ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के विकास को लेकर बहुत गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और स्पष्ट नीति निर्देशन का ही परिणाम है कि राज्य ने सौर ऊर्जा के तीन लाख इंस्टॉलेशन (3,00654) का लक्ष्य पार कर लिया है।

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने जो उपलब्धि हासिल की है वह राज्य को देश के अग्रणी सौर राज्यों में शामिल करती है और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इस मामले में गुजरात और महाराष्ट्र ही उत्तर प्रदेश से आगे हैं ।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले आठ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सोलर रूफटॉप की पहुंच बढ़ाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया डिजिटल मॉनिटरिंग और समयबद्ध इंस्टॉलेशन पर विशेष जोर दिया गया है। पीएम सूर्यघर योजना और राज्य की नई सौर नीति के जरिए बड़े पैमाने पर अवसंरचना तैयार की गई जिसने ऊर्जा क्षेत्र में विश्वास और सरलता का नया माहौल बनाया है।
इस उपलब्धि का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है। सोलर इंस्टॉलेशन से गांवों में बिजली बिलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है। कई परिवार अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को बेचकर सालाना आय भी बढ़ा रहे हैं। यही वजह है कि सौर ऊर्जा के लिए आवेदन संख्या लगातार बढ़ रही है और उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी बाजारों में तेजी से उभर रहा है।
सरकारी आंकड़ों और जमीनी स्थितियों से यह स्पष्ट होता है कि योगी सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में गति और पारदर्शिता दोनों को प्राथमिकता दी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि तीन लाख इंस्टॉलेशन का लक्ष्य पार करना केवल एक आंकड़ा नहीं बल्कि यह उस नए ऊर्जा ढांचे का प्रतीक है जिसकी ओर उत्तर प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण के तीनों मोर्चों पर उत्तर प्रदेश ने जो उपलब्धि दर्ज की है वह आने वाले वर्षों में देश के नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।












