लखनऊ। योगी आदित्यनाथ 2.0 सरकार की पहली कैबिनेट बैठक शनिवार सुबह 10 बजे होगी। वहीं 11 बजे मुख्य्मंत्री योगी राजभवन में प्रोटेम स्पीकर के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद 11.30 सीएम योगी आदित्यनाथ सचिव स्तर से ऊपर के सभी आला अधिकारियों को संबोधित करेंगे।दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटे के भीतर ही कैबिनेट की बैठक बुला ली है। कैबिनेट की बैठक शनिवार सुबह 10 बजे लोक भवन में होगी। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान जारी किये गए भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में योगी सरकार पहली कैबिनेट बैठक के जरिये कोई पहल कर सकती है।
निराश्रित पशुओं के लिए आश्रय स्थल व किसानों को मुफ्त बिजली देने सहित कुछ प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराए जा सकते हैं। पहली अप्रैल से प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद शुरू होने वाली है। कैबिनेट बैठक में गेहूं खरीद नीति पर मुहर लग सकती है। दोबारा सत्ता में आई योगी सरकार से लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं और उस पर खरा उतरने के लिए अभी से कसरत शुरू कर दी गई है।इससे पहले शुक्रवार को योगी 2.0 की मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। यह बैठक डेढ़ घंटे तक चली। बैठक खत्म होने के बाद आजतक ने अलग अलग मंत्रियों से बात की, जिसमें उन्होंने सीएम योगी के साथ इसे एक परिचयात्मक बैठक बताया।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने भव्य शपथ ग्रहण सारोह में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके अलावा योगी कैबिनेट में 2 डिप्टी सीएम और 50 अन्य विधायकों ने मंत्रिपद, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री पद की शपथ ली। योगी कैबिनेट में योगी समेत कुल 53 मंत्री शामिल हैं।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विधान सभा के प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) नियुक्त किये गए भाजपा के वरिष्ठ नेता और गोंडा की मनकापुर सीट से निर्वाचित हुए रमापति शास्त्री को शनिवार सुबह 11 बजे राजभवन में शपथ दिलाएंगी। अठारहवीं विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथग्रहण कराने के लिए नामित किये गए सदन के पांच वरिष्ठ सदस्यों को भी वह इस मौके पर शपथ दिलाएंगी।इन पांच वरिष्ठ सदस्यों में भाजपा के सुरेश खन्ना, जय प्रताप सिंह, फतेह बहादुर सिंह व रामपाल वर्मा और सपा के माता प्रसाद पांडेय शामिल हैं। नवनिर्वाचित विधायकों का शपथग्रहण 28 व 29 मार्च को होगा। बता दें कि नई विधानसभा जब तक अपने अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं कर लेती है, तब तक विधानसभा अध्यक्ष के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए राज्यपाल की ओर से प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है।