ब्यूरो
लखनऊ। आयुर्वेद विभाग में लाखों की दवाएं स्टोर में डंप हैं। मरीजों को देने के बजाय इन्हें एक्सपायर किया जा रहा है। इसका खुलासा खुद आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु के निरीक्षण में हुआ है। मामले में मंत्री ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश देते हुये पूरे प्रदेश में जांच के निर्देश दिये हैं।
बताया जा रहा है कि आयुष सोसायटी सहित अलग-अलग मद से करोड़ों की दवाएं खरीदी गयी और क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी को इसे हर जिले के औषधालय पर भेजवाने का जिम्मा सौंपा गया। लेकिन अधिकारियों ने दवाओं को स्टोर में ही डंप करा दिया। इसी बीच आयुष मंत्री बुधवार शाम अचानक लखनऊ के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय पहुंच गये। वहां करीब पांच लाख की दवाएं स्टोर में बेतरतीब रखी हुई मिलीं। इसमें कुछ एक्सपायर होने के करीब हैं तो कुछ एक्सपायर्ड हो गयी हैं। मंत्री की नाराजगी के बाद बृहस्पतिवार को विशेष सचिव सुखलाल भारती व निदेशक डॉ. एस एन सिंह जांच के लिए पहुंचे। दोनों ने स्टोर में दवा का मिलान कराया।
आयुष मंत्री ने बताया कि लखनऊ में मामला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश के स्टोर की जांच करायी जा रही है। उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया कि पूरे प्रकरण में उच्चाधिकारियों की भी लापरवाही है। यदि अधिकारी स्टोर में रखी दवाओं की निगरानी करते तो वे औषधालय में पहुंच गयी होती। यह सीधे-सीधे सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है।
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