ब्यूरो, पटना: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को “भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह” बताया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और अपराधियों को संरक्षण देने के कारण जनता आने वाले चुनावों में इसका बदला लेगी। यह बात उन्होंने गुरुवार को पटना में कही। इसके साथ ही, उन्होंने वोटर लिस्ट में आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अपराध बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपराधियों को बचा रहे हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब राज्य में आपराधिक गतिविधियां न हों। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ मिलकर बिहार को लूट रहे हैं। आने वाले चुनावों में जनता इसका बदला लेगी। तेजस्वी यादव ने यह बातें पटना में पत्रकारों से कहीं।
वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में शामिल करने की अनुमति देना एक बड़ी जीत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसके संचालन के तरीके से असहमत हैं।
इससे पहले 10 सितंबर को, चुनाव आयोग (EC) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) का एक सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें देश भर में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की तैयारियों का जायजा लिया गया। इस साल मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का यह तीसरा सम्मेलन था। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किया। इस अवसर पर चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी उपस्थित थे।
चुनाव आयोग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बिहार के सीईओ ने रणनीतियों, बाधाओं और अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक प्रस्तुति दी। ताकि देश के बाकी सीईओ उनके अनुभवों से सीख सकें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आयोग की इस पहल का समान रूप से कार्यान्वयन हो कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता न हों, मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की स्थिति की भी समीक्षा की गई।
सीईओ ने यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दस्तावेजों का सुझाव भी दिया कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से बाहर न रहे और कोई भी अयोग्य व्यक्ति इसमें शामिल न हो। यह दोहराया गया कि ये दस्तावेज योग्य नागरिकों के लिए जमा करने में आसानी को बढ़ावा दें।