खाकी को बदरंग करते अफसर का ऑडियो : मिश्रा जी को चाहिये 25 से 30 साल की…

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ऑडियो की खास बातें,जो कानपुर के कमांडेंट विशंभर मिश्रा और कंपनी कमांडर के.के. मिश्रा के बीच हुयी

होमगार्ड विभाग का ब्लैक फेस: विभाग के अफसरों की नजरों में महिलायें खाने-पीने की वस्तु हैं ?

मुख्यालय पर तैनात ‘सुरेश बाबू’ का कौन सा काम है जिसे कराने के लिये विशंभर मांग रहें हैं 1 लाख रुपये

 

       अरूण शर्मा

कानपुर। उत्तर प्रदेश में तैनात कुछ अधिकारियों की नजरों में महिलायें उपभोग की वस्तु हैं। किसी को प्रमोशन चाहिये तो पैसा या लडक़ी की डिमांड की जाती है। इन कामों को कराने वाले अधिकारी सरकारी दलालों से पहले लडक़ी की उम्र पूछते हैं…। वे डिमांड करते हैं कि उम्र 25 से 26 साल तक ही होनी चाहिये,भले ही वे 60 वा बसंत देख चुके हों...। अफसर तो ये भी कहते हैं कि जब खाना देखने में खराब लग रहा है तो खाने में कैसे अच्छा लगेगा...। इतना ही नहीं अफसर दलाली की भी पाठशाला बखूबी चलाना जानते हैं। वे अपने दलालों को ज्ञान बांटते हैं कि बाबूओं की औकात 10 हजार होती है फिर एक लाख क्यों ऑफर किया जाये भाई…। शर्मनाक बात तो यह है किभ्रष्टाचार और महिलाओं को उपभोग करने की वस्तु समझने का कृत्य कहीं और नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग में ही किया जा रहा है। ऐसे भ्रष्ट और महिलाओं को अपमान करने वाले अफसरों पर मुख्यालय के अफसरों की पूरी मेहरबानी है। जी हां, ‘द संडे व्यूज़’ के पास जो ऑडियो है,उसे सुनने के बाद आपके भी होश उड़ जायेंगे कि कानपुर का कमांडेंट विशंभर मिश्रा और अवैतनिक कंपनी कमांडर के.के.मिश्रा का ठहाका लगाते हुये महिला की उम्र पूछ रहे हैं और किसी कर्मचारी के काम के एवज में दलाली का रेट बता रहे हैं।

इसके विरोध में अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा सरकार में महिलाओं का अपमान करने वाले कानपुर कमांडेंट विशंभर मिश्रा के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिये। सुनिये कानुपर के कमांडेंट विशंभर मिश्रा और अवैतनिक कंपनी कमांडर के बीच हुयी बातों को ऑडियो…बात तो बहुत गूढ़ है मगर इसका मतलब आप तभी समझेंगे जब ‘वक्तव्य’ और ‘संदर्भ’ दोनों के अलावा ‘भावना’ भी स्पष्ट हो…। अब जरा ये अॅाडियो सुनिये और फिर बात करते हैं इसके पीछे के ‘संदर्भ’,‘वक्तव्य’ और ‘भावना’ की…। द संडे व्यूज़ हमेशा ही तथ्यों और सबूतों के आधार पर पत्रकारिता करता है। यहीं वजह है की जो बात द संडे व्यूज़ लिख देता हैं वो बड़े-बड़े बैनर लिखने से पहले सौ बार सोचता है। इस ऑडियो से स्पष्ट है की दो लोग आपस में बातें कर रहे हैं और कोई तीसरा बहुत खास आदमी उनकी बातों को बिना पूछे रिकार्ड कर रहा है । यह भी स्पष्ट है की पूरी बात को आगे और पीछे से एडिट कर के काट दिया गया है जिससे सिर्फ उतनी बात वायरल हो, जितने से काम चल जाये… । अब आते हैं सबसे अहम् मुद्दे पर। ऐसी दुर्भावना जो महिला को महिला की तरह नही बल्कि ‘उपभोग’ की वस्तु या सरल भाषा में कहें तो ‘खाने-पीने’ की वस्तु समझता है।

