केशव मौर्य ने बोलना शुरू किया तो सदन से बाहर चले गए सपाई, खूब हुआ हंगामा

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ब्यूरो, लखनऊ। विधान परिषद में मानसून सत्र के दूसरे दिन कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच खूब तकरार हुई। सपा ने शिक्षा के गिरते स्तर के बाद मंगलवार को बढ़ते अपराध पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। फतेहपुर में हुई घटना को लेकर भी सवाल उठाया।

नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया तो सपा सदस्य बीच में ही नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। विपक्ष के इस बर्ताव पर भी नेता सदने ने उन्हें कठघरे में खड़ा किया। कहा, विपक्ष में सच सुनने का साहस नहीं है। 2017 विधानसभा चुनाव में जो हुआ था, वही 2027 में भी होगा।

दलित उत्पीड़न, देहज उत्पीड़न, पुलिस अभिरक्षा में मौत व घरेलू हिंसा में उप्र नंबर वन है। उन्होंने मैनपुरी में 15 दिनों में 10 बड़ी घटनाएं होने का जिक्र किया। किरण पाल कश्यप ने कहा कि अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। गरीब की एफआइआर पर कार्रवाई नहीं हो रही।

नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव ने बीते दो माह की कई घटनाएं गिनाते हुए कानून-व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। नेता सदन ने भी तीखा हमला बोला।

कहा, वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार आने पर लोगों ने राहत की सांस ली। विपक्ष ने जितनी घटनाएं गिनाई हैं, पहले एक जिले में उतनी घटनाएं होती थीं। हमारा एक ही संकल्प है, अपराधी चाहे कितना बड़ा हो उसका संरक्षण नहीं होना चाहिए। अपराध होते हैं पर अब अपराधी को बख्शा नहीं जाता है।

सपा का हर माफिया से नाता होता था। पहले मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक के ड्राइंग रूम अपराधियों से भरे रहते थे। लोग कांप जाते थे। दंगाइयों को राजनीति में लाने वाली सपा है। सपा फर्जी पीडीए चलाकर लोगों को गुमराह कर रही है। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर दिया।

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