होमगार्ड विभाग में ट्रेनिंग सेंटरेे के अधिकारी मृतात्माओं से बटोर रहे हैं बददुआ,हजम नहीं होगी कमाई!
मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र,लखनऊ में मृतक आश्रितों से गमले का 150 रुपये,गुरुदक्षिणा के 2500 रुपये बटोरे गये
अरूण शर्मा
लखनऊ । अपने काले कारनामों की वजह से विख्यात होमगार्ड विभाग के अफसरों के कारनामों से ट्रेनिंग सेंटर में तैनात अधिकारी और इंस्पेक्टर इतने प्रभावित हैं कि अब वे भी लूट मचा रहेे हैं। यहां तैनात अधिकारियों को मालूम है कि डीआईजी की कुर्सी पर बैठे अधिकारी उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम नहीं अक्षम हैं। यही वजह है कि मंडलयी प्रशिक्षण केन्द्र,लखनऊ में चल रही 42 दिवसीय व 10 दिवसीय प्रशिक्षण में यहां तैनात वैतनिक प्लाटून कमांडर, रवि शर्मा के नेतृत्व में हवलदार प्रशिक्षक दीपक सिंह और मेजर राजेश त्रिपाठी गमला खरीदने के नाम पर सभी जवानों से 150 रुपये लिये हैं। इसी तरह,आज ट्रेनिंग का समापन है इसलिये गुरुदक्षिणा के नाम पर सभी जवानों से जबरियन 2500 रुपये की मांग कर रहे हैं।
होमगार्ड मुख्यालय पर तैनात डीआईजी विवेक सिंह के कुशल नेतृत्व की देन है कि अब प्रदेश के ट्रेनिंग सेंटरों में तैनात अधिकारी व कर्मचारी जमकर लूट मचा रहे हैं। ताजा मामला मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र,लखनऊ का है। यहां तैनात वैतनिक पीसी रवि शर्मा ने वसूलीमैनों की टीम बना रखी है,जिसमें हवलदार प्रशिक्षक दीपक सिंह और मेजर राजेश त्रिपाठी ट्रेनिंग पर आने वाले जवानों से अवैध वसूली करते चले आ रहे हैं। यहां पर प्रदेश भर के मृतक आश्रितों की 5 जनवरी से 15 फरवरी तक 42 दिवसीय एवं 5 फरवरी से 15 फरवरी तक 41 मृतक आश्रितों की ट्रेनिंग चल रही है जिसमें सभी से गमला खरीदने के नाम पर 150 रुपये लिये गये हैं। यानि 21,300 रुपये वसूले गये हैं। इसी तरह गुरू दक्षिणा और परीक्षा पास कराने के नाम पर सभी जवानों से जबरियन 2500 रुपये वसूले जा रहे हैं।
धमकी दी जा रही है कि यदि पैसा दिये तो परीक्षा में फेल कर दिया जायेगा। आदेश ऊपर से है,और इसमें हमलोग कुछ नहीं कर सकते…। मृतक आश्रितों के बीच चर्चा है कि आखिर कहां से इतना पैसा लायें। पिता का साया उठने के बाद ही हमलोगों को नौकरी मिली है लेकिन जिस तरह से ट्रेनिंग सेंटर के पीसी,हवलदार प्रशिक्षक और मेजर दबाव डाल रहे हैं,हमलोग कहां से पैसा लायें।नाम ना छापने की शर्त पर ट्रेनिंग पर आये जवानों ने कहा कि हराम की कमाई खाने में अव्वल होमगार्ड विभाग के अधिकारियों को मृतक आश्रित तो बद्दुआ दे रहे हैं।श्रापते हैं कि जितने भी लोग हमलोगों से पैसा ले रहे हैं,उन्हें फलेगा नहीं। परिवार पर कोढ़ फूटेगा या कोई विपत्ति आयेगी तो उन्हें समझ में आयेगा कि हमलोगों की बद्दुआओं की वजह से सब हो रहा है।