वित्त मंत्री ने रक्षा अनुसंधान और विकास के बजट में इजाफे की घोषणा की
पेंशन पर खर्च होंगे 1,19,696 करोड़
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल रक्षा बजट में 47 हजार करोड़ रुपये का इजाफा करते हुए देश की चौतरफा सामरिक चुनौतियों का दीर्घकालिक समाधान निकालने के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेज कदम बढ़ाने की दिशा दिखाई है। तीनों सेनाओं के सैन्य साजो-सामान में आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता जताते हुए घरेलू रक्षा उद्योग से खरीद के लिए पूंजीगत बजटीय आवंटन को 68 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। ताजा बढ़ोतरी के साथ ही 2022-23 के बजट में रक्षा आवंटन अब 5.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है जो मौजूदा वित्त वर्ष में 4,78,196 करोड़ रुपये है।
वित्त मंत्री ने रक्षा बजट में इजाफे का एलान करते हुए कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में आयात को कम करते हुए आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसीलिए बजट में रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए पूंजीगत खरीद बजट को 2021-22 के 58 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 68 प्रतिशत कर दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की गति तेज करने के लिए वित्त मंत्री ने रक्षा अनुसंधान और विकास के बजट में इजाफे की घोषणा की और कहा कि इसका 25 प्रतिशत उद्योगों, स्टार्टअप्स और शिक्षा जगत के लिए होगा। निजी रक्षा उद्योगों को एसपीवी माडल के माध्यम से डीआरडीओ व अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्म और उपकरणों के डिजाइन व विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने इसके लिए एक स्वतंत्र नोडल अंब्रेला निकाय स्थापित करने की बात भी कही, जहां इनके विकसित हथियारों-उपकरणों का परीक्षण कर उन्हें प्रमाणित किया जाएगा।
रक्षा बजट में 1,52,369 करोड़ का आवंटन रक्षा क्षेत्र के सैन्य साजो-सामान से लेकर आधुनिकीकरण से जुड़े पूंजीगत खर्च के लिए किया गया है। इसमें लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, युद्धपोतों से लेकर अन्य हथियारों की खरीद शामिल है। मौजूदा वित्त वर्ष में रक्षा क्षेत्र के लिए पूंजीगत आवंटन कुल 1,35,060 करोड़ रुपये है। इस तरह पूंजीगत आवंटन में यह बढ़ोतरी 17,300 करोड़ रुपये से अधिक है। रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा उसके राजस्व व्यय का है जिसके लिए 2,33,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। तीनों सेनाओं के लिए पेंशन की रकम भी इसी बजट का हिस्सा है और 1,19,696 करोड़ रुपये पूर्व सैनिकों की पेंशन पर खर्च होंगे। रक्षा क्षेत्र के अनुसंधान और विकास के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाने और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ने के वित्त मंत्री के एलान से घरेलू रक्षा उत्पादन को खासा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।