होमगार्ड विभाग : मेरठ कमांडेंट को हटाने और छोटे जिले के कमांडेंट को लाने के लिये बीओ इकट्ठा कर रहें मोटी रकम …
अनिल शर्मा
मेरठ। होमगार्ड विभाग के आईजी के रिटायरमेंट पार्टी में प्रदेश भर के सभी कमांडेंट लखनऊ में मौजूद थे। फिर क्या,सभी को मौका मिल गया ऊपर वाले से मिलकर सौदा तय करने और मनचाही जगत तैनाती पक्का कराने की। बहुतेरे मंत्री से लेकर मुख्यालय के अफसरों तक ही सीमित रहें लेकिन सभी अपने-अपने स्तर से जुगाड़ लगाकर वापस हो लिये। लेकिन…सबसे अधिक चर्चा मेरठ में कमांडेंट बनने की ख्वाहिश रखने वाले छोटे जिले के एक कमांडेंट की रही। छोटे जिले में तैनात कमांडेंट ने यहां पर तैनात चार शातिर बीओ को सेट कर मौजूदा कमांडेंट का विकेट गिराने का चक्रव्यूह रच दिया है। शातिर बीओ ने भी आश्वासन दिया है कि साहेब, इनको किसी तरह यहां से हटवा दो और आप आ जाओ,लेन-देन में रुपया की कमी पड़े तो बता देना हमलोग मिलजुल कर इंतजाम कर देंगे। बस आप आ जाओ, सब निकाल लिया जायेगा।

वैसे भी मेरठ ऊपरी कमाई के मामले में पहले से ही थोड़ा बहुत नहीं बल्कि बहुत ज्यादा बदनाम जिलों में गिना जाता है। यहां पर कई शातिर किस्म के बीओ,हवलदार प्रशिक्षक और पीसी हैं,जो नौकरी तो यहां करते हैं लेकिन अतिरिक्त कार्य के रुप में बहुतेरे धंधा फैला रखे हैं। अधिकारियेां ने बताया कि कई कमांडेंट तो लखनऊ में आईजी साहेब की विदाई पार्टी से वापस लौटने के बाद जिलों में हंगामा बरपा रहे हैं। डंके की चोट पर कह रहे हैं कि जिला तो मेरे हवाले ही रहेगा,जब चाहुंगा तभी खाली होगा। मजबूत सिस्टम बिठाकर आया हूं।
वहीं, छोटे जिले में झक मारकर बैठे प्रमोटी कमांडेंट तो मेरठ की कुर्सी पाने के लिये लखनऊ यात्रा से पहले ही आगरा यात्रा कर अपना सिस्टम मजबूत कर लिया है। ऐसा मोटा दक्षिणा चढ़ाने को बेचैन है कि साहेब मुंह खोलो,रकम हाजिर है। इसके लिये उसने मेरठ में तैनात सभी बीओ को अपने पाले में मिलाया। प्रमोटी ने सभी को घुट्टी पिलाया कि मैं मेरठ आ गया तो तुम लोग जितना कमाते हो, उससे कई गुना अधिक कमाई कर सकते हो। मेरी मदद करो और ताकि किसी तरह मैं मेरठ कमांडेंट की कुर्सी पर बैठ जाऊं।
बात ऊपरी कमाई की हो तो बीओ कहां शांत बैठने वाले। उनलोगों ने छोटे जिले के प्रमोटी कमांडेंट को यहां तक आश्वासन दे दिया कि साहेब ऊपर लेन-देन में कोई कमी हो तो हमलोगों को बता देना,सब ठीक कर देंगे। पैसे की वजह से आपका काम ना रुके,बस आप इनको हटाकर किसी तरह यहां पर आ जाओ। मेरठ कमांडेंट के लिये सोचने वाली बात ये है कि आखिर उसके ही कर्मचारी उसके साथ दगाबाजी क्यों कर रहे हैं ?
क्रमश:











