जीएसटी के 50 अफसरों ने अरबों रुपये की काली कमाई जमीन में खपायी
सचल दल और विशेष जांच दल में तैनात अफसरों ने मचायी लूट
धनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी खजाने में जीएसटी की रकम भले ही पूरी तरह से जमा ना हो लेकिन अफसरों के बैंक लॉकर खचाखच भरे हैं। स्थिति ये है कि इस विभाग के सहायक आयुक्त,उपायुक्त,संयुक्त आयुक्त व अपर आयुक्त स्तर के अफसर ही व्यापारियों को जीएसटी चोरी करने की सलाह देकर अपने ही कर्मचारियों से अवैघ वसूली करवाने का नया खेल खेलकर करोड़ों रुपये कमाये। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जीएसटी के 50 अफसर ऐसे हैं, जिन्होंने लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में दो नंबर के अरबों रुपये जमीन में खपा दिये। गोपनीय शिकायत पर जब शासन ने जांच बिठायी तो इस महाफ्राड का खुलासा हुआ और फिलवक्त जांच में 11 अफसरों के नाम करोड़ों की जमीन का खुलासा हो गया है। बाकियों की जांच चल रही है।
दो नंबर के अकूत संपत्तियों को जमीन में खपाने का काम नामी-गिरामी बिल्डर करवा रहा है। मजे की बात ये है कि सारा खेल सचल दल व विशेष जांच दल में तैनात हैं या रहे हैं। मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर जैसे बड़े जिलों में तैनात अफसरों ने जमीन खरीद रखी है। शासन के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि शासन स्तर पर गंभीरता से गोपनीय शिकायतों की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में शिकायतें सही मिलने पर रजिस्ट्री कार्यालय से पंजीकरण प्रपत्रों की कॉपी लेकर जांच करने के आदेश दे दिये गये हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि लखनऊ के एक नामी-गिरामी बिल्डर द्वारा जीएसटी विभाग के अफसरों की काली कमाई को जमीनों में खपाया गया है। बिल्डर के प्रोजेक्ट में पैसा लगाने वाले अफसर सचल दल या विशेष जांच दल में तैनात हैं या पहले रह चुके हैं। सभी अफसर मलाईदार पदों पर तैनात थे।
बताया जाता है कि अब तक जिन अफसरों के नाम के कागज मिल चुके हैं,उनकी तैनाती सहारनपुर, लखनऊ, आजमगढ़, लखीमपुर खीरी,कानपुर एवं मिर्जापुर सहित 10 जिलों में है। सभी सहायक आयुक्त,उपायुक्त,संयुक्त आयुक्त और अपर आयुक्त स्तर के अफसर हैं। मजे की बात तो ये है कि जिस नामी-गिरामी बिल्डर ने उक्त अफसरों की दो नंबर की कमाई को मोहनलालगंज व सुल्तानपुर रोड पर खपाने के लिये खुला आफर दिया था। फिर क्या था,अफसरों ने जीभर कर अकूत संपत्ति निकालकर जमीन में खपा दिया। सीधी बात करें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस नीति से जीएसटी के अफसरों ने जीरो चुराकर सरकार को ही बेचने का काम किया है।