नई दिल्ली । नव वर्ष की शुरुआत में वैष्णो देवी पर हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे की वजह वहां पर एकत्रित हुई भारी भीड़ को बताया जा रहा है। आपको बता दें कि हर वर्ष ही नव वर्ष के मौके पर श्रद्धालु वैष्णो मां के आशीर्वाद को लेने और फिर अपना काम शुरू करने के लिए वैष्णो देवी के दर्शनों को जाते हैं। इस बार भी वहां पर जाने वालों की संख्या काफी थी। जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि आधी रात करीब पौने तीन माता वैष्णो देवी भवन पर दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जमा थी। भीड़ इतनी थी कि दर्शन कर वापस लौट रहे श्रद्धालु भी आसानी से गुजर नहीं पा रहे थे। भीड़-भाड़ के बीच दो गुटों में कहा-सुनी हुई और बात धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। उस वक्त एक दूसरे के धक्का देने से हालात खराब हो गए और अचानक भगदड़ मच गई। इसके बाद वहां पर लोग खुद को बचाने के लिए एक दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। देखते ही देखते वहां पर घायलों की चीख पुकार से सारा मंजर ही बदल गया।
लोग बेतहाशा भाग रहे थे। उनके नीचे लोग तड़प रहे थे। जब तक माहौल कुछ शांत हुआ वहां का नजारा पूरी तरह से बदल चुका था। जहां पर कुछ समय पहले तक श्रद्धालुओं की भीड़ मां वैष्णो के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही थी वहां पर अब रोत-बिलखते लोग थे। कुछ अपनों को तलाश कर रहे थे और रो रहे थे। कुछ ऐसे भी थे जो घायलों को एक तरफ कर रहे थे। चारों तरफ लोगों का सामान फैला हुआ था। चप्पल-जूते और खून हर तरफ नजर आ रहा था। इस हादसे में दिन चढ़ते-चढ़ते 12 लोगों की मौत हो चुकी थी जबकि 13 अन्य घायल हो गए थे।नव वर्ष के पहले ही दिन हुए इस हादसे ने उन लोगों की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया जिनके अपने मां वैष्णों के दर्शनों को गए थे और इस हादसे का शिकार हो गए। इसके साथ ही इस दुखद घटना ने सभी देशवासियों को भी गहरा दुख दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी समेत राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भी इस घटना पर दुख जताया है। इस घटना की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।