ब्यूरो,लखनऊ। ‘द संडे व्यूज‘ ने 11 जनवरी को होमगार्ड विभाग में जवानों से वसूली के नाम पर खून चूसने वाले कमांडेंट के कारनामों का खुलासा किया था। बलरामपुर घूस काण्ड: ‘क्या गोण्डा कमांडेंट चंदन सिंह जायेंगे जेल’? शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर को गंभीरता से लेते हुये डीजी बी के मौर्या ने विभागीय जांच बिठा दी। फिलवक्त जांच चल रही है लेकिन डीजी के निर्देश पर आज गोण्डा के कमांडेंट चंदन सिंह से तत्काल प्रभाव से बलरामपुर का अतिरिक्त छिन लिया गया है। अयोध्या के कमांडेंट को बलरामपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है। ‘द संडे व्यूज़’ अगले अंक में बतायेगा कि जब चंदन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गया है उसके बावजूद उसे सस्पेंड़ क्यों नहीं किया गया ? स्टाफ आफिसर टु कमांडेंट जनरल विनय कुमार मिश्र द्वारा 5 फरवरी को जारी पत्र मे स्पष्ट रूप से कमांडेंट चंदन सिंह से बलरामपुर का प्रभार हटाकर अयोध्या के कमांडेंट को सौंपने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि 11 जनवरी को बलरामपुर घूस काण्ड: ‘क्या गोण्डा कमांडेंट चंदन सिंह जायेंगे जेल’? शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी होमगार्ड विभाग के कमांडेंट चंदन सिंह ने ऐसा काम कर दिया कि शीतलहरी में भी ‘घूसखोर अफसरों’ के पसीने छूट रहे हैं। एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार की शाम होमगार्ड लालता प्रसाद से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा और ए टूडीसी होमगार्ड मनिराम भार्गव को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद बीओ ने एंटी करप्शन के अफसरों के सामने खुलकर कहा कि अवैध वसूली कमांडेंट चंदन सिंह के कहने पर कर रहे थे। कमांडेंट बलरामपुर में मीटिंग ले रहे हैं और बैठक खत्म होने के बाद हमलोग यहां पर आये थे। बीओ ने यह भी उगला कि होमगार्ड लालता प्रसाद का स्पष्टीकरण खत्म करने के लिये कमांडेंट ने 25 हजार रुपये की मांग की थी,जिसकी पहली किश्त आज 15 हजार रुपये लेने आये थे। बयानों के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने कमांडेंट चंदन सिंह,बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा और एटूडीसी मनिराम भार्गव के खिलाफ एफआईआर दर्ज ली है। बड़ा सवाल है कि बीओ को तो एटूडीसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया,क्या कमांडेेंट चंदन सिंह भी होंगे गिरफ्तार ? क्या चंदन सिंह जायेंगे जेल ? क्या विभाग कमांडेंट चंदन सिंह के खिलाफ लेगा एक्शन ?
