SIR- एक भी असली वोटर का वोट ना छिने

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एक भी असली वोटर का वोट ना छिने
शाश्वत तिवारी
लखनऊ। बिहार में हुए special revision ने साबित कर दिया, कि इस प्रक्रिया से मतदाताओं को कोई शिकायत नहीं है। चुनाव आयोग को न के बराबर शिकायतें मिलीं, इसीलिए voter list के revision का विरोध करने वालों के स्वर बदले हैं। जिन राज्यों में SIR (Special Intensive Revision) का ऐलान किया गया, वहां अगले साल से लेकर 2028 तक विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन खास बात ये है कि इसमें असम का नाम नहीं है, जबकि वहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त, ज्ञानेश कुमार ने कहा कि असम में नागरिकता के लिए अलग नियम है, इसलिए असम में नागरिकता तय करने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में पूरी होगी।
चुनाव आयोग के फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। तमिलनाडु के CM एम.के. स्टालिन ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण बीजेपी की साजिश है, लेकिन वो ये साजिश को अपने राज्य में कामयाब नहीं होने देंगे। स्टालिन ने आरोप लगाया कि लोगों से मतदान का अधिकार छीनने का काम बीजेपी बिहार में कर चुकी है, इसलिए D MK तमिलनाडु में लोगों को SIR के खिलाफ जागरूक करेगी। केरल सरकार ने भी चुनाव आयोग के फैसले का विरोध किया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर हो रहे SIR को वाम लोकतांत्रिक मोर्चा कभी मंजूर नहीं करेगा।
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो कई महीनों से लगातार कह रही हैं, कि वो बंगाल में किसी का नाम वोटर लिस्ट से नहीं कटने देंगी। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ क्षण पहले ममता बनर्जी ने दस जिलों के जिला कलक्टर समेत 61 I AS अफसरों और पश्चिम बंगाल लोकसेवा के 145 अधिकारियों का तबादला कर दिया। इसमें तो कोई शक नहीं कि Voter List Revise होनी चाहिए। जो लोग दुनिया छोड़ गए या दूसरे शहर में Shift हो गए, जिनके नाम पर कई वोट बने हैं, उनके नाम काटे जाने चाहिए, नए Voters के नाम जोड़े जाने चाहिए।
बिहार में हुए Special Revision ने साबित कर दिया, कि इस प्रक्रिया से मतदाताओं को कोई शिकायत नहीं है। चुनाव आयोग को न के बराबर शिकायतें मिलीं, इसीलिए Voter List के Revision का विरोध करने वालों के स्वर बदले हैं। ये ज़रूरी है कि List Revise करने की प्रक्रिया पारदर्शी हो। अगर किसी को ऐतराज हो तो बिना बाधा के उसकी सुनवाई हो। एक भी Genuine Voter से उसका वोट देने का अधिकार न छिने, और एक भी फर्जी Voter को वोट देने का अधिकार न मिले।

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