राम नाम से गूंजा ‘टेम्स’ का तट, लंदन में ‘अपने-अपने राम’… सुनने को उमड़ा अप्रवासी भारतीयों का हुजूम

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अंग्रेजों के देश में गूंजा श्रीराम का नाम, लंदन में कुमार विश्वास की रामकथा सुनकर भावुक हुआ अप्रवासी भारतीय

समुदाय हाथ में जल लिये राम रोते रहे…, सात समंदर पार लंदन में कुमार विश्वास की संगीतमय रामकथा

लंदन में डॉ. कुमार विश्वास का जादू ,अपने-अपने राम… के दौरान ऑडिटोरियम में कम पड़ी जगह

उपलब्ध सीटों से अधिक संख्या में पहुंचे रामभक्त, सैकड़ों श्रोताओं को लौटना पड़ा वापस

डॉ. कुमार के चरण छूकर भावुकता में रोते दिखे युवा लड़कियां व लड़के

लंदन में अप्रवासी भारतीयों से कुमार विश्वास की अपील- देश को आवश्यकता पड़े तो तत्काल लौट आना

  संजय श्रीवास्तव

नई दिल्ली। लंदन रामकथा मर्मज्ञ एवं देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने ब्रिटेन के लंदन स्थित रीवरसाइड स्टूडियोज में श्रीरामकथा से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। लंदन में टेम्स के तट पर आयोजित डॉ. कुमार विश्वास की रामकथा में श्रोताओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हालात कुछ ऐसे हो गये कि कार्यक्रम स्थल पर उपलब्ध सीटों से अधिक संख्या में श्रोता पहुंच गये, हालांकि स्थान सीमित होने की वजह से सैकड़ों श्रोताओं को वापस भी लौटना पड़ा। 27-29 सितंबर तक आयोजित तीन दिवसीय अपने-अपने राम कार्यक्रम में श्रीरामकथा के मार्मिक प्रसंगों को सुनकर अप्रवासी भारतीय समुदाय में उत्साह नजर आया। कथा में श्रोताओं के उल्लास को देखकर डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि विदेश में रहकर भी श्रीराम के प्रति इतनी श्रद्धा यह प्रमाणित करती है कि हम अपनी जड़ों से अभी भी जुड़े हुये हैं। लंदन में उमड़ा मिनी इंडिया डॉ. कुमार विश्वास के पैर छूकर भावुकता में रोते दिखे युवा लड़कियां व लड़के तीन दिवसीय अपने- अपने राम का आयोजन भले ही सात समंदर पार लंदन में हुआ हो, लेकिन वहां मौजूद भारतीय समुदाय के प्रेम को देखकर लग रहा था मानो मिनी इंडिया बन गया हो।

भारत की तरह ही विदेश में भी डॉ. कुमार विश्वास को सुनकर युवा लड़के- लड़कियां भावुकता में रोते दिखे। युवाओं में डॉ. कुमार विश्वास के पैर छूकर आशीर्वाद लेने की होड़ लगी रही। बच्चों के स्नेह और प्रेम को देखते हुये डॉ. विश्वास ने भी उन्हें पूरा समय दिया और अपनी मातृभूमि के प्रति सदा समर्पित रहने का संकल्प कराया। फैन्स का उत्साह और पागलपन देखकर भौचक्के रह गये अंग्रेज, विदेशियों में जागा कौतूहल लंदन में रामकथा मर्मज्ञ एवं हिंदी के कवि के लिये रोते फैन्स को देखकर अंग्रेज आश्चर्यचकित दिखाई दिये। होटल से लेकर कार्यक्रम स्थल तक तीन दिनों में कई अंग्रेज तथा अन्य देशों से आये पर्यटक भी डॉ. कुमार विश्वास के साथ सेल्फी लेने को उत्सुक दिखाई दिये।

अपने-अपने राम में डॉ. कुमार विश्वास की वेशभूषा बनी आकर्षण का केन्द्र– डॉ. कुमार विश्वास की वेषभूषा हमेशा की तरह लंदन में भी सबसे अलग दिखाई दी। अपने-अपने राम के तीनों दिन डॉ. कुमार विश्वास की वेशभूषा अनूठी दिखाई दी। हृदय स्थल पर सीताराम और अपने-अपने राम लिखे कुर्ते और और दक्षिण की रामराज धोतियां, प्रशंसकों और श्रोताओं के साथ अंग्रेजों के बीच भी चर्चा का केन्द्र बनी रहीं। जानकारी के मुताबिक, डॉ. कुमार विश्वास के इस कार्यक्रम के तीनों दिन की ड्रेस एब्सुलूटो ने डिजायन की थीं।

