2002-2005 का एसजीआरवाई कांड
मजदूरों को नहीं मिला चावल, कालाबाजारी से गबन
फर्जी बिल-वाउचर से खेल
बलिया : आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने बलिया के बहुचर्चित खाद्यान्न घोटाले के मुख्य आरोपी और तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीओ) राज कुमार दुबे को बरेली से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बांसडीह थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद गांव का निवासी है। ईओडब्ल्यू की टीम ने लंबी छानबीन और खुफिया जानकारी के आधार पर उसे दबोच लिया।

घोटाला वर्ष 2002 से 2005 के बीच हुआ था। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) के तहत बांसडीह विकास खंड के विभिन्न गांवों में ग्राम पंचायत के अंश से नाली निर्माण, खड़ंजा बिछाना, पटरी मरम्मत, संपर्क मार्ग पर मिट्टी भराई, सीसी रोड और पुलिया निर्माण जैसे कार्य प्रस्तावित थे। इन कार्यों में लगे मजदूरों को भुगतान के रूप में खाद्यान्न (मुख्य रूप से चावल) आवंटित किया जाना था हालांकि, आरोपी अधिकारियों ने वास्तविक मजदूरों को चावल का वितरण नहीं किया। इसके बजाय, कालाबाजारी कर खाद्यान्न का बड़े पैमाने पर गबन कर लिया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी क्षति पहुंची। पूरे मामले में बलिया के विभिन्न थानों में कुल 43 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। घोटाले की अनुमानित राशि करीब 3 करोड़ 45 लाख रुपये है।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, राज कुमार दुबे योजना के क्रियान्वयन में मुख्य भूमिका निभा रहा था। वह फर्जी बिल-वाउचर और दस्तावेज तैयार कर खाद्यान्न का आवंटन दिखाता था, लेकिन वास्तविक वितरण नहीं करता था। गिरफ्तारी के बाद उसे बलिया लाया जा रहा है, जहां गहन पूछताछ की जाएगी। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। ईओडब्ल्यू ने अदालत से आरोपी की रिमांड मांगी है ताकि गबन की पूरी श्रृंखला का पता लगाया जा सके।











