सीतापुर प्रकरण-डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को लगायी फटकार, गिड़गिड़ाये- सर,रिटायरमेंट करीब है,कार्रवाई ना करें…

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सीतापुर प्रकरण- सिटी मजिस्ट्रेट कृष्णानंद तिवारी ने सुरक्षा में चल रहे होमगार्ड संतोष कुमार को थप्पड़ों से मारा…

सिटी मजिस्ट्रेट ने बंगले पर होमगार्ड को खूब थपडिय़ाया,कमांडेंट ने डीएम अभिषेक आनंद को कार्रवाई के लिखा पत्र

शीतला देवी में मंदिर में होमगार्ड के रायफल का पिन खुला, मैडम के पैर पर रायफल गिरा,जवान ने मांगी माफी

सिटी मजिस्ट्रेट के आय से अधिक संपत्तियों की जांच करायी जाये,कहां से आयी फ्लैट, कोठी,  जमीन ?

होमगार्ड पर हाथ उठाया आईपीसी की धाराओं के अनुसार गंभीर अपराध है,चाहें वो कितनी बड़ी पोस्ट पर हो…

रामेन्द्र यादव ने भरी हुंकार : डीएम साहेब सिटी मजिस्ट्रेट पर करें कार्रवाई,जवान करेंगे आंदोलन

  अंशुल साहू

सीतापुर। कुुर्सी पर यदि ‘दंभी’ और ‘महाभ्रष्ट’ अफसर बैठा हो और उसका रिटायरमेंट करीब हो तो उसका आचरण कर्मचारी हित में नहीं होता। उसके जेहन में 24 घंटा घूमता है कि रिटायर होने के बाद कहां से ‘दो नंबर’ की रकम आयेगी? कौन उसे ‘सलामी’ ठोंकेगा और कैसे ‘प्लाट’ और ‘जमीन’ खरीदेगा। एक तरह से ऐसे अफसर ‘फ्रस्टेशन’ के शिकार बनने की राह पर चलते दिखते हैं और कुछ ऐसा कर जाते हैं, जो शासन स्तर पर बनायी गयी कर्मचारी आचरण नियमावली के खिलाफ होता है। मामला सीतापुर के सिटी मजिस्ट्रेट कृष्णा नंद तिवारी का है। नवमी के दिन तिवारी जी अपनी पत्नी के साथ शीतला देवी मंदिर दर्शन करने गये थे। भीड़ अधिक होने की वजह से उनकी सुरक्षा में तैनात होमगार्ड संतोष कुमार के रायफल की पिन खुल गयी और मैडम में पैर पर गिर गयी। तिवारी जी ने मौके पर होमगार्ड को फटकार लगायी और दर्शन के बाद घर वापस लौट आये। घर पर फिर सवाल किया कि आखिर रायफल गिरी कैसे ? होमगार्ड ने वही बात दुहरायी, इस पर तऊवाये सिटी मजिस्ट्रेट ने होमगार्ड संतोष कुमार को कई थप्पड़ जड़ दिया। संतोष ने इसकी शिकायत जिला कमांडेंट दिनेश ढिंगरा से की तो उन्होंने तत्काल डीएम अभिषेक आनंद को पत्र लिखकर सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई करने एवं होमगार्ड की जगह पीआरडी के जवान लगाने की बात रखी। चर्चा है कि सिटी मजिस्ट्रेट को डीएम ने तलब किया और जमकर फटकार लगायी है। तिवारी जी ने गिड़गिड़ाते हुये पक्ष रखा कि सर,रिटायरमेंट के कुछ महीने बचे हैं,बचा लीजिये…। द संडे व्यूज़ एवं इंडिया एक्सप्रेस न्यूज डॉट कॉम का सिटी मजिस्ट्रेट कृष्णानंद तिवारी से बड़ा सवाल है, क्या आप ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड संतोष कुमार पर हाथ उठा सकते हैं? होमगार्ड पर हांथ उठाना और उसे मारना आईपीसी की धाराओं के अनुसार गंभीर अपराध है। मारने वाला चाहें कितनी भी बड़ी पोस्ट पर हो,उसका कार्य आपराधिक ही कहा जायेगा। डीएम साहेब,अब आप आपराधिक कृत्य करने वाले सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ क्या एक्शन लेंगे,इस पर प्रदेश के सभी जवानों की निगाहें लगी हुयी है। जिला कमांडेंट दिनेश ढिंगरा को ‘द संडे व्यूज़’ सैल्यूट करता है कि उन्होंने अपने जवान की मान-प्रतिष्ठा के लिये डीएम को पत्र लिखा और कार्रवाई की माँग की।