सवाल इसलिये क्योंकि कमांडेंट चंदन सिंह जब मुरादाबाद में तैनात थे,तभी से विवादों से उनका नाता रहा है। इन्हें वहां से हटाकर गोण्डा सजा के तौर पर भेजा गया था लेकिन यहां भी होमगार्डों से अवैध वसूली करने के नाम पर आतंक मचा रखा है,तभी तो गोण्डा के ईमानदार बीओ से इनका विवाद सुर्खियों में रहा। एंटी करप्शन द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर में अभियुक्तों में बीओ,एटूडीसी और कमांडेंट का नाम है। बीओ ने बयान में सीधे तौर पर कमांडेंट चंदन सिंह का नाम लिया है। तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में धारा 7,13 1 बी व धारा 13 2 दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि होमगार्ड विभाग के मंत्री धर्मवीर प्रजापति और डीजी बी के मौर्या की सख्ती से पूरा विभाग सदमें में है लेकिन पैसे की हवस ने कुछ कमंाडेंट को अंधा बना दिया है। इनका प्रति माह का टार्गेंट फिक्स है,फिर वो चाहें जिस तरह से आये। कभी जवानों की वर्दी ठीक ना होने,बालों में ठीक से कंघी ना करने या फिर जूतों में पॉलिस ठीक से ना किया हो…। कमांडेंट के वसूलीमैन बीओ और एटूडीसी ही होते हैं। राह चलते जवानों ने यदि टोपी नहीं पहन रखी या वर्दी ठीक नही है तो उसका ये लोग फोटो खिंच लेते हैं और अपने मुखिया कमांडेंट को सौंप देते हैं। अब कमांडेंट निलंबन का पत्र तैयार कराकर अपने वसूली मैनों को वसूली का टार्गेट बता देते हैं।
बता दें कि कमांडेंट कभी सीधे पैसा नहीं लेता है…। लालता प्रसाद प्रकरण में भी यही हुआ है। कमांडेंट की अवैध वसूली से परेशान होमगार्ड लालता प्रसाद 5 जनवरी को एंटी करप्शन के अधिकारियों के पास पहुंचा और सारी बात बतायी। होमगार्ड ने बयान में बताया कि 22 जनवरी को उसकी ड्यूटी देहात कोतवाली,बलरामपुर के एसबीआई बैंक से रात नौ बजे से सुबह पांच तक की थी। डयूटी खत्म कर मैं वापस घर जा रहा था उसी दौरान बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा और एटूडीसी मनिराम भार्गव मिले। 29 जनवरी को बलरामपुर जिला कार्यालय बुलाया गया और मुझे नोटिस थमा दी गयी। उसके बाद मैंने बीओ और एटूडीसी से बात की तो उन्होंने बताया कि कमांडेंट चंदन सिंह मान नहीं रहे हैं। वे एक माह का वेतन मांग रहे हैं,तभी मामला खत्म होगा। पैसा दे दो नहीं तो वे बर्खास्त कर देंगे। इससे आजिज आकर मैंने रिश्वत की पहली किश्त 15000 रुपये देकर रंगे हाथ पकड़वाना चाहता हूं ताकि भ्रष्टाचार खत्म हो सके । उसी के बाद एंटी करप्शन टीम ने तहसील में पीपल के पेड़ के नीचे होमगार्ड को भेज दिया। नोटों पर अधिकारियों ने फिनाफ्थलीन पाउडर लगाकर होमगार्ड को थमा दिया। जैसे ही बीओ नोट गिनने लगा टीम ने दबोच लिया।
गिरफ्तारी के बाद एंटी करप्शन टीम को अभियुक्त बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा ने भी बताया कि हमलोगों ने कमांडेंट चंदन सिंह से नोटिस के बारे में बात किया तो उन्होंने कहा कि जवान से बोलो एक माह का वेतन 25000 रुपये दे दे तो मैं नोटिस की कार्यवाही समाप्त कर दूंगा। चंदन सिंह व मनिराम के निर्देश पर मैं पहली किश्त 15 हजार रुपये लिया हूं। उनके आदेश के बिना मैं इतनी बड़ी रकम नहीं ले सकता था,मुझसे गल्ती हो गयी है।
बात जो भी हो,बात खुल गयी तो हंगामा हो गया लेकिन विभाग के भरोसेमंद अधिकारियों की बातों को मानें तो कमांडेंट चंदन सिंह गोण्डा के अलावा अतिरिक्त जिला के तौर पर बलरामपुर देख रहे हैं। इनकी प्रति माह की वसूली लगभग चार लाख रुपये की हो रही है। द संडे व्यूज़ वसूली की पुष्टि तो नहीं करता लेकिन डंके की चोट पर ये तो कह ही सकता हूं कि कमांडेंट चंदन सिंह प्रतिमाह लाखों की वसूल कर रहे हैं और सच जानना है तो इनकी आय से अधिक संपत्ति की जांच करा ली जाये। ये नहीं कई ऐसे भी कमांडेंट हैं जिनका लक्ष्य है हर माह कितने लाख रुपये की कमाई की जाये और उसके लिये चंदन सिंह की तरह ही प्लानिंग की जा रही है। कमांडेंट चंदन सिंह ने बताया कि पकड़े गये बीओ के कहने पर पर एफआईआर में मेरा नाम है…