लखनऊ की जूट संस्था का रायबरेली में प्रशिक्षण आयोजन

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जूट आर्टिज़न्स गिल्ड एसोसिएशन करा रहा स्वावलंबन प्रशिक्षण
राष्ट्रीय जूट बोर्ड की योजना के तहत जूट बैग निर्माण की ले रहे ट्रेनिंग
महिलाओं व युवाओं में रोजगार संवर्धन की दिशा में बड़ा कदम
लखनऊ। जूट आर्टिजन्स गिल्ड एसोसिएशन, जो कि 12/320, इंदिरानगर, लखनऊ में स्थित है, ने रायबरेली जनपद की 20 महिला कारीगरों के लिए 5 सप्ताह का जूट बैग निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रायबरेली के 237, रेलवे मॉडल कॉलोनी, लखनऊ हाईवे पर चल रहा है, जो 30 सितंबर को सायंकाल संपन्न होगा। इसमें दो सप्ताह की बेसिक, एक सप्ताह की एडवांस तथा दो सप्ताह की डिजाइन ट्रेंनिंग सम्मिलित है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय, कोलकाता के अंतर्गत सेवारत राष्ट्रीय जूट बोर्ड (NJB) द्वारा प्रायोजित किया गया है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल जूट उत्पादों को लोकप्रिय बनाना एवं पॉलीथीन के प्रयोग को कम करना है, साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है ताकि वे स्वयं के उत्पादन इकाइयाँ स्थापित कर सकें। इस कार्यक्रम में जूट आर्टिज़न्स गिल्ड एसोसिएशन, राष्ट्रीय जूट बोर्ड की कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है और प्रशिक्षणार्थियों को सतत निगरानी एवं सहायता प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुकी संस्था की प्रमुख अंजलि सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में दैनिक उपयोग की वस्तुएँ जैसे कि शॉपिंग बैग, टोट बैग, ऑफिस एवं स्कूल बैग, स्ट्रेशनरी एवं पैकिंग आइटम्स बनाना सिखाया जा रहा है। इस हेतु प्रशिक्षकों को राष्ट्रीय जूट बोर्ड द्वारा नियुक्त किया गया है, जो सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिभागी आवश्यक कौशल अर्जित कर सकें।
प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत महिला कारीगरों को जूट आर्टिजन्स गिल्ड एसोसिएशन की ओर से मार्गदर्शन एवं समर्थन प्रदान किया जाएगा, साथ ही बैंकों से मुद्रा लोन प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी ताकि वे अपनी स्वयं की उत्पादन इकाई स्थापित कर सकें। उल्लेखनीय है कि वर्तमान बैच में 80% प्रतिभागी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, जो अपने परिवार की आजीविका में योगदान देकर अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगी।
जूट आर्टिज़न्स गिल्ड एसोसिएशन पर्यावरण अनुकूल जूट उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने तथा महिलाओं को कौशल विकास एवं उद्यमिता के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इन उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है तथा टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।

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