मिरजापुर में ‘गर्मी’ और ‘अधिक उम्र’ होने से 11 होमगार्डों की मौत हुयी: कमांडेंट बी.के.सिंह

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.बयानवीर कमांडेंट क्या डॉक्टर बन गये हैं ?पोस्टमार्टम रिपोर्ट आया नहीं कैसे बोल दिये मौत अधिक उम्र होने से हुयी ?

.कोई भी लोकसेवक मृत्यु के संबंध में बयान नहीं दे सकता,मेडिको लीगल या पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहिये

संजय पुरबिया

लखनऊ । आसमान से निकल रही ज्वाला ने धरती के तापमान को झुलसा दिया है। सभी जगह त्राहिमाम मचा है, उस पर से लोकसभा चुनाव में ड्यूटी कर रहे अधिकारी और जवान भीषण गर्मी से मौत के मुंह में समा रहे हैं। 1 जून को लोकसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान है जिसमें मिर्जापुर चुनावी डयूटी पर आये बाहरी जिलों के 11 होमगार्डों की मौत हो गयी जबकि जबकि 16 होमगार्डों को ट्रामा सेंटर में इलाज के लिये भर्ती किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि मिर्जापुर के जिला कमांडेंट बी.के.सिंह ने न्यूज चैनलों पर बयान जारी किया है कि अधिक उम्र होने की वजह से हमारे पांच जवानों की मौत हो गयी है। ऐसा आपत्तिजनक बयान देकर उन्होंने जहां अपने विभाग की छवि धूमिल की वहीं सवाल भी खड़ा कर दिया कि जब जवानों की उम्र अधिक थी तो उन्हें चुनावी ड्यूटी में मरने के लिये क्यों भेजा गया? वैसे भी अभी तक पांचों जवान का पोस्टमार्डम नहीं हुआ है,फिर कमांडेंट ने ये कैसे कह दिया कि अधिक उम्र होने की वजह से इनकी मौत हुयी है? क्या होमगार्ड कमांडेंट डॉक्टर की डिग्री भी ले रखे हैं? क्या ऐसा कर बयानवीर कमांडेंट ने अपनी सीनियर डिवीजनल कमंाडेंट सुधाकराचार्य पाण्डेय से वार्ता कर उक्त बयान दिया था? यदि नहीं तो बयानवीर कमांडेंट बी.के.सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है। कमांडेंट के बयान से शासन और मुख्यालय के अफसरों में रोष व्याप्त है।

बता दें कि 1 जून को होने वाले सातवें चरण के मतदान के लिये मिर्जापुर में बाहर के जिलों से आये11 होमगार्डों की मौत हो गयी जबकि 16 जवानों को ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया। सभी जवान चुनावी डयूटी में आये थे। मृतक जवानों के नाम क्रमश: अरूण कुमार श्रीवास्तव-गोण्डा- जन्मतिथि 16-8-1971, बच्चाराम चौबे-गोण्डा- जन्मतिथि 10-9-1969, रामजियावन यादव-गोण्डा,जन्मतिथि 1-1-1965,प्राग नरायण मिश्र-गोण्डा जन्मतिथि13- 8- 1964, त्रिभूवन सिंह,प्रयागराज- 18-11-1973, रामकरन सिंह- प्रयागराज,जन्मतिथि 27-5-2024, सत्यप्रकाश पाण्डेय-बस्ती,जन्मतिथि 1-1-1972,श्यामसुंदर गर्ग, बांदा, जन्मतिथि 7-8- 1967, श्यामबहादुर सिंह-फतेहपुर, जन्मतिथि 1-7-1970, कृष्णकांत अवस्थी-मिरजापुर, जन्मतिथि1- 3-1965,काशीराम 1-1-1965 है।

जवानों के मौत की खबर आग की तरह सूबे में फैल गयी। हॉस्पिटल में भर्ती जवानों पर कवरेज करने जब अखबार,न्यूज चैनल वाले पहुंचे तो मौके पर मंडलीय कमांडेंट सुधाकराचार्य पाण्डेय और जिला कमांडेंट बी.के.सिंह मौजूद थे। बताया जाता है कि चैनल वालों को देख छपास रोग में माहिर कमांडेंट ने ताबड़तोड़ बयान दे डाले। उन्होंने कहा कि मिरजापुर में पत्थरों से आग निकल रही है…डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक से लोगों की जान जा रही है। जब पूछा गया कि जवानों की मौत क्यों हुयी? जवाब दिया कि गर्मी और अधिक उम्र होने की वजह से उनकी मौत हुयी है…। कमांडेंट को मालूम होना चाहिये कि जब तक मृतकों को पोस्टमार्टम न हो जाये,तब तक प्रत्येक लोकसेवक को मृत्यु के संबंध में मीडिया के सामने किसी भी प्रकार का निष्कर्षयुक्त बयान या निर्णायक बयान नहीं देना चाहिये। यदि बयान देना अपरिहार्य ही हो तो मेडिको लीगल,पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक इंतजार करने की बात कहनी चाहिये थी। 

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