गंगा में उफान से सभी घाट डूबे, मणिकर्णिका की छत पर जल रहीं चिताएं

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संवाददाता, वाराणसी। बनारस छोड़ अन्य सभी जगहों पर हाे रही अच्छी वर्षा के चलते गंगा मेें उफान आ गया है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से स्थितियां विषम होना आरंभ हो गई हैं। इससे तटवासियों में अफरा-तफरी व्याप्त है। शहर के सभी 84 घाट डूब चुके हैं। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के शवहदाह स्थल जलमग्न हो चुके हैं, इसके चलते घाट की छत पर शवदाह किया जा रहा है तो गंगा आरती भी दशाश्वमेध सहित विभिन्न घाटों की छतों पर पहुंच चुकी है। तेज लहरों के बहाव व उफान के कारण गंगा में क्रूज छोड़ सभी छोटी-बड़ी नावों का संचालन बंद कर दिया गया है।

वहीं आठ घंटे बाद शाम को चार बजे तक इसमें 44 सेमी की वृद्धि हुई और यह 66.90 मीटर पर पहुंच गया था। केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा खंड कार्यालय के अनुसार सोमवार से ही गंगा के जलस्तर में पांच सेमी प्रति घंटा के वेग से वृद्धि जारी है जिसके पास लोगों को राहत, न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है वही समस्याग्रस्त है। ये हाल सदर तहसील परिसर का जहां 10 मिनट बरसात के बाद 10 घंटे तक पानी लगा रहता है। सदर तहसील के बीच में पहले तो ठीक बीच में ईवीएम का गोदाम बनाकर तीन भागों में बांट दिया गया है। पश्चिम तरह एसडीएम, तहसीलदार आदि के न्यायालय और कार्यालय हैं। पूर्वी भाग में पुराने जर्जर कानूनगो, लेखपाल और अमीन आदि के कमरे हैं। अब हालत यह है कि बरसात के बाद एसडीएम कोर्ट के सामने से लेकर तहसीलदार कोर्ट, खतौनी वितरण केंद्र आदि में पानी लग जाता है।

बारिश के बाद वाहनों की भीड़ एक साथ सड़कों पर चली तो मंगलवार की शाम को शहर की प्रमुख सड़कें जाम की चपेट में आ गईं। इसमें फंसे वाहन जल्दी आगे निकलने के चक्कर में इस तरह उलझे कि उन्हें निकालने की जुगत ट्रैफिक पुलिस के जवान देर तक नहीं निकाल सके।

हार्न के शोर के बीच बारिश में भीगते जाम में फंसे लोग परेशान होते रहे। शाम को लगभग चार बजे तेज बारिश शुरू हुई। इससे बचने के लिए सड़क पर चल रहे लोग वाहनों को किनारे लगाकर दुकानों-मकानों के छाजन के नीचे शरण लिए।

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