लखनऊ।
एलडीए बोर्ड की 178वीं बैठक में बेघर और बेरोजगारों के हित में कई फैसलों को मंजूरी दी गई। अब आप आसान किस्तों पर मकान (फ्लैट) एवं दुकान खरीद सकते हैं। वहीं, एलडीए की योजनाओं में अब दो घरों और दुकानों को जोड़कर आकार बढ़ाया जा सकेगा। इसी तरह बड़े मकान एवं दुकान (कम से कम 1000 वर्ग फीट) के दो से अधिक हिस्से करके उस पर निर्माण कर सकेंगे। वहीं, आउटर रिंग रोड और ग्रीन कॉरिडोर के तय दायरे में निर्माण करने वालों से विशेष सुख-सुविधा वसूला जाएगा।
एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी एवं अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े 1700 फ्लैट को किस्त पर बेचने की बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। ये फ्लैट आम जनता के साथ ही सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों एवं बैंकों के कर्मचारी खरीद सकते हैं। हालांकि आम जनता के लिए डाउनपेमेंट फ्लैट की कीमत का 35 फीसदी, तो सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों एवं बैंकों के कर्मचारियों के लिए 25 फीसदी होगा।
अहम फैसले जो आम शहरी की जिंदगी में लाएंगे बदलाव: अर्द्ध सरकारी विभागों एवं बैंकों के कर्मचारी ऐसे खरीद सकेंगे फ्लैट यह फ्लैट सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों एवं बैंकों के कर्मचारी कीमत का महज 25 फीसदी डाउनपेमेंट करके कब्जा पा सकेंगे। बाकी कीमत को 10 साल में आसान मासिक किस्तों में चुकाने की सुविधा होगी। ये फ्लैट कर्मचारी पहले आओ, पहले पाओ योजना के तहत ही पा सकेंगे। ऐसे पाएंगे कब्जा: सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों एवं बैंकों के कर्मचारियों को फ्लैट की कीमत का 10 फीसदी पंजीकरण शुल्क देना होगा। वहीं आवंटन हो जाने पर कीमत का 15 फीसदी और जमा करना होगा। रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के दौरान ही फ्लैट की मौजूदा कीमत के अनुसार स्टाम्प पेपर ले लिया जाएगा। यह 25 फीसदी डाउनपेमेंट से अलग होगा। इसके बाद कब्जा दे दिया जाएगा। 10 साल में किस्त पूरी होने पर रजिस्ट्री कर दी जाएगी। आमजन को 35 फीसदी कीमत जमा करने पर मिलेगा फ्लैट पर कब्जा आम जनता अगर खाली पड़े फ्लैटों को खरीदना चाहती है तो उसे कीमत का 35 फीसदी डाउनपेमेंट देना पड़ेगा। इसके लिए कीमत का 10 फीसदी देकर पंजीकरण कराना होगा। फ्लैट का आवंटन होने पर 25 फीसदी रकम और जमा करनी होगी। बाकी कीमत को दस साल की मासिक किस्तों में चुका सकेंगे। इन्हें भी कब्जा पाने के लिए मौजूदा कीमत के अनुसार स्टाम्प पेपर देना होगा।
450 दुकानें खाली पड़ी हैं, सात साल की मासिक किस्त पर खरीद सकेंगे गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, जानकीपुरम, जानकीपुरम विस्तार, बसंतकुंज, मानसरोवर आदि योजनाओं में खाली पड़ी 450 दुकानें सात साल के आसान किस्तों पर बेचेगा। इनका आवंटन नीलामी के जरिये होगा। शर्त यह भी है कि दुकान जिस दशा में हैं, उसी दशा में बेची जाएंगी। यानी मेंटेनेंस आपको खुद कराना होगा। दुकान की कीमत का 25 फीसदी डाउनपेमेंट करने पर कब्जा मिल जाएगा।
व्यावसायिक भूखंड 20 फीसदी तक सस्ते सीजी सिटी, गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार सहित अन्य योजनाओं में खाली पड़े 100 व्यावसायिक भूखंडों को 20 फीसदी तक सस्ता करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। व्यावसायिक संपत्ति की कीमत को राज्य सरकार के फॉर्मूले के जरिये तय किया गया, जिससे कीमत घटी है। यानी सीजी सिटी में अब तक जो व्यावसायिक संपत्ति 1.13 से 1.14 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, वह घट करके लगभग 92 से 93 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई है। इससे व्यावसायिक भूखंड आसानी से बिक सकेंगे।
अब दो मकान या रिहायशी भूखंड या चार व्यावसायिक भूखंड को जोड़ सकेंगे अब दो मकान या रिहायशी भूखंड या चार व्यावसायिक निर्माण स्थल या भूखंड को आपस में जोड़ सकेंगे। वहीं, बड़े मकान एवं दुकान (कम से कम 1000 वर्ग फीट) के दो से अधिक हिस्से कर निर्माण किए जा सकेंगे। यह नई व्यवस्था है। अब तक मकान को न तो जोड़ सकते थे न बांटकर निर्माण कर सकते थे। बड़े मकान एवं दुकान के हिस्से कर निर्माण करने पर इनके मानचित्र अलग-अलग पास कराने होंगे। रिहायशी भूखंड के मामलों में सर्किल रेट का एक फीसदी, कार्यालय एवं अन्य उपयोग के लिए सर्किल रेट का 2 फीसदी और व्यावसायिक के लिए 3 फीसदी मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए अतिरिक्त चुकाने होंगे। प्लॉटों या मकानों का बंटवारा करने पर रिहायशी के लिए 10 फीसदी और व्यावसायिक के लिए 15 फीसदी विकास शुल्क देना होगा। एलडीए को मकान, दुकान की बिक्री से 1500 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है।