अगर वीर सावरकर के विचारो को कांग्रेस ने माना होता, तो देश विभाजन की त्रासदी से बच जाता
उस वक्त सावरकर की तुलना जिन्ना से करने का उन्होंने खुद किया था खंडन, विचार कभी नहीं मरते
सावरकर युग का फिर से आरंभ हो चुका है : उदय माहुरकर
धनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। देश की आजादी में सावरकर जी का बलिदान भुलाया नहीं जा सकता. आज भी उनके विचार राष्ट्रवादी युवाओं के लिए मार्गदर्शन का कार्य करते हैं। यह बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहीं। वो उदय माहुरकर एवं चिरायु पंडित की सह पुस्तक वीर सावरकर का लोकार्पण कर रहे थे। सावरकर विचार मंच और प्रभात प्रकाशन की ओर आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि उस सदी में उनसे बड़ा लेखक, क्रांतिकारी पैदा नहीं हुआ। दो बार आजीवन कारावास, सेल्युलर जेल की छोटी सी कोठरी में दीवार पर नाखून, बर्तन या जो भी मिल जाए, उससे लिखना सोचकर उनके संघर्षों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सावरकर जी जब हिंदू महासभा से जुड़े तो उनके साथ महंत दिग्विजय नाथ भी हिन्दू महासभा से जुड़े। लेकिन देश आजाद होने के बाद भी लंबे वक्त तक सावरकर जी को उनका अपेक्षित सम्मान नहीं मिल सका। आज भी सावरकर जी के विचार सभी के लिए प्रासंगिक हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से देश में राष्ट्रवाद उजागर रहेगा। सावरकर जी का बलिदान एक क्रांतिकारी के रूप में अविस्मरणीय रहेगा। सावरकर जी ने देश का विभाजन रोकने के लिए प्रयास किए। आज के भारत की बांग्लादेशी घुसपैठियों जैसी समस्या को सावरकर जी ने अपने जमाने में ही गंभीर बता दिया था। चीन को लेकर भी सावरकर जी दूरदर्शी थे। वो भारत को तभी से परमाणु शक्ति बनाने की परिकल्पना रखते थे उनकी। चिंता के आठ साल बाद ही चीन ने सैन्य तरीके से भारत का कुछ भू-भाग ले लिया था। उन्होंने कहा कि अगर हम उस वक्त से गांधी जी को राष्ट्रपिता मानते हैं तो सावरकर जी को राष्ट्रीय सुरक्षा के पितामह के रूप में स्वीकारना होगा। राम मंदिर का बनना, धारा 370 हटना और योगी का दोबारा चुनकर आना, राजनीति में फिर से सावरकर युग की शुरुआत कहा जा सकता है। युवा लेखक शिक्षाविद् चिरायु पंडित ने कहा कि बड़ी मेहनत और शोध के बाद इस पुस्तक की रचना की गई। इससे सावरकर जी के विषय में यदि कुछ भ्रांतियां रहीं भी होंगी तो दूर हो जाएंगी।
कार्यक्रम आयोजक प्रभात कुमार और पियूष कुमार ने सीएम योगी आदित्यनाथ का स्वागत अभिनंदन किया। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कार्यक्रम में सावरकर जी के बलिदान को अविस्मरणीय बताया। इस अवसर पर कार्यक्रम सह संयोजक डा. अजय दत्त शर्मा, कार्यक्रम प्रभारी डा महेश दत्त शर्मा, सहयोगी अश्वनी व मनीष पांडेय ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।