हमारे विभाग में रहेगी जीरो टॉलरेंस की नीति : धर्मवीर प्रजापति

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मंत्री धर्मवीर प्रजापति के तेवर से होमगार्ड,कारागार विभाग में दहशत में ‘भ्रष्टाचार ,खुशी से झूम रही ‘ईमानदारी…

धर्मवीर प्रजापति के आक्रामक तेवर:

1-3 साल से एक जगह तैनात अधिकारियों का होगा तबादला

2-ईमानदार अधिकारियों को मिलेगी नई तैनाती

3-मुख्यमंत्री की नीतियों पर काम करने वाले अधिकारियों को मिलेगा सम्मान,विपरित चलने वालों को…

4-सरकार की साख खराब करने वाले अधिकारियों तैयार रहें तबादला या निलंबन के लिये…

  संजय पुरबिया

लखनऊ। होमगार्ड,कारागार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार मंत्री के तेवर ने दोनों विभाग में भूचाल ला दिया है। होमगार्ड हो या कारागार विभाग,यहां पर पिछले कई वर्षों से अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की पराकास्ठा पार कर दी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा…। मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ की नीतियों पर चलने वाले अधिकारियों को ही मिलेगा सम्मान और इसके विपरित चलने वालों पर चलेगा मंत्री धर्मवीर प्रजापति का चाबुक…। होमगार्ड मंत्री के आक्रामक तेवर का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि एक दिन पूर्व मुख्यालय पर तैनात स्टॉफ ऑफिसर टू कमांडेंट जनरल ए.पी.सिंह का तबादला कर संदेश दे दिया कि अब मुख्यालय सहित सूबे में तीन वर्ष से अधिक समय से जमें राजनीतिबाज अधिकारियों की कुर्सी भी हिलेगी। मंत्री के तेवर से दोनों विभाग में जहां भ्रष्ट अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं वहीं ईमानदार छवि और सरकारी नीतियों के तहत काम करने वाले अधिकारियों के हौसले बुलंद हो गये हैं। सीधी बात करें तो लंबे समय से खाली चल रही होमगार्ड मंत्री की कुर्सी पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति के बैठने के बाद से इस विभाग की रंगत पूरी तरह से बदल गयी है। अब काम कम राजनीति ज्यादा कर विभाग की इमेज का डैमेज करने वाले अधिकारियों के बुरे दिन आ गये हैं। यूं कहा जाये कि अब जेल और होमगार्ड विभाग में ‘भ्रष्टाचार ‘  भयाक्रांत है और ‘ईमानदारी’  झूमने लगी है…।

बता दें कि वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ से होमगार्ड विभाग की जिम्मेदारी अनिल राजभर को सौपी। अनिल राजभर के कार्यकाल में इस विभाग में कई ऐसे काम हुये जिससे विभाग की छवि धूमिल हुयी। मसलन,वसूली और भ्रष्टाचार के मामले में कई मंडलीय कमांडेंट, जिला कमांडेंट सहित कई कर्मचारी जेल की सलाखों में पहुंच गये। बता दें कि नोयडा (गौतमबुद्धनगर) में लंबे समय से होमगार्डों की ड्यूटी लगाने सहित बेवजह आरोप लगाकर बर्खास्त करने के बाद बहाली के नाम पर हर माल लाखों रुपये की वसूली होती थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुये शासन स्तर पर जांच बिठायी गयी और पाया गया कि नोयडा के कमांडेंट राम नारायण चौरसिया प्रति माह 20 लाख रुपये से ऊपर की कमाई कर रहे हैं। टीम नोयडा गयी और पुख्ता सबूत इकट्ठा कर जिला कार्यालय के आलमारी में सारी पत्रावली रखकर लखनऊ आ गयी। उसी रात कमांडेंट राम नारायण चौरसिया ने जिस आलमारी में जांच के दस्तावेज रखे थे आग लगवा दी। मामला इतना उछला कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन को निर्देशित किया कि इस मामले में दोषी अधिकारी आज ही जेल भेजे जाये और पुलिस के अधिकारियों ने अगले दिन ही कमांडेंट राम नारायण चौरसिया सहित पी.सी.पी सतीश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दियाये वही चौरसिया हैं, जो मेरठ में कमांडेंट पद पर तैनात थे तो एक महिला होमगार्ड के साथ कार्यालय में छेडख़ानी कर रहे थे और उस महिला ने इन्हें चप्पलों से मारा था। इसी दरम्यान ,लखनऊ के पूर्व कमांडेंट कृपाशंकर पाण्डेय एवं बी.ओ. राजकुमार को जवानों की ड्यूटी लगाने के नाम पर हर माह लाखों रुपये की वसूली के आरोप में जेल भेजा गया था। विभाग की छवि धूमिल होते देख मुख्यमंत्री ने अनिल राजभर को होमगार्ड विभाग से हटाकर विकलांग विभाग का मंत्री बना दिया था।