सीतापुर के संवाददाता अंसुल साहू के मुताबिक नवमी के दिन सीतापुर के सिटी मजिस्ट्रेट अपनी पत्नी के साथ नैमिषारण्य में शीतला देवी के मंदिर दर्शन करने गये। उनकी सुरक्षा में तैनात होमगार्ड संतोष कुमार भी था। मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ अधिक होने और धक्का-मुक्की में होमगार्ड के रायफल की पिन खुल गयी और रायफल तिवारी जी की पत्नी के पैर पर गिर गयी। मामूली चोट आयी लेकिन मौके पर ही तिवारी जी और उनकी पत्नी ने होमगार्ड को फटकार लगायी और उसने रायफल से पिन खुलने की बात बताते हुये माफी मांगी। दर्शन के बाद तिवारी जी अपने बंगले पहुंचे। ताव खाये तिवारी जी ने फिर होमगार्ड से वही सवाल दुहराया, उसने पीन खुलने की बात कही इस पर गुसियाये तिवारी जी ने होमगार्ड संतोष कुमार के गाल पर थप्पड़ों की बारिश कर दी। मान-सम्मान को ठेस लगने पर होमगार्ड ने इसकी लिखित सूचना जिला कमांडेंट दिनेश ढिंगरा को दी। श्री ढिंगरा ने डीएम अभिषेक आनंद को पत्र लिखकर घटना से अवगत कराया। डीएम ने उसी समय सिटी मजिस्ट्रेट के यहां से होमगार्ड संतोष कुमार को हटाने और तिवारी जी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर कमांडेंट ने कहा कि अब उनके यहां होमगार्ड तैनात नहीं करेंगे पीआरडी तैनात करें।

दूसरी तरफ डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को तलब किया तो तिवारी जी रिटायरमेंट करीब बताकर गिड़गिड़ाने लगे। बात जो भी उत्तर प्रदेश होमगार्ड एक्ट के अनुसार ड्यूटी के समय होमगार्ड सिविल सेवक होता है,उसे पुलिस के समान संरक्षण प्राप्त होता है। होमगार्ड पर हाथ उठाना और उसे मारना आईपीसी की धाराओं के अनुसार गंभीर अपराध है। मारने वाला चाहें कितनी भी ऊंची पोस्ट पर बैठा हो,उसका कार्य आपराधिक ही कहा जायेगा। मानवीय दृष्टिïकोण से भी होमगार्ड सर्वहारा या दलित जैसे हैं और मारने वाला स्वयंभू,जमींदार,दबंग ही कहा जायेगा। यदि उसे दंड नहीं मिला या उसके पक्ष में आवाज न उठायी गयी तो अन्याय ही होगा।  देखना है कि होमगार्ड मुख्यालय के अफसर अपने जवान की प्रतिष्ठा बचा पाने में कामयाब होते हैं या नहीं ? ये भी देखना है कि डीएम अभिषेक आनंद दंभी सिटी मजिस्ट्रेट कृष्णानंद तिवारी को सजा देकर नजीर पेश करना चाहते हैं या नहीं ?

वहीं उ.प्र.होमगार्ड अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेन्द्र यादव का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट ने ड्यूटी के समय वर्दी में तैनात होमगार्ड संतोष कुमार पर हाथ उठाकर साबित कर दिया कि उसने कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किया है,जो अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिये कृष्णानंद तिवारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये। कहा कि कृष्णानंद तिवारी यूपी का सबसे भ्रष्ट अधिकारियों में गिना जाता है। सतर्कता विभाग या सीबीआई से इसकी संपत्तियों की जांच करायी जाये क्योंकि इसने अपने व अपने परिवार के नाम से लखनऊ, नोयडा, दिल्ली में फ्लैट, जमीन और आलीशान कोठी बना रखा है। जांच करायी जाये कि उक्त संपत्तियां कहां से आयी? आखिर एक सिटी मजिस्ट्रेट को सरकार कितनी सैलरी देती है कि करोड़ों रुपये की संपत्ति बना लिये ? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि होमगार्ड संतोष कुमार को इंसाफ नहीं मिला तो हमलोग आंदोलन करेंगे।

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