सरोजिनीनगर विधान सभा-‘खाकी’ छोड़ ‘खादी’ धारण कर राजनीति की परिभाषा को जीवंत करेंगे भाजपा प्रत्याशी राजेश्वर सिंह

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सरोजिनीनगर विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी हैं राजेश्वर सिंह

खाकी छोड़ खादी धारण कर राजनीति की परिभाषा को जीवंत करेंगे भाजपा प्रत्याशी राजेश्वर सिंह

 

     दिव्यांश श्री.

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में खाकी और खादी का कॉकटेल खूब धमाल मचा रहा है। पुलिस विभाग के कई अधिकारी हैं जिन्होंने सेवानिवृत्त के बाद राजनीति में अपनी किस्मत आजमायी और जनता ने उन्हें जीत का स्वाद चखाया। जनता भी चाहती है कि राजनीति में ऐसे लोग आयें जो ईमानदार हों और क्षेत्र का विकास कर यूपी की सियासत में अपना नाम कमाये। यूपी की राजनीति में भी बदलाव की बयार दिख रही है। राजनैतिक पार्टियां उन्हीं प्रत्याशियों को तरजीह दे रही है जिनकी छवि साफ-सुथरी है और जो अपनी ईमानदारी और बेखौफ तेवर के लिये जाने जा रहे हैं। देखा जाये तो जनता-जनार्दन की भी पसंद अब अनपढ़ नहीं बल्कि पढ़े-लिखे प्रत्याशी बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव 2022 में देखा जाये तो इस बार कई ऐसे प्रत्याशी चुनावी दंगल में ताल ठोंक रहे हैं जिन्हें जनता जानती भी है और उनकी कार्यशैली को खूब पसंद भी कर रही हैउन्हीं में से एक हैं प्रवर्तन निदेशालय ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह…

ये वही राजेश्वर सिंह हैं जिन्होंने दर्जनों बड़े घोटालेबाजों को जेल की सलाखों तक पहुंचाकर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना और हिन्दुस्तान का नाम रौशन किया। ईडी की नौकरी छोड़ राजेश्वर सिंह भाजपा में शामिल हो गये। भाजपा ने इन्हें लखनऊ के सरोजिनीनगर विधान सभा से अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतार दिया है। राजेश्वर सिंह एक मंझे हुये खिलाड़ी की तरह अपने क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस दौरान इनके कई रूप दिखे…। प्रचार के दौरान गांव में कभी बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने लगें और बैटिंग में चौव्वा मारा तो बालिंग में विकेट भी गिराया। ऐसा लगा मानों वे क्रिकेट के मैदान से चौव्वा मारकर विपक्षियों को ये कहना चाह रहे थे कि राजनीति में भी वे चौव्वा-छक्का मारने आये हैं। राजेश्वर सिंह हर दिन अल-सुबह अपने विधान सभा क्षेत्र में निकलते हैं और देर रात तक प्रचार कर रहे हैं। द संडे व्यूज़ की टीम ने जब सरोजिनीनगर विधान सभा में जाकर जनता का मिजाज भांपने की कोशिश की तो यही बात निकल कर आयी कि क्षेत्र की जनता को भी राजेश्वर सिंह की सादगी और मुस्करा कर सभी का अभिवादन करना भा रहा है। वे जानते हैं कि भाजपा प्रत्याशी राजेश्वर सिंह ने देश भर में अपनी ईमानदारी का डंका बजाया है और यदि वे चुनाव जीतते हैं तो क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा,अपराधी इलाका छोड़ भागेंगे और विकास के अधूरे काम पूरे होते दिखेंगे। फिलवक्त, राजेश्वर सिंह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरते दिखायी दे रहे हैं लेकिन द संडे व्यूज़ के खास कार्यक्रम ये जनता है सब जानती है में सरोजनीनगर विधान सभा का मिजाज और बाकी प्रत्याशियों से राजेश्वर सिंह कैसे बेहतर हैं, इसे जानने से पहले ये बताते हैं कि इन्होंने लखनऊ के महानगर में सीओ के पद से लेकर ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर तक के सफरनामे में ऐसा क्या किया कि देश ही नहीं दुनिया में इनके नाम का परचम लहराने लगा…।

राजेश्वर सिंह ने 10 साल उत्तर प्रदेश पुलिस और 14 साल प्रवर्तन निदेशालय में सेवा दी है। वीआरएस के लिये आवेदन के वक्त राजेश्वर ङ्क्षसह ईडी लखनऊ जोन के संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उनकी गिनती सुपर कॉप में होती है। 1996 बैच के पीपीएस अधिकारी राजेश्वर सिंह जब लखनऊ में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात थे। वर्ष 2009 में राजेश्वर सिंह प्रतिनियुक्ति पर ईडी में चले गये थे। इनके नाम 13 एनकाउंटर हैं, जिसके जरिये वह खूंखार और कट्टर अपराधियों को कटघरे तक पहुंचाने में सफ ल हये। यूपी पुलिस ज्वाइन करने के 14 महीने में ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि उन्हें उनके काम के दम पर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और साइबर जेम्स बॉन्ड की उपाधियों से नवाजा जाने लगा था।

ईडी में अपने कार्यकाल के दौरान 2जी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला,आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला और गोमती रिवरफ्रंट घोटाला जैसे कई हाई प्रोफ ाइल मामलों की जांच की है और अपनी कलम से इन्होंने अनगिनत बड़े साहेबानों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। इतना ही नहीं,इन्होंने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फ ाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24000 करोड़ लेने के आरोप में जेल भिजवाकर ही दम लिया। राजेश्वर सिंह उन दिनों सुर्खियों में थे जब पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से एयरसेल-मैक्सिस डील को हरी झंड़ी देने से मना करने पर इनकी भिडंत हो गयी थी। ये राजेश्वर सिंह के दमदारी की ही बात थी कि इन्होंने पी.चिदंबरम को पानी पिला दिया था और जो सही था,वही किया।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और कांग्रेस को मुश्किल में डालने वाले प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के मूल निवासी हैं। उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट लॉ औरह्यूमन राइट्स में भी डिग्री ली है। इनके एक भाई और एक बहन इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। बहनोई राजीव कृष्ण आईपीएस हैं और आगरा जोन के एडीजी हैं। इनके दूसरे बहनोई वाई. पी. सिंह भी आईपीएस थे और उन्होंने भी वीआरएस ले लिया था। राजेश्वर सिंह के पिता भी पुलिस विभाग में थे और डीआईजी के पद से रिटायर हुये थे। राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह भी आईपीएस अधिकारी हैं।

जहां तक सरोजिनीनगर विधान सभा चुनाव की बात है तो राजेश्वर सिंह की मेहनत रंग लाती दिख रही है। पुलिस विभाग में तो उन्होंने सिंघम, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और साइबर जेम्स बाण्ड की भूमिका में खरे उतरे अब देखना है कि राजनीति में इनकी भूमिका कैसी रहती है।

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