संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। ट्रांसफर सीजन ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है। इस पर सवार होने के लिये होमगार्ड विभाग के घाघ कमांडेंट बड़े जिलों की चाहत में दिन-रात एक किये हुये हैं। शतरंज की चाल बिछ गयी है और सभी मंत्री,डीजी को साधने में लग गये हैं। जुगाड़ से लेकर बिरादरी की दुहाई देने से लेकर रिश्तेदारी की प्यादें बिछ गयी है। मुख्यालय पर बैठा एक शातिर अधिकारी ,जिसने पिछले ट्रांसफर सीजन में तबादला तो कराया ही लेकिन उसमें से एक बड़ा हिस्सा खुद डकार गया। वो फिर सक्रिय है और ढेरों घाघ कमांडेंट उसके घर की परिक्रमा कर रहे हैं। देखना है कि किसका जुगाड़ सटिक बैठता है क्येंकि कई कमांडेंट तो सबसे बड़ी रकम ऊपर पिछले ट्रांसफर सीजन में ही दे दिया लेकिन मिला गोला…।
देखने की बात ये होगी कि शतरंज के कौन से मोहरे सही खाने पर बैठते है,मसलन जुगाड़,बिरादरी या फिर सबसे बड़ी रकम पहुंचाने वालों की…। द संडे व्यूज़ करेगा खुलासा और बतायेगा कि किसने पिछले ट्रांसफर सीजन में बड़े जिले के लिये कितना चढ़ावा चढ़ाया था और इस बार कौन कितना देने का दम भर रहा है। भईया,दावा तो हम नहीं कर रहें क्योंकि ये विभाग ही ऐसा है कि मृतक आश्रित भर्ती,वर्दी-जूतों में कमियां निकालने,मनचाही ड्यूटी लगाने का घृणित कार्य कर अधिसंख्य कमांडेंट करोड़ों के मालिक बन गये हैं। इसलिये थोड़ा इंतजार कीजिये…बतायेंगे कौन क्या खेला खेलने जा रहा है?