होमगार्ड-डे पर वोट बैंक की ‘फसल’ सजाने आ रहें सीएम योगी

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होमगार्ड अफसरों के वजूद पर सवाल: आखिर क्यों होमगार्ड विभाग की भर्ती पुलिस विभाग करा रही है ?

मंत्री धर्मवीर प्रजापति के वजूद पर सवाल : आखिर उनके अफसरों पर सीएम को नहीं भरोसा,पुलिस विभाग को दे दी भर्ती !

   संजय श्रीवास्तव

Up homeguards news: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अर्से से रिक्त चल रहे अवैतनिक होमगार्डों के 41,424 पदों पर भर्ती निकाल कर आगामी विधान सभा चुनाव में पहले से ही मजबूत वोट बैंक में सेंध लगा दी है। नि: संदेह,होमगार्डों की इस भर्ती से उत्तर प्रदेश में एक बड़ा वोट बैंक भाजपा लहर दिखाने में दम रखेगी। 6 दिसंबर को होमगार्ड दिवस मनाया जायेगा और इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रैतिक परेड की सलामी लेने आ रहे हैं। खुशी की बात है कि होमगार्डों की भर्ती निकाली गयी,लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये भर्ती होमगार्ड विभाग के अफसरों से क्यों नहीं करायी जा रही है ? पुलिस विभाग से होमगार्डों की भर्ती क्यों करायी जा रही है? ये सवाल इस विभाग के डीजी से लेकर आईजी, डीआईजी, मंडल और कमांडेंट स्तर के अधिकारियों में भनभना रही है। अफसरों का कहना है कि हमलोग इतने गये-गुजरे हो गये कि हमारे विभाग की भर्ती पुलिस विभाग को दे दी गयी ? वाकई ये तो इस विभाग के मंत्री धर्मवीर प्रजापति के लिये शर्मनाक बात है कि उनके कार्यकाल में इस विभाग की छवि इतनी खराब हो गयी कि मुख्यमंत्री ने भर्ती ही पुलिस विभाग को सौंप दिया। सच्चाई ये है कि होमगार्ड विभाग भाजपा राज में महिला उत्पीडऩ, भ्रष्टाचार के आकंठ में इस कदर डूबी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने ही द्वारा चुने गये मंत्री धर्मवीर प्रजापति की मंशा पर शक होने लगा। मुख्यमंत्री की सोच की सराहना करनी चाहिये… वे समझ गये कि यदि भर्ती होमगार्ड विभाग के अफसर करेंगे तो भ्रष्टाचार की चासनी में विभागीय मंत्री से लेकर उनके खास अफसर डूब जायेंगे और पारदर्शिता धरी की धरी रह जायेगी…

6 दिसंबर को हर बार की तरह इस बार भी धूमधाम से होमगार्ड दिवस मनाया जायेगा। बड़ी बात ये है कि पिछले कई सालों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिरकत नहीं कर रहे थे। वे विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति की कार्यशैली से नाखुश थे क्योंकि उनके पास होमगार्ड के साथ कारागार विभाग भी था। मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंची कि कारागार विभाग में भ्रष्टïाचार चरम पर है और इसीलिये धर्मवीर प्रजापति से वो विभाग लेकर दारा सिंह को दे दिया गया। यही वजह है कि मुख्यमंत्री होमगार्ड दिवस पर नहीं आते लेकिन इस बार वे आ रहे हैं।

शासन के अफसरों ने बताया कि ऐसा नहीं कि मंत्री धर्मवीर प्रजापति के मनुहार पर मुख्यमंत्री आ रहे हैं बल्कि 41 हजार से अधिक होमगार्डों की भर्ती का श्रेय लेने आ रहे हैं। उन्हें मालूम है कि होमगार्ड एक बड़ा वोट बैंक है जो आगामी चुनाव में समीकरण बदलने का माद्दा रखता है। भर्ती भी ऐसे समय निकाली गयी,जब विधान सभा चुनाव 2027 भी करीब आ रहा है। मुख्यमंत्री की सोच है कि इस भर्ती में योग्य और पात्र अभ्यर्थियों का चयन पूरी ईमानदारी से हो। इसके लिये पूरी भर्ती होमगार्ड विभाग से छिन कर पुलिस विभाग को सौंप दिया है।

कार्फी अर्से से होमगार्ड विभाग में कुछ अफसरों की कार्यशैली ने बदनाम कर रखा था लेकिन यहीं पर तैनात काबिल अफसरों ने ‘द संडे व्यूज़’ से दिल की बात साझा की। होमगार्ड विभाग के अफसरों का कहना है कि हमलोग इतने नकारा हो गये कि अपने विभाग की भर्ती नहीं करा पायेंगे ? यदि भ्रष्टाचार की बात है तो क्या पुलिस विभाग में ईमानदार अधिकारी कुर्सी पर बैठे हैं? कैसे मान लिया जाये कि पुलिस विभाग होमगार्डों की भर्ती में पूरी पारदर्शिता बरतेगी? सवाल बहुतेरे हैं और दर्द भी है लेकिन सबसे शर्मनाक दौर से तो इस विभाग के मंत्री धर्मवीर प्रजापति गुजर रहे हैं। उनके आवास पर उम्मीदों की गठरी बांधे बेरोजगारों के पिता इस उम्मीद से आ रहे हैं कि मंत्री जी हमरे लल्ला को होमगार्ड बनवा देंगे लेकिन मंत्री जी…

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