भरोसेमंद खबरिया के हवाले से ये खबर इस बात की पुष्टि काती है कि होमगार्ड विभाग में कानपुर के कमांडेंट विश्वंभर मिश्रा और विभाग के ही के. के. मिश्रा आपस में बाते कर रहे हैंके.के. मिश्रा स्वीकार कर रहे हैं की उनके पास ‘मास्टर चाभी’ है…और ये मास्टर चाभी किसी का भी ‘लंगोट का नाड़ा’ खोलने के लिये पर्याप्त है। विश्वंभर मिश्रा किसी महिला के बारे में पूछ रहे हैं कि उसकी उमर क्या है… जवाब मिलता है 25 से 26 साल… मिश्रा जी का जवाब होता है कि ले आना… थोड़ा रुक कर कमंाडेंट साहेब फिर कहते हैं ‘अगर खाना देखने में अच्छा नहीं होगा तो खाने में मजा नहीं आयेगा’… । मतलब समझने की जरूरत नहीं है,क्योंकि घृणित सोच को कोई व्याख्या कैसे करे भला।

इसी बातचीत में विश्वंभर मिश्रा मुख्यालय के बाबू सुरेश यादव को काम के एवज में ‘एक लाख रुपए’ दिलाने की बात कर रहे हैं। मतलब साफ है काम या तो ‘पैसे’ से होगा या फि र ‘लडक़ी सप्लाई’ करके… और होमगार्ड विभाग में ये कोई नई बात नही है । ‘द संडे व्यूज’ ने अपने पिछले अंक में वादा किया था की मुख्यमंत्री कार्यालय में ‘आठ पन्न’े की शिकायत का विस्तृत एपीसोड लें कर आयेगा,मगर अब एक एपिसोड और बढ़ गया है। असल में ये ऑडियो भी इसी आठ पन्ने की शिकायत से जुड़ा है ।विभाग में बड़े पैमाने पर प्रमोटी कमांडेंट का ट्रांसफ र ‘कबाल टाउन’ में हुआ है । सारे बड़े क‘बाल टाउन’ प्रमोटी ने जकड़ लिया है । कानपुर विभाग का ‘मक्का-मदीना’ माना जाता है। कानपुर पर कई जगलरों की नजर थी, मगर ‘सिंह’ की जगह ‘ मिश्रा’ होने के बावजूद कानपुर जब विश्वंभर को मिला तो लोगों को हजम नही हुआ । कानपुर बहुत ही खतरनाक शहर है। यहां कब कौन ‘ट्रैप’ हो जाये, किसी को पता नही चलता…। मुख्यालय के ही एक अधिकारी जो विश्वभर से ‘जबरा खार’ खाये बैठा था, उसने षडय़ंत्र रच कर विश्वंभर का काम लगा दिया सीधी भर्ती से आने वाले ऑफिसर्स पांच-पांच सालों से एक ही जगह सड़ रहे हैं क्योंकि ये लोग ऐसी मांग पूरी नहीं कर पाते हैं। ‘द संडे व्यूज’ जल्द ही और खुलासे करेगा।

खैर इनके ‘नेक्सस’ इतने मजबूत हैं और ये इतने ‘भाग्यशाली’ हैं की इनका कुछ भी नही होने वाला। चाहें जितने ऑडियो वायरल हो जाये, इसको मुख्यमंत्री कार्यालय से दबा दिया जायेगा । मगर ‘द संडे व्यूज’ अपनी मुहिम जारी रखेगा । अगर इस खबर में दिये गये तथ्य गलत है तो ‘खुला चैलेंज है जांच करा ली जाये। ऑडियो में कही गयी बातों के साथ-साथ इस बात की भी जांच करायी जाये कि आखिर किस साहब के लिये ये ‘ऑफर’ है ? साहब से पहिलही मिश्रा जी कहिन कि साहब ‘प्राइवेट लगाओ हटाओ’…।

 

 

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