उसके बाद इस विभाग की कमान स्व. चेतन चौहान को सौंपी गयी लेकिन कुछ माह बाद उनकी मृत्यु हो गयी और तबसे ये विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास था। अब किसी की हैसियत नहीं थी कि वो मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा सके इसलिये मुख्यालय पर तैनात कुछ अधिकारियों ने जमकर तांडव मचाया। बता दें कि मुख्यालय पर लगभग 10 वर्ष से तैनात एसएसओ सुनील कुमार पर कई गंभीर आरोप लगे लेकिन येन-केन प्रकारेण वे आज भी यहीं तैनात हैं। बताया जाता है कि सुनील कुमार मुख्यालय पर ही तीन वर्ष तक जेएसओ,चार माह डीटीसी पर तैनात थे और लगभग सात वर्ष से एसएसओ के पद पर कुंडली मारकर बैठे हैं। सुनील कुमार के कहने पर ही मुख्यालय पर तैनात जेएसओ मनोज कुमार पर बागपत में तैनात महिला कमांडेंट नीता भरतिया द्वारा गंभीर आरोप लगाया था। इस मामले की जांच न्यायालय में लंबित है और इस प्रकरण से विभाग की खूब किरकिरी हुयी थी। बताया जाता है कि सुनील कुमार मुख्यालय पर तैनात रहते हुये अपने चहेते अधिकारियों को किसी ना किसी बहाने से मुख्यालय से अटैच करा कर हर माह लाखों रुपये का टीए-डीए बनवाते रहते हैं। उन्हें इससे नहीं वास्ता कि सरकारी धन का दुरूपयोग हो रहा है। इसी तरह,सीतापुर में तैनात कमांडेंट विनोद कुमार द्विवेदी लगभग सात वर्ष से तैनात हैं और इन पर वसूली के कई गंभीर आरोप लगाये जाते रहे हैं। बताया जाता है कि ड्यूटी के नाम पर वसूली ना देने पर जवानों को कमरे में बंद कर मारने का काम भी करते हैं। एक ही मंडल पर लंबे समय से कुंडली मारने वाले अधिकारियों में वाराणसी के मंडलीय कमांडेंट ए.के.पाण्डेय हैं,जो वर्ष 2018 से तैनात हैं, आर.के.आजाद वर्ष 2017 से झांसी में तैनात हैं,आगरा में मंडलीय कमांडेंट  अमित मिश्रा लंबे समय से तैनात हैं। इसी तरह कई ऐसे साफ छवि के अधिकारी हैं जो जुगाड़ ना होने और शासन की परिक्रमा लगाने में कमजोर खिलाड़ी साबित होने पर सालों से एक ही जिले में पड़े हैं।लेकिन अब राजनीतिबाज अधिकारियों की एक ना चलेगी क्योंकि होमगार्ड मंत्री की कमान संभालने के बाद से ही मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने एक के बाद एक सकारात्मक कार्रवाई कर संदेश दे दिया कि विभाग में उसी अधिकारी को सम्मान मिलेगा जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर चलेगा और जो इसके विपरित चलने वालों को किसी सूरत में नहीं बखशेंगे मंत्री धर्मवीर प्रजापति…

एक ही कुर्सी पर तीन वर्ष से अधिक समय से जमे अधिकारियों के तबादले पर होमगार्ड राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि मुख्यमंत्री की नीति के विपरित कोई अधिकारी चलेगा तो अंजाम ठीक नहीं होगा। मुख्यमंत्री जी ने सुशासन की नीति बनाया है,सबको उसी पर ही चलना होगा। श्री प्रजापति ने सख्त तेवर में कहा कि जीरो टॉलरेंस की नीति हमारे विभागों में रहेगी। सरकार की छवि खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। होमगार्ड विभाग में ईमानदार अधिकारी भी हैं लेकिन उनकी पहुंच ना होने की वजह से वे साईड लाइन में पड़े हैं,इस सवाल पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि पहले क्या हुआ,उससे कोई लेना-देना नहीं,अब वही होगा जो मुख्यमंत्री जी चाहेंगे। विभाग को आगे ले जाने का काम करने वाले अधिकारियों को पूरा सम्मान देंगे और सरकार की साख खराब करने वालों को तबादला या निलंबन का दंश झेलना पड़ेगा।

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