठे लोग बात आगे बढ़ाते हैं और काम करने वाले आगे बढ़ जाते हैं। जो लोग अपने दलों में पूछे नहीं जाते हैं, उनसे पुनः आग्रह है कि कुछ सार्थक भूमिका निभाएं। जिस समाज का आप (ब्रजेश पाठक) सामाजिक प्रतिनिधित्व करते हैं, उस समाज पर कितना अत्याचार और अन्याय हो रहा है, उस पर यदि बोलकर कुछ कहने का साहस नहीं है तो कम से कम इशारे में ही कुछ कहने का साहस करें।
अखिलेश बिना नाम लिए ब्रजेश पाठक के लिए लिखते हैं कि बाहर से आकर भाजपाइयों जैसा बनकर वहां घुलने-मिलने की कोशिश कर रहे हैं। अपना राजनीतिक शोषण मत होने दीजिए। कभी संकट में हों तो हम आपके साथ खड़े रहेंगे। हम जानते हैं वो समय दूर भी नहीं है क्योंकि न तो आप, न ही आपका समाज आज के सत्ताधीश को भाता है या लुभाता है।
पाठक लिखते हैं कि मुस्लिम तुष्टिकरण ही सपा की राजनीति का केंद्रीय हिस्सा रहा है। बतौर मुख्यमंत्री अपने दस्तखत से आतंकियों से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए। सपा सत्ता के लिए समाज को बांटने में यकीन रखती है। एक-एक आम व्यक्ति की जुबां से आपकी पार्टी के इस डीएनए का जिक्र फूटेगा। किस किस को गालियां देते फिरेंगे आप? सो अपना चेहरा साफ कीजिए, आईने से मत झगड़िये।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह कहते हैं कि मर्यादा की एक रेखा होती है। गिरने की भी एक हद और पतन की भी एक सीमा होती है। लेकिन, जब कोई राजनैतिक दल समाज की इन वर्जनाओं के पतन की हद को भी पार कर जाता है तो वह विषाक्त हो जाता है। समाजवादी पार्टी अब अधिकृत रूप से उसी स्थिति को प्राप्त हो चुकी है।












