होमगार्ड विभाग में मंडलीय कमांडेंट की बर्बरता: मोची से ‘पॉलिस’ ना कराकर रात में करा रहें ‘चौकीदारी’
मोची शंकर प्रसाद ने रात 11 बजे रो-रोकर सुनायी डीआईजी को आपबीती
डीआईजी विवेक सिंह ने दिया आश्वासन: किसी तरह रात काट लो कल ठीक हो जायेगा…
बड़ा सवाल : बारिश में फटे टेंट और एक कुर्सी पर कैसे बैठेंगे दो जवान ?
बड़ा सवाल : आखिर मोची और बैंडमैनों से क्यों करा रहे घास,झाडिय़ों की कटाई ?
बड़ा सवाल : मुख्यालय ने सुरक्षा के लिये 10 जवान और 12 संतरी दिये तब मोची,बैंडमैन से क्यों करवा रहे बेगारी ?
आखिर मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार के खिलाफ जवानों ने खूब लिखा लेकिन मुख्यालय ने क्यों नहीं की कार्रवाई ?
संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के होमगार्ड विभाग में अधिकारियों और जवानों से स्वीकार कर लिया है कि अब उनके अभिभावक मंत्री धर्मवीर प्रजापति हैं। बेहिचक जवान अपनी बातों को उन तक पहुंचा रहे हैं और फौरी कार्रवाई भी हो रही है। मंत्री की सकारात्मक सोच का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वे राह चलते होमगार्डों को चिलचिलाती दुपहरिया में देखते हैं तो उनके बैठने और छाह में ठहरने का निर्देश जारी कर देते हैं। वहीं इस विभाग में कुछ ऐसे तानाशाह अधिकारी हैं जो शायद विभागीय मंत्री के उलट काम कर सरकार की साख खराब करने पर आमादा हैं। रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में बीती रात मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार ने इतना अमानवीय कार्य किया,जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे। रात्रिपाली में नियम के विरुद्ध उन्होंने मोची शंकर और एक अन्य जवान की ड्यूटी ट्रेनिंग सेंटर की सुरक्षा में लगा दिया। खुले मैदान में जवानों के बैठने के लिये पहले एक तखत और और दो कुर्सी रहती थी लेकिन बीती रात सिर्फ एक कुर्सी रखी थी। अब रात्रिपाली में सुरक्षा जांचने के बाद यदि बैठना हो तो दो जवान एक कुर्सी पर कैसे बैठेंगे ? सोचने वाली बात यह है कि जब मुख्यालय ने सुरक्षा के लिये 10 जवान और 12 संतरी दे रखा है तो मंडलीय कमांडेंट ने मोची शंकर प्रसाद से रात की डयूटी क्यों करा रहे हैं ? रात में कटियार मोची से किसके जूतों में पॉलिस करवाते हैं ? क्या वहां भूतों का डेरा है,जो इतने शौकीन हैं कि रात के अंधेरे में पॉलिस करवाने आते हैं ? इसी तरह,बैंडमैनों से बैंड बजवाने क बजाये उनसे घास और झाड़ी कटवाते रहते हैं,क्यों ? कटियार जी, बैंडमैन टेक्रिकल श्रेणी में आते हैं,इनसे आप किसी सूरत में घार और झाड़ी नहीं कटवा सकते…। ये अलग बात है आप अपने पद की गरिमा को कलंकित करने का काम कर रहे हैं। बात जो भी हो,मंडलीय कमांडेंट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्री धर्मवीर प्रजापति की साख को खराब करने का कृत्य कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात जवान मानसिक उत्पीडऩ के शिकार हो रहे हैं। अपने पद की गरिमा का दुरुपयोग कर ट्रेनिंग सेंटर के मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार सुरक्षा में तैनात जवानों से उनका काम ना कराते हु ये टेक्रिकल श्रेणी के जवानों से सुरक्षा और घास की कटाई करा रहे हैं। जवानों में आक्रोश है। मंडलीय कमांडेंट ने शंकर प्रसाद-मोची और एक जवान को ट्रेनिंग सेंटर गेट पर रात्रिपाली में 12 बजे से सुबह 8 बजे तक की ड्यूटी लगा रखा है। वहां पर बैठने के लिये एक तखत और दो कुर्सी रखी रहती थी ताकि पहरा के बाद जवान आराम से बैठ सकें लेकिन बीती रात वहां से तखत और एक कुर्सी हटा दी गयी। सिर्फ एक कुर्सी बैठने के लिये थी और दो जवान ड्यूटी पर…। फटे टेंट के नीचे एक कुर्सी पर जवान कैसे बैठे,सोचने की बात है। जवानों ने बताया कि मानसिक प्रताडऩा देने के लिये ऐसा किया जा रहा है। शंकर मोची ने इसकी शिकायत बीती रात डीआईजी,ट्रेनिंग सेंटर विवेक सिंह को बताया। डीआईजी ने पूरा माजरा समझा और आश्वासन दिया कि किसी तरह रात काट लो,सुबह ठीक कराते हैं।
इसी तरह,बैंडमैन का काम वैवाहिक कार्यक्रम या विभागीय कार्य में बैंड बजाना होता है और ये लोग भी टेक्रिकल श्रेणी में आते हैं,फिर इनसे मंडलीय कमांडेंट हर दिन घास और झाड़ी क्यों कटवा रहे हैं? घास काटने वाले जवानों से क्या घर में पोछा लगवा रहे हैं? बात जो भी प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के ट्रेनिंग सेंटर में जवानों से कैदियों सा बर्ताव हो रहा है तो ऐसा लगता है सभी जगह जवान अधिकारियों के अमानवीय व्यवहार से जूझ रहे होंगे…। रामनगर ट्रेनिंग सेंटर के बैंडमैनों ने बताया कि हमलोगों को डीआईजी से इंसाफ की उम्मीद है। यदि न्याय नहीं मिला तो अपने अभिभावक,मंत्री धर्मवीर प्रजापति के शरण में जायेंगे…