देश बुलाये तो तत्काल लौट आना, लंदन में भारतीय समुदाय से डॉ. कुमार विश्वास की अपील- कुमार विश्वास ने कहा कि देश से दूर रहकर भी सनातन संस्कार को अपने परिवारों में जीवित रखने का दायित्व निर्वहन प्रणम्य है। उन्होंने कहा कि पत्थर में प्राण फूंकने का कौशल सिर्फ भारतीय सनातन परंपरा में ही है। उन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय का आह्वान करते हुये कहा कि मातृभूमि से दूर आकर यश, धन, वैभव अर्जित कर लिया लेकिन जब देश बुलाये, जब देश को आवश्यकता पड़े तो बिना एक क्षण गंवाये अपनी मातृभूमि के पास लौट जाना ही श्रीराम का संदेश है।

माया है एआई, श्रीराम हैं मायापति- डॉ. कुमार विश्वास ‘मानवता की खुली आंख के, सबसे सुंदर सपने राम, जरा हल्के गाड़ी हांको, मेरे राम गाड़ी वाले,राम सृषटा भी हैं और सृष्टि भी हैं’… जैसे भजनों को श्रोताओं ने डॉ. कुमार विश्वास के साथ खूब गुनगुनाया। कुमार विश्वास ने कहा कि एआई तकनीक माया है। रावण मायावी है तो श्रीराम मायापति हैं। आप मायावी नहीं, मायापति बनिये। उन्होंने कहा कि एआई का प्रयोग पर्सनल लस्ट के लिये किया जायेगा तो विश्व का नाश होगा और अगर विश्व मंगल के लिये किया जायेगा तो मनुष्यता मानक गढ़ेगी।

लंदन में रहने वाले भारतीय बोले अद्भुत, कुमार विश्वास को दिया धन्यवाद – अपने- अपने राम, ऊर्जा सत्र में शामिल होने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर भी साझा किया। ग्वालियर के रहने वाले और लंदन में रह रहे विनय पुजारी ने लिखा कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा थी। उन्होंने इस अद्भुत यात्रा के लिये डॉ. कुमार विश्वास को धन्यवाद दिया।

वहीं शशि मिश्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये ऊर्जा सत्र प्रेरणादायक थे। कार्यक्रम को अद्भुत बताते हुये उन्होंने कहा कि उन्हें इनमें शामिल होकर काफ़ी कुछ सीखने को मिला।

दैवीय अनुभव, युवा पीढ़ी श्रीराम से जुड़ रही– महाराष्ट्र स्थित सोलापुर के रहने वाले शिवानंद जाधव ने अपने- अपने राम के अनुभव को साझा करते हुये सोशल मीडिया प्लैटफ़ार्म फेसबुक पर लिखा कि इन सत्रों में शामिल होना एक दैवीय अनुभव था। अपने- अपने राम को शाश्वत विरासत का उत्सव बताते हुये लिखा क आज के वक्त में डॉ. कुमार विश्वास हमारी सनातन परंपराओं को जीवित रखते हुये रामकथा को आधुनिक पीढ़ी के लिये सुलभ बनाकर भगवान राम के कालजयी मूल्यों का विस्तार कर रहे हैं।

जाधव ने कुमार विश्वास को सच्चा संत बताते हुये कहा कि जिस वक्त में हमारी युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से कट रही है, उस वक्त में डॉ. विश्वास ने राम कथा और कृष्ण कथा को प्रासंगिक, सहज और प्रभावी बना दिया है। अब युवा पीढ़ी श्रीराम के मूल्यों को समझ रही है और उनसे जुड़ रही है।

अपने- अपने राम से अप्रवासी भारतीयों को मिला नया रास्ता- अनिल अग्रवाल कार्यक्रम के आयोजक वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि लंदन में मौजूद भारतीय समुदाय के लोग जब ब्रिटेन में आये थे तो कोई 5 पाउंड लेकर आया था, कोई 10 पाउंड लेकर आया था। उस समय कोई हमारी सहायता करने वाला नहीं था, कोई खाना तक देने वाला नहीं था। कहा कि भारतीय समुदाय ने लंदन में अपने पुरुषार्थ से अपना विशेष स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभूमि से इतनी दूर आकर भी भगवान में इनकी आस्था प्रबल है। अग्रवाल ने कहा कि डॉ. कुमार विश्वास के ऊर्जा सत्रों में शामिल होकर इन अप्रवासी भारतीयों की आस्था और बढ़ेगी, साथ ही इनके जीवन को नया रास्ता मिला।

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